भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

(c)२०००-२०२३. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor: Gajendra Thakur

रचनाकार अपन मौलिक आ अप्रकाशित रचना (जकर मौलिकताक संपूर्ण उत्तरदायित्व लेखक गणक मध्य छन्हि) editorial.staff.videha@gmail.com केँ मेल अटैचमेण्टक रूपमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉर्मेटमे पठा सकै छथि। एतऽ प्रकाशित रचना सभक कॉपीराइट लेखक/संग्रहकर्त्ता लोकनिक लगमे रहतन्हि। सम्पादक 'विदेह' प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका ऐ ई-पत्रिकामे ई-प्रकाशित/ प्रथम प्रकाशित रचनाक प्रिंट-वेब आर्काइवक/ आर्काइवक अनुवादक आ मूल आ अनूदित आर्काइवक ई-प्रकाशन/ प्रिंट-प्रकाशनक अधिकार रखैत छथि। (The Editor, Videha holds the right for print-web archive/ right to translate those archives and/ or e-publish/ print-publish the original/ translated archive).

ऐ ई-पत्रिकामे कोनो रॊयल्टीक/ पारिश्रमिकक प्रावधान नै छै। तेँ रॉयल्टीक/ पारिश्रमिकक इच्छुक विदेहसँ नै जुड़थि, से आग्रह। रचनाक संग रचनाकार अपन संक्षिप्त परिचय आ अपन स्कैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौलिक अछि, आ पहिल प्रकाशनक हेतु विदेह (पाक्षिक) ई पत्रिकाकेँ देल जा रहल अछि। मेल प्राप्त होयबाक बाद यथासंभव शीघ्र ( सात दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत। एहि ई पत्रिकाकेँ मासक ०१ आ १५ तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।

 

(c) २००-२०२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि।  भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.htmlhttp://www.geocities.com/ggajendra  आदि लिंकपर  आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html  (किछु दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html  लिंकपर, स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha  258 capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/  भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर  मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह" पड़लै।इंटरनेटपर मैथिलीक प्रथम उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,जे http://www.videha.co.in/  पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA

Thursday, November 01, 2012

'विदेह' ११७ म अंक ०१ नवम्बर २०१२ (वर्ष ५ मास ५९ अंक ११७)PART I


                     ISSN 2229-547X VIDEHA
'विदेह' ११७ म अंक ०१ नवम्बर २०१२ (वर्ष ५ मास ५९ अंक ११७) India Flag Nepal Flag

 

ऐ अंकमे अछि:-

१. संपादकीय संदेश


२. गद्य








 

३. पद्य









३.७.१.शिवनाथ  यादव अर्चना  कुमाी २.हेम नारायण साहु ३.शिव कुमार यादव

३.८.१.अनिल मल्लिक २.अंशु माला पाण्डेय ३.शान्तिलक्ष्मी चौधरी ४.आशुतोष मिश्र
 गद्य-पद्य भारती:मन्त्रद्रष्टा ऋष्यश्रृङ्ग- हरिशंकर श्रीवास्तवशलभ"- (हिन्दीसँ मैथिली अनुवाद विनीत उत्पल)

 

भाषापाक रचना-लेखन -[मानक मैथिली], [विदेहक मैथिली-अंग्रेजी आ अंग्रेजी मैथिली कोष (इंटरनेटपर पहिल बेर सर्च-डिक्शनरी) एम.एस. एस.क्यू.एल. सर्वर आधारित -Based on ms-sql server Maithili-English and English-Maithili Dictionary.]

विदेह मैथिली पोथी डाउनलोड साइट
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विदेह ई-पत्रिकाक सभटा पुरान अंक ( ब्रेल, तिरहुता आ देवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल नीचाँक लिंकपर उपलब्ध अछि। All the old issues of Videha e journal ( in Braille, Tirhuta and Devanagari versions ) are available for pdf download at the following link.

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ज्योतिरीश्वर पूर्व महाकवि विद्यापति। भारत आ नेपालक माटिमे पसरल मिथिलाक धरती प्राचीन कालहिसँ महान पुरुष ओ महिला लोकनिक कर्मभमि रहल अछि। मिथिलाक महान पुरुष ओ महिला लोकनिक चित्र 'मिथिला रत्न' मे देखू।


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गौरी-शंकरक पालवंश कालक मूर्त्ति, एहिमे मिथिलाक्षरमे (१२०० वर्ष पूर्वक) अभिलेख अंकित अछि। मिथिलाक भारत आ नेपालक माटिमे पसरल एहि तरहक अन्यान्य प्राचीन आ नव स्थापत्य, चित्र, अभिलेख आ मूर्त्तिकलाक़ हेतु देखू 'मिथिलाक खोज'



मिथिला, मैथिल आ मैथिलीसँ सम्बन्धित सूचना, सम्पर्क, अन्वेषण संगहि विदेहक सर्च-इंजन आ न्यूज सर्विस आ मिथिला, मैथिल आ मैथिलीसँ सम्बन्धित वेबसाइट सभक समग्र संकलनक लेल देखू "विदेह सूचना संपर्क अन्वेषण"

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ऐ बेर युवा पुरस्कार(२०१२)[साहित्य अकादेमी, दिल्ली] लेल अहाँक नजरिमे कोन कोन लेखक उपयुक्त छथि ?

Thank you for voting!
श्रीमती ज्योति सुनीत चौधरीक अर्चिस” (कविता संग्रह)  29.88%   
 
श्री विनीत उत्पलक हम पुछैत छी” (कविता संग्रह)  5.39%   
 
श्रीमती कामिनीक समयसँ सम्वाद करैत”, (कविता संग्रह)  4.15%   
 
श्री प्रवीण काश्यपक विषदन्ती वरमाल कालक रति” (कविता संग्रह)  2.9%   
 
श्री आशीष अनचिन्हारक "अनचिन्हार आखर"(गजल संग्रह)  20.75%   
 
श्री अरुणाभ सौरभक एतबे टा नहि” (कविता संग्रह)  4.98%   
 
श्री दिलीप कुमार झा "लूटन"क जगले रहबै (कविता संग्रह)  5.39%   
 
श्री आदि यायावरक भोथर पेंसिलसँ लिखल” (कथा संग्रह)  4.15%   
 
श्री उमेश मण्डलक निश्तुकी” (कविता संग्रह)  21.16%   
 
Other:  1.24%   
 
 
 

ऐ बेर अनुवाद पुरस्कार (२०१३) [साहित्य अकादेमी, दिल्ली] लेल अहाँक नजरिमे के उपयुक्त छथि?

Thank you for voting!
Thank you for voting!
श्री नरेश कुमार विकल "ययाति" (मराठी उपन्यास श्री विष्णु सखाराम खाण्डेकर)  33.88%   
 
श्री महेन्द्र नारायण राम "कार्मेलीन" (कोंकणी उपन्यास श्री दामोदर मावजो)  11.57%   
 
श्री देवेन्द्र झा "अनुभव"(बांग्ला उपन्यास श्री दिव्येन्दु पालित)  10.74%   
 
श्रीमती मेनका मल्लिक "देश आ अन्य कविता सभ" (नेपालीक अनुवाद मूल- रेमिका थापा)  20.66%   
 
श्री कृष्ण कुमार कश्यप आ श्रीमती शशिबाला- मैथिली गीतगोविन्द ( जयदेव संस्कृत)  12.4%   
 
श्री रामनारायण सिंह "मलाहिन" (श्री तकषी शिवशंकर पिल्लैक मलयाली उपन्यास)  9.92%   
 
Other:  1%   
 

फेलो पुरस्कार-समग्र योगदान २०१२-१३ : समानान्तर साहित्य अकादेमी, दिल्ली

Thank you for voting!
श्री राजनन्दन लाल दास  46.43%   
 
श्री डॉ. अमरेन्द्र  33.93%   
 
श्री चन्द्रभानु सिंह  17.86%   
 
Other:  2%   
 
 

 

