गजल
एना हमरा दिस किएक देखैत छी अहाँ
लाल टरेस आखिँए किएक गुम्हरैत छी अहाँ
कोन खराप जँ अहाकँ करेज पर लिखा गेल हमर नाम
जँ मेटा सकी तँ मेटा सकैत छी अहाँ
पीअर रौद मे नाचि रहल उज्जर बसात अनवरत
उदास सन गाम मे केकरा तकैत छी अहाँ
पानि जेना बचए तेना बचाउ एखन ,हरदम
जल-संकटक समय मे किएक कनैत छी अहाँ
धेआन सँ परिवर्तन देखू चोरबा बदलि लेलक समय
राति भरि जागि कए दिन मे सुतैत छी अहाँ