भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

(c)२०००-२०२३. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor: Gajendra Thakur

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(c) २००-२०२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि।  भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.htmlhttp://www.geocities.com/ggajendra  आदि लिंकपर  आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html  (किछु दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html  लिंकपर, स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha  258 capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/  भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर  मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह" पड़लै।इंटरनेटपर मैथिलीक प्रथम उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,जे http://www.videha.co.in/  पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA

Friday, October 03, 2008

मैथिली भाषा केर ई पत्रिका

मैथिली भाषाक पहिल ई पत्रिका "विदेह" क १९ टा अंक ई-प्रकाशित भऽ चुकल अछि आऽ एकरा एखन धरि (१ जनवरी २००८ सँ २ अक्टूबर २००८ धरि)७०,४९७ बेर देखल गेल अछि (गूगल एनेलेटिक्स डाटा)।

"विदेह" मैथिली ई-पत्रिकाक नव १९ म अंक आऽ पुरान १८ टा अंक देखबाक लेल नीचाँक लिंक पर जाऊ।
http://www.videha.co.in/

अपन रचना-सुझाव-टीका-टिप्पणी ई-मेलसँ पठाऊ-
ggajendra@videha.com पर।


For reading just released 19th issue and 18 old issues of "VIDEHA" Maithili e-journal go to the link below:-
http://www.videha.co.in/

Send your creation-suggestion through e-mail to-
ggajendra@videha.com


पथक पथ- गजेन्द्र ठाकुर

स्मृतिक बन्धनमे
तरेगणक पाछाँसँ
अन्हार गह्वरक सोझाँमे
पथ विकट। आशासँ!

पथक पथ ताकब हम
प्रयाण दीर्घ भेल आब।

विश्वक प्रहेलिकाक
तोड़ भेटि जायत जौँ
इतिहासक निर्माणक
कूट शब्द ताकब ठाँ।

पथक पथ ताकब हम
प्रयाण दीर्घ भेल आब।

विश्वक मंथनमे
होएत किछु बहार आब
समुद्रक मंथनमे
अनर्गल छल वस्तु-जात

पथक पथ ताकब हम
प्रयाण दीर्घ भेल आब।

विदेह ई-पत्रिकाक सभटा पुरान अंक ( ब्रेल, तिरहुता आ देवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल विदेह आर्काइवमे उपलब्ध अछि। All the old issues of Videha e journal ( in Braille, Tirhuta and Devanagari versions ) are available for pdf download in Videha Archive.