1.संपादकीय

जगदीश प्रसाद मण्डल- एकटा बायोग्राफी...(जारी...)
कपि‍लेश्वर राउतक ऐठामक घटना (बाबाक सराध) गामसँ बाहर धरि‍ जना आगि‍क लुत्ती भऽ गेल। ऐ घटनासँ छोट-पैघ अनेको घटना जन्‍म लेलक दूटा घटना ओइमे महत्वपूर्ण रहल, पहि‍ल रामावतार राउतक संग जे भेल आ दोसर बि‍‍देसर ठाकुरक संग जे भेल। दुनू गोटेक योगदानो नीक रहलनि‍।
मधेपुर ब्‍लौक थानाक संग-संग वि‍धान सभा क्षेत्र सेहो छल। आब नै अछि‍। ओइ समए अट्ठाइस पंचायतक ब्‍लौको आ थानो छल, तँए राजनीति‍क अड्डा सेहो रहल। कोसी-कमलाक बीच बसल ब्‍लौक अछि‍। तँए दुनूक (पूबमे कोसी, पछि‍ममे कमला) बीच जते छोटका बड़का, मुइलहा-जीतहा धार अछि‍ सभ मधेपुर ब्‍लौक होइत गुजरि‍ते अछि‍। एक दि‍स काेसी कटनि‍या कऽ बालुसँ बलुऔने अछि‍ तँ दोसर दि‍स कमलो। कि‍म्‍हरो बालु अछि‍ तँ कि‍म्‍हरो मोनि‍-मान सेहो अछि‍। देशक आजादीक लड़ाइमे मधेपुर ब्‍लौकक योगदान बि‍हारक कोनो ब्‍लौकसँ कम नै रहल अछि‍। जय प्रकाश बाबू, सुरज बाबू आ लखन जीक (डाॅक्‍टर लक्ष्‍मण झा) आवाजाही बेसी रहलनि‍, जइसँ अधि‍कांश गाममे स्‍थानीय नेतृत्‍व सेहो उभरल, अंचल स्तरपर सेहो उभरल। मधेपुर ब्‍लौकक उत्तरी छोरपर बेरमा पंचायत अछि‍ जे झंझारपुर आ फुलपराससँ लागल अछि‍। जहि‍ना उत्तरी छोरपर बेरमा पंचायत अछि‍ तहि‍ना पूर्बी छोरपर मैटरस पंचायत अछि‍। मैटरस पंचायतक जानल-मानल परि‍वार रामावतार राउतक छलनि‍। सम्‍पति‍शाली रहथि‍ मुदा कोसीमे गामे तहस-नहस भऽ गेल। कोसीक पछबरि‍या बान्‍हक भीतर पंचायत पड़ैत अछि‍। गामे होइत धार सेहो बहै छै। १९४७ ई.क आजादीक पछाति‍ क्षेत्रक जे सम्‍पति‍शाली लोक सभ छलाह वएह सभ गामक मुखि‍यो आ मुँह-पुरुखो छलाह। वर्गीय आधारपर राजनीति‍क पार्टी (कांग्रेस) ठाढ़ छल। तँए जत्ते गुदगर लोक छलाह, सबहक भितरि‍या संबंध सेहो छलनि‍। भितरि‍या संबंधक माने ई जे हुनका सबहक बीच जातीय बंधन कमजोर छलनि‍। ऐठाम एकटा वि‍चारणीय प्रश्न अछि‍ जे हुनका सभकेँ अपनामे माने एक-दोसर परि‍वारक बीच लेन-देन, खान-पीन, मदति‍-सहायता सभ कि‍छु छलनि‍ मुदा जाति‍क बीच राजनीति‍क वि‍भाजन सेहो पनपि‍ गेल छल, जेकर बल राजनीति‍क पार्टी सभकेँ भेटैत छल। लत्ती जकाँ ओ परि‍वार माने सुभ्‍यस्‍त परि‍वार सभ सजल छलाह। बेरमाक रामावतार राउत जे तहि‍या मैट्रीक पास नव युवक छलाह, भारतीय कम्‍युनि‍स्ट पार्टीक वफादार कार्यकर्त्ता रहथि। भा.क.पा.मे एक टर्म (तीन वर्ष) जि‍ला परि‍षद सेहो रहलाह। जहि‍ना कपि‍लेश्वर राउत तीन भाँइ, कपि‍लेश्वर, जागेश्वर आ लखन राउत तहि‍ना रामावतार राउत सेहो तीन भाँइ, सीताराम, रामावतार आ राम प्रसाद राउत‍। दू भाँइ रामावतारक बि‍आह मैटरसे भेल। ओना बरइ जाति‍ सभ गाममे नहि‍ये अछि‍ मुदा कि‍छु गाम सघन आबादीबला तँ अछि‍ये। जेहने सघन आबादीबला गाम मैटरस तेहने बेरमाे अछि‍, सए घरक लगभग अखनो अछि‍। मुदा दुनू गामक बीच एकटा दूरी सेहो अछि‍। जहि‍ना मैटरसमे एक परि‍वारक वर्चस्‍व, जइसँ सामंती सूत्र अधि‍क मजगूत, मुदा बेरमामे से नै अछि‍। कम आँट-पेटक (नि‍म्न-मध्‍यम) परि‍वार सभ, तँए वि‍चारोमे दूरी अछि‍ये। तहूमे कम्‍युनिस्ट पार्टी कोनो-ने-कोनो रूपमे १९६२ ई.सँ रहल। ओना ओइसँ पूर्वेसँ केस-फौदारी गाममे पकड़ि‍ लेने छल। मालि‍क सभ (जमीन्‍दार) सँ लड़ाइ चलि‍ रहल छल। चाहे ओ बलदेव बाबू (बलदेव झा, सरि‍सव पाही) होथि‍ आकि‍ लक्ष्‍मीकान्‍त, रमाकान्‍त साहु, झंझारपुर होथि‍। आन्‍दोलनक रूपमे तँ नै मुदा व्‍यक्‍ति‍गत रूपमे तँ छलैहे, जइसँ कि‍छु बजनि‍हार तँ छलाहे। राजनीति‍क आधारपर १९६२ ई.सँ मुकदमा उठल जे कि‍छुए दि‍नक पछाति‍ मरि‍ गेल। सभकेँ (पार्टीबला) अगि‍लगी केसमे फँसा सजा करबा देलकनि‍। मैटरसक मुखि‍या रामावतार राउत बेरमाक रामावतार राउतपर आक्रमण केलक। आक्रमण ई भेल जे दुनू भाँइ सीताराम राउत आ रामावतार राउतक बि‍आह मैटरसे भेल। सीताराम राउतक ससुर साधारणे परि‍वारक आ रामावतार राउतक ससुर (बेटाक अभावमे) बबाजि‍ये। दुनू गोटेकेँ मैटरसक रामावतार सामंती चाप दऽ कऽ दुनूकेँ बेटी आपस अनैले कहलखि‍न। दुनू मजबूर भऽ गेलाह। रामावतारक ससुर तँ कहि‍ देलखि‍न जे तोरा सबहक गाम छि‍अह, जे मन-फुरह से करह, हम जाइ छि‍अ। घुमन्‍तू बबाजी भऽ गेलाह। अपन दल-बलक संग रामावतार राउत बेरमा एलाह। बेरमाक प्रमुख अपन दल-बलक संग तैयारे रहथि‍न। जाति‍क बीच वि‍भाजनक मजगूत बान्‍ह (खेनाइ-पिनाइ बन्न) पड़ि‍ये गेल रहै। वि‍षम स्‍थि‍ति‍ बनि‍ गेल। वि‍षम ई जे जाति‍-सम्‍प्रदाय एते सक्कत बनल छल जेकरा तोड़ब धि‍या-पुताक खेल नै। जँ रोकल जाए तँ केना? जखने लड़ाइ उठत आकि‍ जाति‍क मुद्दा बनि‍ जाएत। घटनाक समए करीब बारह बजे रामावतार राउत बेरमा पहुँचल। वि‍न्‍घ्‍यनाथ ठाकुर पहि‍नेसँ मुसताइज। टोलबैये (गामक बड़ै टोल) अगि‍ला वाहन, बेरमाक रामावतार राउतक घरक चारूकात मर्द-औरत थहाथही करैत। रामावतारक पि‍ता सुबध राउत दुनू परानीक संग तीनू बेटाक बीच दरबज्‍जापर बैसि‍ नौताएल छागर जकाँ मरैले पुस्‍तैनी घराड़ीपर पीठ अोरि‍ देने रहथि‍। एक-दोसरक सभ मुँह तकैत, मन कहैत माए तूँ कते काल, बाबू तूँ कते काल, बेटा तूँ कते काल, बौआ तँू कते काल। दुनू दि‍यादि‍नी (रामावतारक पत्नीयो आ भौजाइयो) भनसा घरक ओसारक खूटा लगा बैसि‍ कनैत रहथि‍। दुनू दि‍यादि‍नीकेँ कहल गेलनि‍- अपना गहना-गुरि‍या जे अछि‍ से लऽ लि‍अ।
मुदा दुनू दि‍यादि‍नी कि‍छु नै बजलीह। दुनूक बाँहि‍ पकड़ि‍ टोलक स्‍त्रीगण आंगनसँ नि‍कालि अरि‍याइत कऽ सीमा टपा देलनि‍। ऐ संग दोसर घटना-रामावतारकेँ करीब चारि‍ बीघा जमीन छलनि, जइमे जमीन्‍दारीक घुरछीक चलैत अस्‍सी प्रति‍शत जमीनपर मुकदमा ठाढ़ कएल गेल। कोर्टक सभ बेवस्‍थाक भार आने-आन लऽ लेलखि‍न। मुदा जमीनक सबूतो होइ छै आ दखलो होइ छै। दखलबलाकेँ एते लाभ होइ छै जे उपजबैक मौका भेटै छै। सबूतक वि‍वाद कोर्टमे उठल। मुदा समाजक तागत मजगूत। तँए दखल रामावतारेक रहल। पछाति‍ सबूतो कोर्टसँ भइये गेल। करीब देढ़-दू बर्खक पछाति‍ रामावतार राउत (मैटरसबला) समझौता केलनि। समझौताक मुख्‍य कारक भेल जे सुबध राउत डटि‍ गेलाह जे पहि‍ने ओ अपना बेटीक बि‍आह करए तखन देखा देब‍ै, देखा देबैक अर्थ भेल जे जाति‍ तोड़ि‍ आन जाति‍मे कुटुमैती शुरू कऽ देब। होतसँ होतांग होइत देखि‍ सभ सहमलाह। तेकर एकटा कारण ईहो भेल जे कते दि‍न लाठी उठि‍ चुकल छल। शक्‍ति‍ परीक्षण भऽ चुकल छल। मुदा असल परीक्षण भेल जइ दि‍न इन्‍दि‍रा गाँधी शही‍द भेलीह ऐ घटनाक पछाति‍। समझौताक पछाति‍ दुनू लड़की आपस तँ एलीह मुदा मानसि‍क रोगसँ पीड़ि‍त भऽ गेलीह। एक सन्‍तानक पछाति‍ जेठकी, सीतारामक पत्नी आ दू सन्‍तानक पछाति‍ मझि‍ली (रामावतारक पत्नी), मरि‍ गेलखि‍न। दुनू बहि‍नि‍येँ। पछाति‍ दुनू भाँइक बि‍आह भेल जे परि‍वार अखन चलि‍ रहल अछि‍। दुर्गा पूजासँ होइत कपि‍लेश्वरक घटनामे बि‍‍देसर ठाकुरक नीक योगदान रहल। बोनि‍हार परि‍वार रहि‍तो बि‍‍देसर ठाकुरकेँ बात पकड़ैक ढंग आ दोसरकेँ बुझै-बुझबैक ढंग नीक छलै। परि‍वार बड़ नमहर नै मुदा छोटो नै। संयुक्‍त परि‍वार टुटैक पैघ कारण गरीबी सेहो होइत अछि‍। समाजमे एहेन परि‍वारक कमी नै जे कहता- ई सएओ घरक टोल फल्‍लेँक वंश छि‍अनि‍। मुदा अखन तते केसा-केसी भऽ गेल अछि‍ जे सम्‍पति‍ तँ गेबे केलनि‍ जे एक्कोटा-समांगो एहेन नै बँचलाह जे जहल जा खनदानक मर्यादा नै तोड़लनि‍। तीन पीढ़ी ऊपरसँ बि‍‍देसर ठाकुरक एक पुरखि‍याह परि‍वार तँए पुस्‍तैनी खेतो आ जजमनि‍कोमे काट-खोंट नै भेल, पोता धरि‍ सेहो सएह भेल अछि‍। एकटा बेटा आ चारि‍टा बेटी बि‍‍देसर ठाकुरकेँ। अपन आठ कट्ठा खेत, जइमे तीन कट्ठा धनहर, डेढ़-दू कट्ठा घराड़ी-महार बड़की पोखरि‍क ढि‍मका, बाकी गाछी-वि‍रछी। दस कट्ठा बटाइयो धनहर करैत। गामक जजमनि‍कामे करीब चौथाइ गाम। जेकर कमाइलक (साली) तरीका सेहो रंग-रंगक। मुदा ओहन गि‍रहस्‍त (दाढ़ी-केश कटबैबला) बेसी जे समैपर अगहनमे कमाइल दऽ दइ छथि‍न। दाढ़ी-केश मि‍ला कऽ एक पूर्ण आदमीक कमाइल एक धारा माने १२ सेर कच्‍ची, जे करीब सात कि‍लोक लगभग होइए आ आधा कमाइल एकटा केशक होइए‍। अही जि‍नगीमे चारू बेटि‍यो-जमाए, नाइतो-नाति‍न देखलनि, तहि‍ना बेटो-पुतोहु आ पोतो-पोती देखलनि।
