भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

(c)२०००-२०२३. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor: Gajendra Thakur

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Tuesday, September 30, 2008

मैथिली भाषा

"विदेह" मैथिली ई-पत्रिकाक नव १९ म अंक आऽ पुरान १८ टा अंक देखबाक लेल नीचाँक लिंक पर जाऊ।
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मिथिलाक ध्वज ग़ीत- गजेन्द्र ठाकुर

मिथिलाक ध्वज फहरायत जगतमे,
माँ रूषलि,भूषलि,दूषलि, देखल हम,
अकुलाइत छी, भँसियाइत अछि मन।
छी विद्याक उद्योगक कर्मभूमि सँ,
पछाड़ि आयत सन्तति अहाँक पुनि,
बुद्धि, चातुर्यक आऽ शौर्यक करसँ,
विजयक प्रति करू अहँ शंका जुनि।
मैथिली छथि अल्पप्राण भेल जौँ,
सन्ध्यक्षर बाजि करब हम न्योरा,
वर्ण स्फोटक बनत स्पर्शसँ हमर,
ध्वज खसत नहि हे मातु मिथिला।


महाभारतमे उल्लेख अछि, जे इन्द्र-ध्वजा गाढ़ नील रंगक होइत छल। रामक ध्वजा लाल-गेरुआ रंगक छलन्हि आ’ एहि पर कुलदेवता सूर्यक चित्र अंकित छल। महाभारतमे अर्जुनक ध्वजा पर वानरराजक चित्र छल। नकुलक ध्वजा पर सरभ पशुक चित्र छल। अथर्ववेदक अनुसार सरभ पशु दू माथक , दूट सुन्दर पंख बला, एकटा नमगर पुछी बला आ’ सिंहक समान आठ नोकगर पैरक आँगुर युक्त्त होइत छल।अभिमन्युक द्वजा पर सारंग पक्षी छल। दुर्योधनक ध्वजा सर्पध्वजा छल। द्रोणक ध्वजा पर मृगछाल आ’ कमण्डल छल।कर्णक ध्वजा पर हाथीक पैरक जिंजीर छल, आ’ सूर्य सेहो छलाह।
भगवान विष्णुक ध्वजा पर गरुड़ अंकित अछि। शिवक ध्वजा पर नंदी वृषभ अंकित अछि।
दुर्गा मण्डपमे शस्त्र,ट्क्का,पटह,मृदंग, कांस्यताल(बाँसुरीकेँ छोड़ि), वाद्य ध्वज,कवच आ’ धनुष केर पूजन होइत अछि। एहिमे सर्वप्रथम खड्गक पूजा होयबाक चाही। तकरा बाद चुरिका, कट्टारक, धनुष, कुन्त आ’ कवच केर पूजा आ’ फेर चामर,छत्र,ध्वज,पताका,दुन्दुभि,शंख, सिंहासन आ’ अश्व केर पूजा होइत अछि। हमरा हिसाबे मिथिलाक कोनो झंडा बिना एहि सभक सम्मिलनक संपूर्ण नहि होयत।

विदेह ई-पत्रिकाक सभटा पुरान अंक ( ब्रेल, तिरहुता आ देवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल विदेह आर्काइवमे उपलब्ध अछि। All the old issues of Videha e journal ( in Braille, Tirhuta and Devanagari versions ) are available for pdf download in Videha Archive.

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