गजल
एना हमरा दिस किएक देखैत छी अहाँ
लाल टरेस आखिँए किएक गुम्हरैत छी अहाँ
कोन खराप जँ अहाकँ करेज पर लिखा गेल हमर नाम
जँ मेटा सकी तँ मेटा सकैत छी अहाँ
पीअर रौद मे नाचि रहल उज्जर बसात अनवरत
उदास सन गाम मे केकरा तकैत छी अहाँ
पानि जेना बचए तेना बचाउ एखन ,हरदम
जल-संकटक समय मे किएक कनैत छी अहाँ
धेआन सँ परिवर्तन देखू चोरबा बदलि लेलक समय
राति भरि जागि कए दिन मे सुतैत छी अहाँ
धेआन सँ परिवर्तन देखू चोरबा बदलि लेलक समय
ReplyDeleteराति भरि जागि कए दिन मे सुतैत छी अहाँ.
बहुत सुन्दर.
badhiya kam aapne kiya. mujhe bhi prerna mili.apne priy lekhak 'RENUJI' lo behtar tareeke se jan paunga,yah ummed jagi.
ReplyDeleteधेआन सँ परिवर्तन देखू चोरबा बदलि लेलक समय
ReplyDeleteराति भरि जागि कए दिन मे सुतैत छी अहाँ
गजलक आत्मा मे अहाँ पैसि गेल छी आकि गजल अहाँक हृदयमे बसि गेल अछि, आ सएह कारण अछि दिन प्रतिदिन अहाँक गजलक नूतनताक।
पीअर रौद मे नाचि रहल उज्जर बसात अनवरत उदास सन गाम मे केकरा तकैत छी अहाँ
ReplyDeletebahut nik aashis ji
aashish ji ahan maithili gazalak udiyman nakshatra chhi
ReplyDeleteaashish ji ahan gazal samrat chhathi
ReplyDeletekatek phuraiye aashis ji, vicharak te kono kami nahi achhi
ReplyDeleteएना हमरा दिस किएक देखैत छी अहाँ लाल टरेस आखिँए किएक गुम्हरैत छी अहाँ कोन खराप जँ अहाकँ करेज पर लिखा गेल हमर नाम जँ मेटा सकी तँ मेटा सकैत छी अहाँ पीअर रौद मे नाचि रहल उज्जर बसात अनवरत उदास सन गाम मे केकरा तकैत छी अहाँ पानि जेना बचए तेना बचाउ एखन ,हरदम जल-संकटक समय मे किएक कनैत छी अहाँ धेआन सँ परिवर्तन देखू चोरबा बदलि लेलक समय राति भरि जागि कए दिन मे सुतैत छी अहाँ
ReplyDeleteएना हमरा दिस किएक देखैत छी अहाँ लाल टरेस आखिँए किएक गुम्हरैत छी
ReplyDeleteaashish ji ekdam innovative