बि‍‍देसर ठाकुर संग एक बेर जगदीश प्रसाद मण्डल मधुबनीक चकि‍या जहलमे रहथि आरो करीब दस आदमी। बि‍‍देसर ठाकुर कातमे जा कऽ गाँजा पीबैत रहथि। थानाक जमेदार देख लेलक। पकड़ने आबि‍ डंडा-बेड़ी कऽ देलकनि। एहेन परि‍स्‍थि‍ति‍मे की कएल जाए। खएर जे होउ, पछि‍मी मधुबनीक एकटा साथी सेहो रहथिन, मुँहगर-कन्‍हगर। राति‍मे खेला-पीला पछाति‍ सांस्‍कृति‍क कार्यक्रम एक-डेढ़ घंटा करै छला। डंडा-बेड़ी नेने बि‍‍देसर ठाकुर सेहो अपने बनाओल गीत- हमरा सन के अछि‍ बुरि‍बलेल/ बाले-बच्‍चे महींस पोसलौं/ प्रमुख-नथुनी सि‍ंह दरोगा खुटापर आबि‍ खोलि‍ लेल। हमरा सन...? जखने जेलक अन्‍दर एलौं/ पीपरक गाछ तर गांजा लटेलौं/ जेलर आबि‍ डंडा-बेरी‍ ठोकि‍ देल/ हमरा सन...? घामे-पसि‍ने खेती केलौं/ तुलसी-फूल ओ कनकजीर/ खोहे तरसँ सरुप सि‍ंह डेढ़ि‍यामे तोल लेल/ हमरा सन...?, विद्यापतिकेँ पहिनहिये छीनि लेल/ हमरा सन...?” गाबि‍ अपन वृतान्‍त सुनौलनि‍। पछमी मधुबनीबला साथी काफी प्रभावि‍त भेला। अपना लग बजा अपनो जि‍नगीक बात आ बि‍देश्वरो ठाकुरक बात सुनौलकनि‍/सुनलनि‍। भि‍नसरे जमेदारकेँ कहि‍ डंडा-बेड़ी हटबैत कवि‍ घोषि‍त कऽ देलकनि‍। जेलक स्‍टाफ सभ कवि‍ जी कहए लगलनि‍। मुदा जहलक भीतरेमे, बाहर नै। मनचोभि‍या नाचक नीक कलाकारमे बि‍‍देसर ठाकुर। अपन एहेन गुण जे फि‍ल्‍मो गीत आ सामाजि‍क गीतमे दू-चारि‍-पाँति‍ ओही तर्जपर गाबि‍ लै छलाह। मृत्‍यु दुखद भेलनि‍। आम तोड़ै काल गाछपरसँ खसि‍ पड़लाह जइमे डाँड़क हड्डी थकुचा गेलनि‍। ओना इलाज-बात जरूर भेलनि‍ मुदा कोनो कि‍ गट्टा टुटब आकि‍ घुट्ठी टुटब छी जे बड़बढ़ि‍या-बड़ बेश? मुदा साल भरि‍ ओछाइन धेला पछाति‍ उठि‍ कऽ ठाढ़ भेलाह। चौकपर सैलून शुरू केलनि‍। जइसँ पनरह-बीसक नगदो आ जजमनि‍को काज सम्‍हारए लगलाह। सुति‍ कऽ जगदीश प्रसाद मण्डल उठले रहथि कि‍ सुनलनि, बि‍‍देसर ठाकुर मरि‍ गेला। साँझमे गप-सप भेले रहनि। तँए बि‍सवासे ने होनि, मुदा एहेन गप झूठो तँ नहि‍ये होइत अछि‍। कि‍अए तँ गारि‍‍ओक सीमा जीवि‍ते धरि‍क अछि‍, मृत्‍यु तँ सराप छी।   बि‍‍देसर ठाकुरक घटना देखि‍ जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ सजल-धजल सामंत आँखि‍क परदापर नाचए लगै छनि। कि‍छु परि‍वार (जाति‍-वि‍शेष नै सम्‍पदा वि‍शेष) केँ छोड़ि‍ अधि‍कांश परि‍वार अपन जि‍नगीक अनुसार काज-उदेम करि‍ते छनि‍, बि‍‍देसर ठाकुरक पत्नी महींसि‍क पर्ड़ू कीनि‍ बहनतू महींस बनौलनि‍। नीक पोस एकटा बड़द सेहो। थानाक दारोगा सि‍पाही-चौकीदारक संग, नथुनी सि‍ंह अपन लठैतक संग आ वि‍न्‍ध्‍यनाथ ठाकुर अपन दूत-भूतक संग बि‍‍देसर ठाकुर ऐठाम पहुँचल। रस्‍ता कातमे घर, थहाथही लोक करैत। तीनू गोटे नथुनी सि‍ंह, वि‍न्‍ध्‍यनाथ ठाकुर आ दरोगा कनफुसकी कऽ महींस खोलि‍ लेलकनि‍! खोलला पछाति‍ की हुअए। कोनो कि‍ घुमा कऽ देब अछि‍ आकि‍ अपन बनाएब अछि‍। दरोगाजी कि‍ कहि‍ लऽ जेताह? केतबो ढील कानून छै तैयो तँ कोर्टकेँ कागज चाहबे करी।‍ वि‍न्‍घ्‍यनाथ ठाकुरकेँ दमे नै अँटलनि‍। दुत-भूत मुड़ी डोला देलकनि‍। लंठोक शक्‍ति‍मे जाति‍क वि‍भाजन रहल अछि‍। होइत-हबाइत महींस नथुनी सि‍ंह अपना ऐठाम लऽ गेलाह। सभतूर बि‍‍देसर ठाकुर गाममे घूमि‍-घूमि‍ गौआँकेँ कहलकनि‍। मुदा एक लोर कानैक सि‍बा दोसर उपाइये की अछि‍। जखन बि‍‍देसर ठाकुर सबहक (करीब दस-बारह आदमी) बीच पहुँचलाह तखन जान दइले तैयार। लड़ाइयोक उत्‍साह होइ छै, जँ से नै तँ मनोरंजनक लेल लोक कि‍अए जान गमबैए। कि‍छु गोटे एहने, तँए एक रंगक वि‍चार उठल। एक पंचायत‍क समस्‍या दोसर पंचायत पहुँचि गेल तँए एक पंचायत‍क नै दू पंचायतक समस्‍या बनि‍ गेल। मुदा मूल तँ ओतए अछि‍ जे एकटा महींसक खाति‍र मनुष्‍यक जि‍नगी जाए। महींसक तँ बोन लगा सकैए मनुष्‍य, मुदा हजारो महींसि‍क बोन बुते एकटा मनुख ठाढ़ कएल हएत? तत्-काल वातावरणमे नरमी आएल। मुदा जहि‍ना हरदी जड़ि‍मे जहर सेहो फड़ैए, किएक तँ हरदी कहै छै हम बिखकट्टा छि‍औ। तहि‍ना कि‍छु दि‍नक पछाति‍ बि‍‍देसर ठाकुर सभकेँ बैसा बाजल- जते लोक महींस खोललक ओइमे बेसी हमरे जजमान अछि‍, ओकरा सभकेँ केश-दाढ़ी काटब छोड़ि‍ देबै। हमर कमाइ जाएत, ओकरा बत्तू बना टहलेबै। मुदा कमाइयो केना जाएत? कमेबे ने करबै तँ कमाइ कथीक लेबै।प्रश्न उठैत अछि‍ जदी कि‍यो अपन समस्‍याक समाधानक लेल ठाढ़ हुअए तँ कि‍ कएल जाए? सबहक बीचेमे बि‍देसर ठाकुर संकल्‍प लऽ लेलनि जे केश नै कटबै। केश नै कटैक बात जना अकासमे उड़ि‍या गेलै; बलजोरी करैक दम कि‍नको नै अँटलनि‍। इलाकाक स्‍थि‍ति‍ भि‍न्न-भि‍न्न तरहक, तँए भि‍न्न-भि‍न्न तरहक लड़ाइयो। जमीनक लड़ाइमे नागेन्‍द्रजी (डॉ. नागेन्द्र झा, पैटघाट) केँ थानामे टांगि‍ सैयो लाठीसँ देह चूरि‍ देने रहनि‍, जइसँ जि‍नगी भरि‍ हाथ-पएर टेढ़े रहलनि‍। कामेसर राम (फुलपरास) पच्‍चीस-तीस गोटेक संग तीन सालसँ जहलमे, जे सभ मडर केसमे फँसल। तहि‍ना राम प्रसाद सहनी (पचही) केँ ट्रकमे उनटा बान्‍हि‍ रोडपर घि‍सि‍औने रहनि‍। अखन धरि‍ जे कोनो मुकदमा भेल छल ओकर कोनो जबाब मुकदमासँ नै देल गेल छल, जे महींसक घटनासँ शुरू भेल। तीनू गोरे दरोगा, नथुनी सि‍ंह आ वि‍न्‍ध्‍यनाथ ठाकुरपर मुकदमा कएल गेल। ओना दर्जनो केश भऽ चुकल छल। थानाक एक पक्षीय बेवहार देखि‍ सभ ि‍नर्णए कऽ लेलनि जे ने थाना केस करए जेता आ ने कोनो केसक संबंधमे कहए जेता। जे हेतै से कोर्टेसँ हेतै। महींसक बरामदगी हाई कोर्टसँ भेल। वीरेन्‍द्र जी (माननीय न्‍यायमूर्ति, उच्‍च न्‍यायालय-पटना) काज केने रहथि‍न। बि‍देसर ठाकुरक केशकट्टी झंझटक पंचैतीमे प्रमुख जीक पंच बौकू ठाकुर (नौए) भेला। बि‍देसर ठाकुर अपन पंच अपने हेताह, दसटा समाज सुनि‍नि‍हार हेताह, प्रमुखोजी अपन सुनि‍नि‍हार रखथि‍, मुदा बजता दुनू पंचेटा, निर्णय भेल। पनचैतीक अजीव आकर्षण, आकर्षणक कारण भेल जे कते-बेर बि‍देसर ठाकुर असगरोमे पटका-पटकी कऽ लै छला। तइमे बि‍देसर बदनाम भऽ गेल छला। पनचैतीक दोसर आकर्षण छल बौकू ठाकुरक भाषा।
जि‍नगीक पहि‍ल दि‍न एहेन भाषासँ भेँट भेल।“, जगदीश प्रसाद मण्डल मोन पाड़ै छथि।
एक तँ आलंकारि‍क शैली, तइ बीच एक पाँति‍ प्रमुख जीक पक्ष आ बि‍देसर ठाकुरक वि‍पक्षमे बाजि‍ जाथि‍ तँ दोसर पाँति‍ बि‍देसरक पक्षमे प्रमुख जीक वि‍पक्ष बाजि‍ जाथि‍। सुनि‍नि‍हार सभ भाषेक (शब्‍द-जाल) जालमे ओझरा जाथि। बि‍देसरो ठाकुरक समाज आ प्रमुखो जीक समाज बौकू ठाकुरक भाषेमे ओझरा जाथि। पनचैती कि‍ हएत जे घौंघाउजे भऽ जाए। पक्ष-वि‍पक्षक बीच जाधरि‍ समदर्शी बनि‍ सोलह (सोरह) आनापर कील नै गड़त ताधरि‍ ओकर सोर पताल दि‍स केना जाएत? जाधरि‍ सोरसँ सि‍र बनि‍ धरतीसँ अकास दि‍स नै उठत ताधरि‍ सोर पाबि‍-पाबि‍ सोरहा केना हएत। कते बेर पर-पनचैती बैसल मुदा ने समझौता टुटल आ ने झंझट फड़ि‍आएल। तइ बीच एहेन भेल जे सभ दि‍याद बि‍देसरो ठाकुर अपना समाज (नौआ समाज) मे बैसि‍ फेरसँ गि‍रहस्‍तक बँटबारा कऽ लेलनि। मुदा पनचैती पछुआएले रहल‍।
बि‍नु डायरीक जि‍नगीमे तारीक-मड़कुमा घटना होइत अछि‍ दि‍न-महीना नै। तइ बीच लौकहीमे जि‍ला-सम्‍मेलन भेल। लौकही हाइ स्‍कूलपर सम्‍मेलनक आयोजन भेल रहै, लौकहा स्‍टेशनसँ सवारीक अभावमे कि‍छु गोटे छोड़ि‍ जगदीश प्रसाद मण्डल सभ पएरे गेल रहथि। सवारी अभावक कारण सड़क रहनि। एकटा जीप, तइमे के सभ जेताह। ऑफि‍सक कागजातक संग जि‍ला कार्यालय। तइ संग भोगेन्‍द्र जीक चारि‍ दि‍नक सम्‍मेलन भेलनि। नीक जुटान भेल छल। जि‍ला भरि‍क संगी, जि‍ला भरि‍क चालि‍-ढालि‍क संग जुटान। सम्‍मेलनक दोसर दि‍न दुनू गोटे प्रति‍नि‍धि‍, माने जगदीश प्रसाद मण्डल आ रामावतार संगे भोगेन्‍द्रजी सँ भेँट केलनि‍, ओ एकटा छोटे कोठरीमे असगरे सि‍मटि‍येपर बि‍छान बि‍छा चरि‍हत्‍थी गमछा ओढ़ने जगले पड़ल रहथि‍। दुनू गोटेकेँ पहुँचि‍ते उठि‍ कऽ बैसि पुछि‍ देलखि‍न- की हाल-चाल गामघरक अछि‍?” भोगेन्‍द्रजीमे जबरदस गुण रहनि‍ जे कोनो बातकेँ जड़ि‍सँ पकड़ैत छलखि‍न। कपि‍लेश्वर ऐठामक सराधबला घटना भऽ चुकल छल, एक-हरफीमे रामावतार सुना देलकनि‍। मुदा हालेमे अपनो ओही काजसँ गुजरल रहथि‍, केस कटौले रहनि‍। काेनो तरहेँ समाज छानि‍-बान्‍हि‍ कऽ पार लगाैलकनि‍, तइसँ गुजरले रहथि‍। बि‍टि‍या-बि‍टि‍या सभ सवाल उठौलखि‍न। सवि‍स्‍तार घटनाक चर्च रामावतार कऽ देलखिन‍, गुम भऽ गेलाह। कि‍छु समए पछाति‍ गुम्‍मी तोड़ि‍ अपनो घटनाक चर्च केलनि‍। रामावतार नवका पुरहि‍त भेले रहथि‍, तँए भोगेन्‍द्रजी मानि‍ जाथि‍न। पुन: दोहरबैत रामावतार पुछलखिन‍- कॉमरेड, हमरा ऐठामक केहेन भेल?” भोगेन्‍द्रजी जबाब देलखि‍न- जहि‍ना सोझे नाक छुअब होइए आ घुमा कऽ छुअब सेहो होइए, तहि‍ना सूदखोरी, महाजनी सोझे छुअब भेल बाँकी जे भेल से घुमा कऽ छुअब भेल। तँए एकरा सामाजि‍क आर्थिक रूपमे देखि‍यौ। समाजक भीतर आर्थिक ढाँचा एहेन ठाढ़ अछि‍ जेकर समीकरण जरूरी भऽ गेल अछि‍। मुदा से के करत?” कहि‍ चुप भऽ गेलाह। तही बीच पूर्व वि‍धायक लाल बि‍हारी आबि‍ गेलाह। सम्‍मेलनक काज बूझि‍ दुनू गोटे बहरा गेला। जगदीश प्रसाद मण्डल  मधेपुर जि‍ला सम्‍मेलनक पछाति‍ जि‍ला नेतृत्‍वमे एला आ क्षेत्रमे समए देब शुरू केलनि। गामे-गाम ओझराएल, अपन-अपन मुद्दा अपन-अपन लड़ाइ। कतौ माछक कारोबार तँ कतौ मुँह-पुरखीक। जमीनक छुति‍यो ने कतौ, तहि‍ना महाजनि‍योक। जि‍ला सम्‍मेलनक कार्यक्रममे जे मुद्दा छै तइसँ भि‍न्न लड़ाइ छै। लक्ष्‍मीकान्‍त-रमाकान्‍त साहुक जमीनपर बटाइदारी शुरू भेल। अपनो बुझै छथि‍ आ बेरमाक लोक सेहो बुझैत अछि‍ जे अपने खेती करै छलाह आकि‍ बटेदार करैत छल। बटाइदारी शुरू होइते एकटा मुर्दघट्टी परतीपर आठ-दसटा सरधुआ पोखरि‍क घर जकाँ घर ठाढ़ कऽ जखन जगदीश प्रसाद मण्डल सभ खेत दि‍स बढ़ला आकि‍ अपना-अपना घरमे आगि‍ लगा, अट्ठाइस गोटेकेँ अगि‍लग्‍गी केसमे फँसा देलकनि। आठ-दसटा घर बनबैक कारण छलै केसकेँ सीरि‍यस बनबैले, मुद्दै-गबाह हएत। तइ बीच एकटा घटना घटल। कि‍सुन देव मण्‍डल चाहक दोकान करैत छलाह। ओहो पार्टीक जुझारू कार्यकर्त्ता। जगदीश प्रसाद मण्डल सबहक बैसारक अड्डा सेहो छलनि। जगदीश प्रसाद मण्डल सभ चारि‍-पाँच गोटे रहथि। पचाससँ ऊपर सदाए (मुसहर) सभ कोदारि‍-सहत लेने आबि‍ चाहक दोकानक आगूमे यत्र-कुत्र बाजए लगला। ठाढ़ भऽ कऽ जगदीश प्रसाद मण्डल सभ जबाब दि‍अए लगलखिन। सदाय सबहक हाथमे हथि‍यार, तइपर ताड़ी-दारू पीने‍, दोसराक कहलमे। तइ बीच गाम दि‍स हल्‍ला भऽ गेलै जे कि‍सुनदेव ऐठाम हसेरा-हसेरी भऽ गेलै। जे जत्तै रहए से तत्तैसँ लाठी नेने दौगल। टोल आ दोकानक बीचेमे मारि‍ फँसि‍ गेल। जबरदस मारि‍ भेल। कते गोटेकेँ कान-कपार फुटल। केस-फौदारी आ जहलक भय समाप्‍त भऽ गेल छलै। एकतीस दि‍नक भीतर अट्ठाइसो मुदालहक जमानत भऽ गेलै। जमानतक पछाति‍ जमीनक दखल दि‍हानी शुरू भेलै। गड़बड़ भऽ गेल रहै जे, जे असल बटेदार रहै ओ केस नै केलक आ जे बटेदार नै रहै ओ केस केलक। स्‍पष्‍ट रूपमे गाम दू भागमे बँटा गेल रहै। ओना ऊपरसँ दुइये पार्टी बूझि‍ पड़ै मुदा चोरनुकबा माने भीतरे-भीतर तेसरो पार्टी बनि‍ गेल रहै। तेसर ई रहै जे खूलि‍ कऽ सोझामे नै आबै मुदा दि‍न-राति‍ कनफुसकी पाछू लागल रहै। पहि‍लुके धक्कामे जमीनदार बूझि‍ गेल जे जमीन जेबे करत, बनि‍याँ रहबे करए, तरे-तर जमीन बेचब शुरू केलक। ओना जमीनसँ सम्‍बन्‍धि‍त कि‍छु पुरनो कानून छलै, कि‍छु नवको बनल जेना हदबंदी, आ कि‍छु नहि‍यो छलै। तीस-चालीस बर्ख पहि‍ने बकास्‍तक लड़ाइ भऽ चुकल छल। ओना बकास्‍तक लड़ाइ असानीसँ सम्‍पन्न भेल रहै। लोकोक बीच अधि‍कारक महत छल। कि‍छु गोटे व्‍यक्‍ति‍गत रूपमे केस लड़ि‍ बिनु अधि‍कारक सेहो जमीन दखल कऽ लेने छला। जमीनक बीच कानूनी ओझरी नीक जकाँ नै मुदा लागि‍ जरूर गेल छल। १९३५ ई.सँ पूर्व जे अंग्रेज वि‍रोधी आजादीक दि‍शा छल ओइमे धक्का लागल। वामपंथी वि‍चार अपन पहचान बना नेने छल। १९२५ ई.मे कम्‍युनिस्ट पार्टी सेहो बनि‍ गेल छल। सुभाष बाबू सेहो अपन दृष्‍टि‍कोण रखलनि‍। जमीनक ओझरी ई भेल जे बटाइदारी कानून पछुलका सर्वेमे सि‍कमी बटाइ कऽ कऽ खति‍यान बनि‍ चुकल छल। भूदानी आन्‍दोलन सेहो उठि‍ये चुकल छल। बटाइदारीक संग हदबंदी (अर्थात् बीस बीघासँ ऊपर बलाक जमीन लऽ लेल जेतै।) कानून सेहो बनि‍ चुकल छल। तहूमे पछि‍मी मधुबनी जि‍लामे बटाइदारी लड़ाइ धुर-झाड़ चलैत रहए। ओना ि‍सर्फ जमीनदारे नै, बेसि‍यो जमीनबला आ ओकर जे लगुआ-भगुआ रहै ओहो आ कि‍छु राजनीति‍क दल सेहो जाति‍-सम्‍प्रदायक नामपर राजनीति‍क पार्टी ठाढ़ कऽ नेने छल। एक तँ गरीबक बीच सामंती संस्‍कार धकेल कऽ नि‍च्‍चा  खसौने रहै, दोसर कम्‍युनिस्ट पार्टीकेँ समाजक भीतर जाति‍-धर्म वि‍रोधी कहि‍ घृणाक पात्र बनौने रहै, जइसँ दरबज्‍जापर पहुँचलापर वि‍चि‍त्र स्‍थति‍ पैदा होइत छल। मधुबनी-दरभंगा जि‍लाक सौभाग्‍य रहल जे, जे जाति समाजक नि‍यामक रहलाह ओही जाति‍क नेतृत्‍वमे कम्‍युनि‍स्ट पार्टी बनल रहए, कम्‍युनि‍स्ट पार्टीक भीतर ब्राह्मण नेतृत्‍व अधि‍क छल। ओना सभ जाति‍क बीच कम्‍युनि‍स्ट पार्टीक पहुँच रहल। खास कए कऽ खजौली आरक्षि‍त भेने अनि‍वार्यो भऽ गेल रहै। १९५५ ई.क पूर्व बि‍हारक राजनीति‍मे जाति‍क प्रभाव नगण्‍य छल मुदा जोर पकड़ए लागल। जइसँ वर्गीय स्‍वरूप नै पनपि‍ जातीय स्‍वरूप पनपि‍ गेल। जाति‍-जाति‍क वि‍भाजन भऽ गेल। मुदा आजादीक फल एते तँ भइये गेल छल जे सभकेँ भोटक अधि‍कार भेट गेल छलै। सरकारक बीच कुर्सी पटका-पटकी १९६२ ई.सँ शुरू भऽ गेल छल। एम.एल.ए, एम.पी.क बदला-बदली हुअए लागल। आमजन ठकाइत रहलाह। ठकाइत-ठकाइत एते ठका गेलाह जे गामक बीस बीघा जमीनबलाकेँ बेटी बि‍आहमे जमीन बेचए पड़ए लगलनि‍! क्षेत्रक वि‍कास मात्र रूकबे ने कएल अपि‍तु पाछू मुँहेँ ससरए लागल। पछि‍मी कोसी नहर, मैथि‍ली भाषा, जमीनक सवाल कम्‍युनि‍स्ट पार्टीक मुख्‍य मुद्दा सभ दि‍न रहल। एक दि‍स कोसी नहर हुअए तेकर आन्‍दोलन! तँ दोसर दिस नै हुअए तेकर आन्‍दोलन! भूदानी आन्‍दोलन अपन स्‍वरूप बि‍गाड़ि‍ पाइक अड्डा बनि‍ गेल, जइसँ मामिला आरो ओझरा गेल। ओझरा ई गेल जे एक-एक जमीनकेँ तीन-तीन गोटेकेँ पर्चा भेटल। जइसँ जमीनबलाक झगड़ा जमीन लेनि‍हारोक बीच फँसि‍ गेल। प्रशासनक स्‍थि‍ति‍ ओहने छल जे एकछाहा बूझि‍ पड़ै। बेरमाक जे कम्‍युनि‍स्ट वि‍रोधी रहथि‍, नमहर साँस छोड़लनि‍। जहि‍ना अड़ना पाड़ा मुइने नढ़ि‍या सभ साँझू पहरकेँ ढोल बजा-बजा नचैए तहि‍ना साँस छोड़ि‍ नाचए लगलाह। लूटा-लुटी जोर पकड़लक। गाममे खेतक जजातक (तरकारी, अन्न, फल) चोरि‍ बढ़ल। ओना तइसँ पूर्व चोरि‍सँ गाम एते आक्रान्‍त रहैत छल जे जबरदस समस्‍या रहै, मुदा संक्षेपमे एक गोटेकेँ गाछमे टाँगि‍ आ दोसर गोटेकेँ सामूहि‍क मारि‍ जखन पड़ल तहि‍येसँ चोरि‍मे कमी आएल। ओना चोरि‍क रंग-रूप बदलने चोरक कमी नै भेल मुदा रंग-रूप बदलने लोक ठकेबे करत। चाहे पि‍तरि‍या सोना होइ आकि‍ एकक तीन। जमीनक लड़ाइ उठने जे जत्तै रहए से ततैसँ बन्‍सी पाथि‍ देलक। झंझारपुरक लक्ष्‍मीकान्‍त रामाकन्‍त दुनू भाँइ छथि‍। एक भाँइक हि‍स्‍सा कृष्‍ण चन्‍द्र झा (कैलू मास्‍टर) लेलनि‍ दोसर हि‍स्‍सा बैजनाथ मण्‍डल लेलनि। कम्‍युनि‍स्ट पार्टी महादेवसँ बटाइदारी केस करबौने छल। जगदीश प्रसाद मण्डल सभ अट्ठाइसो मुदालहक संग अट्ठाइसटा गबाह लऽ कऽ जमानत करबए एक दि‍न पहि‍ने गेला। कि‍यो-कि‍यो साइकि‍लसँ जाइ छल, सेहो राखि‍ देलक जे जँ भीतर जाए पड़त तँ साइकि‍ल जपाल भऽ जाएत। जँ थाना गेल तँ पेशेवर मनुक्‍खक गति‍ हेबे करतै। पहि‍ले दि‍न, गामसँ नि‍कलला पछाति‍  बैजनाथ मण्‍डल हल्‍ला उठौलक, एकटा लि‍फाफ नेने चि‍ट्ठी गाममे देखौलक जे कैलू मास्‍टरक बेटा हमरा माए-बहि‍नकेँ गाि‍र लि‍ख कऽ पठा देलक हेँ। ओना अखनो धरि‍ चि‍ट्ठी देखैक मौका जगदीश प्रसाद मण्डल केँ नै भेटलनि। ओना दुनू गोटेक भीतरि‍या इच्‍छा जे सोलहो आना हुअए। एक गोटे जबुरि‍या करबैक फि‍राकमे दोसर गोटे बलजोरी कब्‍जा करैक फेरमे। महादेव मण्‍डलक बटाइकेँ जगदीश प्रसाद मण्डल सभ रोकि‍ देलनि। रोकैक कारण बैजनाथ मण्‍डलक जेठ भाय महादेव मण्‍डल। ओही परि‍वारक लेल ने जे कीनि‍ये लेलक। अगि‍लग्‍गी केसक जमानत करा गाम पहुँचि‍ते कि‍छु गोटे बाजल जे कैलू मास्‍टरक बेटाकेँ बैजनाथ मारबो केलक आ पकड़ि‍ कऽ दरबज्‍जापर रखनौं अछि‍। कि‍छुए काल पछाति‍ कैलू मास्‍टर सहाएबक बहि‍न जे जीवि‍ते छथि‍‍, डाँड़क ऑपरेशन भेल छन्‍हि‍, तइसँ जँ ब्रेन प्रभावि‍त भऽ गेल तेकर तँ नै मुदा जँ नीक होन्‍हि‍ तँ मुखौतरी भऽ जाए, आबि‍ कहलनि‍ जे बैजनाथ हमरा भाति‍जकेँ मारबो केलक आ पकड़ि‍ कऽ रखने अछि‍ से कहक छोड़ि‍ दइले। जगदीश प्रसाद मण्डल गेला, कहलनि, ओ छोड़ि‍ देलकै। ओ घटना ३०७ क रूपमे उठल। कैलू मास्‍टर तीनू भाँइ महादेवकेँ आ जगदीश प्रसाद मण्डल, रामावतार राउत आ सत नारायण राउतकेँ मुदालह कऽ देलनि‍, ओइ केसमे सजा भेलनि जे हाइकोटसँ फड़ि‍आएल। वीरेन्‍द्रे जी (माननीय न्‍यायमूर्ति, पटना हाई कोर्टमे छथि‍।) काज केने रहथि‍।  कैलू मास्‍टर सहाएबक घटनाक प्रभाव सभसँ बेसी दुर्गा स्‍थानपर पड़लनि। शुरूक बैचमे कैलूओ मास्‍टर सहाएब, रामावतारो आ जगदीश प्रसाद मण्डल संगे-संगे चंदा करए जाथि; दुर्गा स्‍थानक बेवस्‍था करथि। भलहिं ओ अपना भगवतीकेँ कहथि‍न जे दुश्मनकेँ सांगि‍ करि‍यह आ जगदीश प्रसाद मण्डल अपना भगवतीकेँ वएह बात कहथिन‍। पनरह बर्खक पछाति‍ ओहो (कैलू मास्‍टर सहाएब) आ जगदीश प्रसाद मण्डल आ रामावतार अगि‍ला पीढ़ीकेँ सुमझा देलखिन‍। लक्ष्‍मीकान्‍तबला जमीनक चौथाइसँ अधि‍या दाममे नि‍कलि‍ गेलनि, कि‍छु इम्‍हरो-आम्‍हरो भेल, लूटमे चरखा नफा। एक गोटे रजिस्ट्री आॅफि‍समे मुंशीयागरी करै छला, हदवंदीक नकल लऽ नेने रहथि‍। बि‍क्रीक सुनि‍-गुनि‍ पबि‍ते ि‍वरोध कऽ दैथि आ तरेतर झाड़ि‍ लैथि। गामक जमीन गौआँक हाथ आएल। केस-मुकदमा सोलह कऽ समाप्‍त भेल। लक्ष्‍मीकान्‍त साहुक जमीनक लड़ाइक पश्चात आन्‍दोलनक रूपमे ने जमीन्‍दार छलाह आ ने लड़ाइ उठल। आन-आन जमीन्‍दार जमीन बेचि‍ कऽ पहि‍नहि‍येँ चलि‍ गेल छला, खाली लक्ष्‍मि‍येकान्‍त-रमाकान्‍त बँचल रहि‍ गेल छला। सेहो भइये गेल।
भूदानी आन्‍दोलन- बेरमामे भूदानी आन्‍दोलन तेनाहे जकाँ भेल। कारण जे जइ समए भूदानक जमीन देल गेल ओइ समए बेरमामे तेहेन जमीनबला नहि‍ये छला। एकटा परि‍वार छल, ओ छल गठरी झाक परि‍वार। गठरी झाकेँ पण्‍डि‍ताइमे लाखे राज-ब्रह्मोत्तर कऽ कऽ जमीन भेटल रहनि‍ मुदा ओ जमीन बेरमा गाममे नै गामसँ बाहर छलनि‍। मालि‍क-मलि‍कानक गाम बेरमा, जइसँ भूदानमे कम जमीन देल गेल। तहूमे बँटबारा होइसँ पूर्वे ओ सभ बेचि‍-बि‍कीन नेने छलाह। तइ संग ईहो भेल जे तेहेन-तेहेन कार्यकर्त्ताकेँ जमीनक सबूत आ बँटैक भार देल गेलनि‍ जे ओ सभ आरो डुबा देलनि‍। एक-एक जमीनक सबूत तीन-तीन गोटेकेँ जि‍ला कार्यालयमे भेट गेल। एक तँ ओहि‍ना कमजोर आदमीकेँ उठबैक आन्‍दोलन छल, मुदा सबूतक ओझरी तेहेन ओझरी लगा देलक जे कोनो लाभ कि‍नको नै भेलनि‍। जँ थोड़-थाड़ कि‍छु भेबे केलनि‍ तँ ओइसँ समस्‍याक समाधान थोड़े भऽ पबैत, भूदानी आन्‍दोलनसँ तँ तेहेन लाभ नहि‍ये भेल मुदा बसैबला घराड़ीक जमीनक समस्‍या जरूर हल भऽ गेल। तेकर कारण भेल जे एक दि‍स आम जमीन, दोसर लक्ष्‍मीकान्‍त बला, तेसर एक गोटे (गंगाराम/भोला राम मण्‍डल) गंज परक छलाह हुनको छिना गेल। तइ संग अपनो छलनि‍ आ कि‍छु गोटे किनबो केलनि‍।   लक्ष्‍मीकान्‍त, रमाकान्‍तक लड़ाइक बीचेमे एकटा दोसर झंझट ठाढ़ भऽ गेल। छोट-छीन मुद्दा नमहर बनि‍ गेल। ओ एना भेल-सतदेव झा नामक एक गोटे बेरमामे। शुरूमे माने जुआनी अवस्‍थामे अपराधि‍क प्रवृत्ति‍क छलाह, जे चालीस बर्खसँ ऊपरक भेला तखन गाम छोड़ि‍ कलकत्ता गेलाह। शुरूमे मोटि‍या सभ संग मोटि‍यागि‍री केलनि‍। कि‍छु साल पछाति‍ बैट्री (अमेरि‍कन कम्‍पनी, एवरेडी) फैक्‍टरीक चि‍मनीक काज भेलनि‍। वि‍देशी कम्‍पनी रहने नीक दरमाहा भेटलनि‍। वएह जखन रि‍टायर कऽ गाम एलाह तँ कम्‍युनिस्ट पार्टीक संग उलझि‍ नमहर वि‍वाद ठाढ़ कऽ देलनि‍। भेल ई जे सतदेव झाकेँ बेटा नै भेलनि‍। ि‍सर्फ एकटा बेटि‍ये टा भेल छलनि‍। गरीबीक चलैत बेटीक वि‍आह बेसौह लड़काक संग केलनि‍। दू सन्‍तानक पछाति‍ जमाए मरि‍ गेलखि‍न। अपनो परि‍वार छोटे रहनि‍। दुनू नाति‍यो आ बेटि‍योकेँ अपना ऐठाम-बेरमा लऽ अनलनि‍। अपनो सेवा ि‍नवृत्ति‍ भेला पछाति‍ दुनू परानी कलकत्तासँ गाम आबि‍ गेलाह। गाम आबि‍ पाँच बीघा खेत कीनलनि‍। एकटा बोरि‍ंग गरौलनि‍, एकटा दमकल लेलनि‍। बेवस्‍था ऐ ढंगसँ शुरू केलनि‍ जे, जँ समुचि‍त ढंगसँ चलाओल जाइत तँ, नीक कि‍सान परि‍वार ठाढ़ होइत, से नै भेलनि‍। खेतक बेवस्‍थाक संग जोड़ा बरद लेलनि‍, घर बनौलनि‍। बहुत नीक तँ नै मुदा मजगूत घर जरूर बनौलनि‍। गौआँक मतभेदक एकटा कारण ईहो भेल जे अपन घराड़ी छोड़ि‍ दोसर घराड़ी कीन दोसर ठाम घर बनौलनि‍। जे जमीन कीनि‍ घर बनौलनि‍ ओ जमीन बि‍का गेल छल। दोसर गोटे कीनने रहथि‍ मुदा रजिस्ट्री नै भेल रहए। सतदेव झाकेँ रजि‍स्ट्री भेलनि‍, जमीन कब्‍जा भेलनि‍, घर बनौलनि‍। मुदा समाजक मनमे अाबि‍ये गेलनि‍ जे ई अनुचि‍त भेल। पहि‍लुका कीनि‍ि‍नहार पाछू हटि‍ गेलाह। कलकत्ता सन शहरमे जि‍नगी बि‍तौनि‍हार सतदेव झा खेती नै कऽ पाबि‍ सकलाह। दुनू नाति‍यो बचहने रहनि‍। पैछला (कलकत्ताक) कमाइ सठि‍ गेलनि‍। मुदा खाइ-पीबैक चसकीक संग जीवन-शैली सेहो खर्चीला बनि‍ये गेल रहनि‍। खेत बेचब शुरू केलनि‍। जेठका नाति‍क बि‍आह सेहो करा लेलनि‍। आधासँ बेसी खेत जखन बि‍का गेलनि‍, तखन बेटि‍यो आ दुनू नाति‍यो झगड़ा करब शुरू केलकनि‍। सतदेव झाकेँ बेटि‍यो आ नाति‍योसँ झगड़ा ऐ लेल शुरू भेलनि जे जखन अपना ऐठाम (बेटीक सासुर आ नाति‍क गाम) सँ चलि‍ एलौं आ एतुको सभटा बेचि‍नहि‍ये जाइ छथि‍ तखन हमरा सभकेँ की हएत। अपने दुनू परानी बूढ़ छथि‍, दू-चारि‍ सालमे मरि‍ जेताह मुदा हम सभ कतए जाएब? उचि‍त वि‍चार रहि‍तो पारि‍वारि‍क छल तँए दोसर हाथ नै बढ़बए चाहैत। मुदा बेटीक-नाति‍क झगड़ासँ सतदेव झाकेँ दूरी बनलनि‍ आ वि‍रोधी (कम्‍युनिस्ट वि‍रोधी) सँ नजदीकी बनलनि‍। नाति‍ (प्रमोद झा) सासुर गेल। सासुर रहि‍का ब्‍लौकक भोज-परोर। ओइ इलाकामे जमीनक लड़ाइ धुर-झाड़ चलैत। सासुर पहुँच प्रमोद ससुरकेँ सभ बात कहलखि‍न। संगे लागल ससुर बेरमा एलनि‍। प्रमोदक ससुर गांजा पीबै छलथि‍, अखनो छथि‍ये। बेरमा आबि‍ तीनि‍-चारि‍ दि‍न रहलाह। गजेरीक पार्टी बना लेलनि‍। तइमे कि‍छु कम्‍युनिस्टो पार्टीक। खूब नीक जकाँ खा-पीब भोजनो बनौलनि‍ जे आइ सतदेव झा जतए भेटताह ततए पकड़ि‍ औंठा नि‍शान लऽ लेब। जगदीश प्रसाद मण्डल सबहक जानकारीमे नै रहनि। पान-सात गोटेक बीचक योजना रहै, सैह भेल। बाधमे पकड़ि‍ पाँचो गोटे पटकि‍ कऽ स्‍टाम्‍पपर नि‍शान लऽ लेलकनि‍। वि‍रोधी (कम्‍युनिस्ट वि‍राधी) केँ मौका हाथ लगलनि‍। अपन-अपन चालि‍ सभ चालि‍ देलकनि‍। जगदीश प्रसाद मण्डल सभकेँ मुदालह बना केस कऽ देलकनि‍। थानासँ कहि‍यो लाट-घाट नै रहलनि, थाना खुलि‍ कऽ वि‍रोधीक संग छल। जखने केस होइ छल तखने कोर्टमे हाजि‍र भऽ जमानत करा लइ छला। ि‍सर्फ (३०७ दफा) एकटा केसमे एहेन भेल जे जाबे एकटा मुदालह हाजि‍रा करा जमा कराबथि तइ बीच जप्‍ती-कुर्कीक आदेश करा थाना घरमे जब्‍ती-कुर्की कऽ लेलकनि। घरक केबाड़ खोलि‍ लेलकनि, दमकल सीज कऽ लेलकनि। केस भेलनि, जमानत करेलनि। पार्टीक आन्‍दोलनसँ हटि‍ दोसर दि‍स मोड़ा गेला। सतदेव झाक एगारह कट्ठा जमीन जगदरक भीड़मे। नथुनी सि‍ंहक वि‍चारसँ ओ जमीन एकटा जगदरेबला हाथसँ बि‍करी भऽ गेल। खेतमे धान रहै, धान काटैक झंझट उठल। बेरमा-जगदरक भीड़ानी भेल। ओही दि‍न नथुनी सि‍ंह अपन दल-बलक संग पाछू हटलाह। मुदा भीतरे-भीतर गरमाहटि‍ बढ़ल। जगदरक संग दूरीक आनो कारण छल,‍ ओ कारण छल पाँचक दशकमे एक गोटे (जगदरेक) बेरमा एलाह। संगमे पाछू-पाछू कुत्तो रहनि‍। कुत्ता-कुत्तामे पटका-पटकी भऽ गेल। यत्र-कुत्र गारि‍ कुत्ताबलाकेँ पढ़लखि‍न। बाता-बाती बढ़ि‍ गेल। ओइ समए गरीबीक चलैत बेरमाक बोनि‍हार जगदरमे काजो करैत छलाह आ रीनो-पैंइच करैत छलाह। बाता-बाती होइते जगदरक हँसेरी बेरमा पहुँचि‍ गेल। नि‍आरल लड़ाइक योजना होइ छै बि‍नु नि‍आरल लड़ाइ तँ नारेपर होइ छै। बेरमा-जगदरक नारा उठल, जगदरक सभ मारि‍ खा गाम एलाह। मुदा प्रश्न तँ मालि‍क-बोनि‍हारक उठल। जेकरा ऐठाम रूपैओ आ धानो कर्जाक अछि‍ ओ सोहाइ लाठी कपारपर मारलक, केना बरदास कि‍यो करत। खूब जमगर आगि‍ उठए लागल मुदा ठंढाएल। तइ बीच एकटा आरो घटना भेल। घटना भेल जे चनौरा महंथकेँ दरभंगा महंथानामे लड़ाइ उठल। चनौरा महंथक दहि‍न गबैया जगदरक नथुनी सि‍ंह। राय-वि‍चार कऽ दरभंगामे मारि‍ करैक योजना बनौलनि‍। गेबो केलाह। कानूनक दायरामे झंझट रहबे करै; महंथक संग नथुनी सि‍ंह आ नथुनी सि‍ंहक संग जते जगदर-बेरमाक लंठ सभ रहए ओ सभ, भरि‍ पेट मारि‍यो खेलक, जहलो गेल। मुदा से ततबे नै भेल? भेल ईहो जे जहलोक भीतर ओहि‍ना कुटनी भेलनि‍।
        

सन् सैंतालीस...
भारतक स्वतंत्र त्रिवार्णिक
झण्डा फहरा रहल छल।
मुदा कम्यूनिस्ट पार्टीक
माननाइ छल जे भारत स्वतंत्र नै भेल अछि।
असली स्वतंत्रता भेटब बाँकी
छै...
मिथिलाक एकटा गाम
जन्म
भेल रहए एकटा बच्चाक.. ओही बर्ख ...
ओइ स्वतंत्र वा स्वतंत्र नै भेल भारतमे...
पिताक मृत्यु...गरीबी.. केस मोकदमा...
वंचितक लेल संघर्षमे भेटलै स्वतंत्र भारतक वा स्वतंत्र नै भेल भारतक जेल....
आइ बेरमामे पाँच-दस बीघासँ पैघ जोत ककरो नै..
ओइ गाममे जीवित अछि आइयो किसानी आत्मनिर्भर संस्कृति...
पुरोहितवादपर ब्राह्मणवादक एकछत्र राज्यक जतऽ भेल समाप्ति..
संघर्षक समाप्तिक बाद जिनकर लेखन मैथिली साहित्यमे आनि देलक पुनर्जागरण...

जगदीश प्रसाद मण्डल- एकटा बायोग्राफी...गजेन्द्र ठाकुर द्वारा (अनुवर्तते...)

साहित्य अकादेमीमे समन्वयक पद लेल कालाबाजारी (ब्लैक मार्केटिंग)- एकटा रिपोर्ट
साहित्य अकादेमी दिल्लीक मैथिली समन्वयक चुनाव लेल जे संस्था सभ निर्धारित अछि ओकर नाम अछि:- विद्यापति सेवा संस्थान, दरभंगा; सचिव वैद्यनाथ चौधरीबैजूआ अध्यक्ष- पं. चन्द्रनाथ मिश्र अमर। अखिल भारतीय मैथिली साहित्य परिषद, दरभंगा; सचिव डा. गणपति मिश्र , अध्यक्ष रहथि स्व. जयमन्त मिश्र। चेतना समिति, पटना, सचिव श्री विवेकानन्द ठाकुर, अध्यक्ष श्रीमति प्रमीला झा। राँटी मधुबनीक कोनो संस्था, सम्भवतः वर्तमान अध्यक्ष श्री हेतुकर झा। किशोरीकान्त मिश्रक मिथिला सांस्कृतिक परिषद (जे संस्था विद्यापतिकेँ पाग पहिरा कऽ हुनका ब्राह्मण घोषित करबाक कुकृत्य केलक), वर्तमान अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र नारायण झा आ सचिव गंगाधर झा। पंचानन मिश्रक अखिल भारतीय मैथिली साहित्य समिति, इलाहाबाद; आ मैथिली लोक साहित्य परिषद, कोलकाता, सम्भवतः वर्तमान अध्यक्ष- अणिमा सिंह (सम्भवतः मैथिली लोक साहित्य परिषद आब ऐ लिस्टमे नै अछि कारण आधिकारिक मैथिली साहित्यिक संस्था सभक लिस्टमे साहित्य अकादेमी, दिल्ली ऐ संस्थाक नाम नै देने अछि।)। ऐ मे सँ किछु संस्थाक नाम आ वर्तमान अध्यक्ष आदिमे परिवर्तन सम्भव अछि।

ऐ मे सँ अधिकतर संस्था कागजी अछि वा साहित्यिक नै राजनैतिक अछि आ जातिवाद, क्षेत्रवाद आ आनुवंशिक आधारपर संचालित अछि।
 
साहित्य अकादेमी, दिल्लीक आधिकारिक मैथिली साहित्यिक संस्था सभक लिस्ट
MAITHILI
01. The Secretary
All India Maithili Sahitya Samiti
Tirbhukti
1/1B, Sir P.C. Banerjee Road
Allahabad-211 002
02. The General Secretary
Akhil Bharatiya Maithili Sahitya Parishad
C/o Dr. Ganapati Mishra
Lalbag
Darbhanga-846 004
03. The Secretary
Chetna Samity
Vidyapati Bhawan
Vidyapati Marg
Patna-800 001
04. The Secretary
Mithila Sanskritik Parishad
6 B, Kailash Saha Lane
Kolkata-700 007
05. The Secretary
Vidyapati Seva Sansthan
Mithila Bhavan Parishar
Darbhanga-846 004
06. The Secretary
Centre for the Study of Indian Traditions
Tantrabati Geeta Bhavan
Ranti House, Ranti
Madhubani-847 211

DR. VEENA THAKUR KE BADHAI
Sahitya Akademi Nayi Delhi ker Maithili paramarshdatri samitik pahil sanyojak banak saubhagya Dr. Veena Thakur kein Bhetlain. nishchiten Maithili kein yogya karmath aa sahitya anuragi vidhusi pratinidhi bhetlaik. Jharkhand Maithili sahitya manch Jamshedpur aa Jharkhand Maithili Bhojpuri Sahitya Sangam dis san Dr. Thakur kein Badhai
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·        You, Maithili Singer Parivar, Prity Thakur, Poonam Mandal and 7 others like this.
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Ashish Anchinhar आशा अछि जे वीणा ठाकुर जी अपन एडवाइजरी बोर्डमे कबिलपुरक शंकरदेव झा-विजयदेव झा आदिकेँ दूर रखती आ 9 टा सदस्यमे सँ कमसँ कम 5 टा सदस्य गएर सवर्णकेँ रखती।
·       
Gajendra Thakur पहिल रमानाथ झा, दोसर जयकान्त मिश्र, तेसर सुरेन्द्र झा सुमन, चारिम सुरेश्वर झा, पाँचम रामदेव झा, छअम रामदेव झाक ससुर चन्द्रनाथ मिश्र अमर, सातम रामदेव झाक समधि विद्यानाथ झा विदित आ आठम वीणा ठाकुर। साहित्य अकादेमीक मैथिली विभागक समन्वयक सूचीक ई आठम लगातार मैथिल ब्राह्मण समन्वयक हेतीह। 9 अ म जँ मैथिले ब्राह्मण बनि जाए तँ लगातार तेसर हैट्रिक बनि जाएत, जइ रेकॉर्डकेँ साहित्यकार कि क्रिकेटरो नै तोड़ि सकत।
·       
Ashok Avichal kam sa kam sahityan ke jatiwaad san pharak rakhak prayas hoit rahak chahi.. Veena Thakur matra maithil brahman nai Maithilik Sahityakar aa pahil Mahila chith
·       
Gajendra Thakur मुदा ई पहिल महिला छथि से कने-मने आशाक किरण छोड़ैए। तेँ वीणा ठाकुर जीकेँ बधाइ।
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Gajendra Thakur मुदा आशीष अनचिन्हार जीक गपसँ हम सहमत छी। जेना रामदेव झाक बेटा आदि अजित आजादपर "विदित" केँ ५०-६० लाख देबाक आरोप आ नचिकेता आदिपर जातिगत/ व्यक्तिगत घृणित आरोप लगेने रहए (आज अखबारमे) से की सिद्ध करैए? की वीणा ठाकुर रामदेव झा-शंकरदेव झा- चन्द्र नाथ मिश्र क कैंडीडेट छली? आशीष अनचिन्हार जीक ऐ सलाह सँ सहमत छी जे "वीणा ठाकुर जी अपन एडवाइजरी बोर्डमे कबिलपुरक शंकरदेव झा-विजयदेव झा आदिकेँ दूर रखती आ 9 टा सदस्यमे सँ कमसँ कम 5 टा सदस्य गएर सवर्णकेँ रखती।"
·       
Gajendra Thakur आ जे से नै करती तखन पहिल महिला समन्वयकक मैथिलीकेँ की लाभ हएत, आ तकर परिणाम मैथिली लेल भयंकर हएत।
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Ashok Avichal vishwas aich je veena thakur yogya aa maithili lel samarpit sahityakar sabkein sadasya banebak kaal prathmikta detih
·       
Gajendra Thakur जे संस्था सभ हुनका चुनलकन्हि अछि ओइमेसँ अधिकतर फर्जी छै, जकरा साहित्यसँ कोनो मतलब नै छै, ओही सभक सदस्य सभ भूतकालमे एडवाइजरी बोर्डमे चुनाइत आएल अछि।
·       
Gajendra Thakur "योग्य" माने मात्र मैथिल ब्राह्मण नै भऽ जाए अशोक अविचलजी।
·       
Gajendra Thakur साहित्यकेँ जाति-पातिसँ दूर रखबाक चाही, ई सभ मैथिल ब्राह्मण साहित्यकार सभसँ सुनैत-सुनैत हमर कान पाकि गेल अछि। कोन तरहक हिप्पोक्रेसी अहाँ लोकनि कऽ रहल छी अशोक अविचलजी। दुनियाँ सभ देखि रहल अछि। इतिहास अहाँकेँ माफ नै करत। "शब्दशास्त्रम्" कथा जे हम "उमेश मण्डल"केँ समर्पित केने छलौं, ओ समर्पणक पाँती कोना अहाँ अपन सम्पादकत्वमे प्रकाशित "कथा पारस"सँ हटा देलिऐ। जँ ओ समर्पण "उमेश झा" केँ रहितै तँ अहाँ ओ पाँती हटबितिऐ अशोक अविचलजी?
·       
Ashish Anchinhar खाली बातमे जाति पाति हटेलासँ नै होइ छै अशोक अविचल जी बल्कि व्यवहारमे सेहो जाति पातिकेँ हटेबाक चाही
Monday at 9:46am via mobile · Edited · Like · 2
·       
Poonam Mandal ''आशा अछि जे वीणा ठाकुर जी अपन एडवाइजरी बोर्डमे कबिलपुरक शंकरदेव झा-विजयदेव झा आदिकेँ दूर रखती आ 9 टा सदस्यमे सँ कमसँ कम 5 टा सदस्य गएर सवर्णकेँ रखती।'' वि‍चारणीय अछि‍।
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Arbind Kumar Yadav जे संस्था सभ हुनका चुनलक ओइमेसँ अधिकतर फर्जी अछि‍, जकरा साहित्यसँ कोनो मतलब नै छै, ओही सभक सदस्य सभ भूतकालमे एडवाइजरी बोर्डमे चुनाइत आएल अछि। ''साहित्य अकादेमीक मैथिली विभागक समन्वयक सूचीक ई आठम लगातार मैथिल ब्राह्मण समन्वयक छथि‍।''
·       
Rabindra Kumar Choudhary akan dhair jha wa misar sanyojak hoiat rahlah achhi. pahil ber thakur bhelih achhi.badlab suru bha ghel achhi.
·       
Ashish Anchinhar ई ठाकुर बाभन छथि हजाम नै
Yesterday at 2:24pm via mobile · Like · 2
·       
Umesh Mandal Rabindra Kumar Choudhary जी, झा आ मि‍श्रक जगह ठाकुर भेलीह जेकरा अहाँ बदलाव कहै छि‍ऐ; ई कोन बदलाव भेलै?
·       
esamaad.blogspot.com
Since 2004 AD, First Maithili News Portal 'Samadiya'(Poonam Mandal & Priyanka Jh...See More
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Gajendra Thakur Vijay Deo Jha दू गो बात सर 
गजेन्द्र बाबु हम अपने आ अपनेक रामचेलवा के कमेन्ट पढ़ल। नीक लागल जे हमरा अपने एडवाजरी बोर्ड में मेंबर हेबाक योग्य बुझल। चलू लागले हाथ हमहूँ अहाँ के महान साहित्यकार कहि देलौ। लेकिन एकटा बात हम कहि रहल छी आ एही बात के हम वीणा जी के सेहो कहबनि जे अपने पर मोनोग्राफ जरुर लिखल जाय। अपने बड़ पैघ आ महान साहित्यकार छी सरकार आ उत्तम किस्म के थेथर सेहो। कोन बुद्धिये पोस्ट में हमर नाम देलियई सरकार। आप भी सर हद्दे करते है सब चीज़ को कस्टम का माल समझ लिए हैं। और ई सब जो ढोंग करते हैं जाति वाला तो पहले अपना टाईटिल हटाईये। अपने बेटा के जनउ में जो लाख टाका बुके थे और बभना सब को खिलाये उसका हिसाब भी दीजिये ना और हम सब तुच्छ प्राणी को ज्ञान दीजिये प्रभु की जब आप सचमुच में जाति के विरोध में हैं तो बेटा के कन्धा पर धागा काहें टाँगे गुरु। मतलब पुरे मिथिलांचल में एक आप ही भगल्पुरिया कबिलाहा है ये सब पैतराफोकासी उमेश जैसे लोगों को दीजिये गुरु। और गजेन्द्र बाबु कुछ दिन पहले तक तो आपही अजीत आज़ाद जी को गरिया रहे थे अब दोस्तियारी कैसे हो गया। आप घिना दिए गुरु। इसको पोस्ट कर दीजियेगा एक दम लाइन बाई लाइन।
·       
Gajendra Thakur ई विजदेव झाक पिताक नाम रामदेव झा आ नानाक नाम चन्द्रनाथ मिश्र अमर छियन्हि। गरिखर मे दुनू नामी- दुनू पक्षसँ ई गुण हिनका आनुवंशिक रूपेँ तँ नै आबि गेल छन्हि!!
·       
Umesh Mandal शंकरदेव झा हमरा कहने छथि जे सभ भाँइ दस सदस्यीय साहित्य अकादेमीक एडवाइजरी कमेटीक सदस्य रूपमे नै एता, आ ईहो कहने रहथि "जे जँ हम सभ मेम्बर बनी तँ रामदेव झाक बेटा नै होइ"। कतेक दिन पुरान गप भऽ गेलै। अजित आजादसँ चर्च भेल तँ ओ कहलनि- "धुर छोड़ू एकर सभक किरिया खायबक कोनो माइन नै छै, गिरल सभ छै..."।- देखा चाही आगाँ की होइए।
·       
Ashish Anchinhar मने जे जँ शङ्करदेव आ हुनक भाए आदि साहित्य अकादेमीक कोनो पद लेता तँ ओ रामदेवक बेटा नै हेता सएह ने
·       
Pawan Kumar Sah पहिल रमानाथ झा, दोसर जयकान्त मिश्र, तेसर सुरेन्द्र झा सुमन, चारिम सुरेश्वर झा, पाँचम रामदेव झा, छठम रामदेव झाक ससुर चन्द्रनाथ मिश्र अमर, सातम रामदेव झाक समधि विद्यानाथ झा विदित आ आठम वीणा ठाकुर; एकछाहा झा.. मि‍सर... बाभन ठाकुर...!!!!!! कहि‍या तक चलैत रहत ई खेल?? की हि‍नकासँ कमजोर केण्‍डीडेट छलखि‍न्‍ह प्रोफेसर उदय नारायण सिंह 'नचि‍केता'? की हि‍नकासँ सौ गुणा अधि‍क काज नचि‍केता जी नहि‍ केने छथि‍न्‍ह मैथि‍ली लेल? मुदा तैयो श्री गजेन्‍द्र ठाकुर जीक बातपर ''महिला छथि से कने-मने आशाक किरण छोड़ैए।'' आश अछि‍, मुदा से तँ गड़गड़ेलेपर बूझब।
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LIST OF LITERARY ASSOCIATIONS RECOGNISED
BY SAHITYA AKADEMI
ASSAMESE
01. The General Secretary
Asam Sahitya Sabha
Chandrakanta Handique Bhavan
Jorhat 785 001 (Assam)
BENGALI
01. The Secretary
Rabindra Bharati Society
5, Dwarakanath Tagore Lane
Kolkata-700 007
02. The Secretary
Bangiya Sahitya Parishad
243/1, Acharya Parafullachandra Road
Kolkata-700 006
BODO
01. The General Secretary
Bodo Sahitya Sabha
R.N. Brahma Hall
Kokrajhar
BAC (Assam)
Pin-783 370
DOGRI
01. The General Secretary
Dogri Sanstha (Regd.)
Karan Nagar
Jammu
02. The Secretary
Kavi Dattu Sahitya Sansthan
Vill. & P.O. Bhadoo
Tehsil: Bilawar
Dist: Kathua, J & K
03. The General Secretary
Dogri Sahitya Sabha
Vill. & P.O. : Marh
Tehsil & Dist: Jammu
04. The General Secretary
Duggar Manch
124, Dogra Hall
Jammu-180 001
GUJARATI
01. The Secretary
Gujrati Sahitya Parishad
Govardhan Bhavan
Ashram Road
Behind Times of India Bldg.
Ahmedabad-380 009
02. The Secretary
Gujarat Sahitya Academy
Town Hall Complex, Sector-17
Gandhinagar-382 017
03. The Secretary
Gujarat Vidya Sabha
Premabhai Hall
Bhadra
Ahmedabad-380 001
04. The Secretary
Gujarat Sahitya Sabha
Room No. 2
H.K. Arts College
Ahmedabad-380 009
05. The Secretary
Narmad Sahitya Sabha
C/o Sahitya Sangam
Bava Sidi, Opp. Pancholi Wadi
Gopipura
Surat-395 001
06. The Secretary
Premanand Sahitya Sabha
Premanand Sahitya Bhavan
Dandia Bazar
Vadodara-390 001
07. The Secretary
Forbes Gujarati Sabha
403, Chetna, Off. J.P. Road
Near Seven Bunglow Apartments
Andheri (West)
Mumbai-400 058
HINDI
01. The Secretary
Bharatiya Bhasha Parishad
36-A, Shakespeare Sarani
Kolkata-700 017
02. The Secretary
Bihar Rashtra Bhasha Parishad
Shivpujan Sahai Path
(Saidpur Vistar)
Patna-800 004
03. The Secretary
Uttar Pradesh Hindi Sansthan
Rajarshi Purushottamdas Tandon
Hindi Bhavan
6, Mahatama Gandhi Marg
Lucknow-226 001 (U.P.)
04. The Secretary
Madhya Pradesh Rashtrabhasha Prachar
Samiti
Hindi Bhavan
Shamla Hills
Bhopal – 462 002
(M.P.)
05. The Secretary
Rashtrabhasha Hindi Prachar Samiti
Sree Dungargarh
Rajasthan 331 803
06. The Secretary
Maharashtra Rashtrabhasha Sabha
387, Narayan Peth
Rashtrabhasha Bhavan
Pune-411 030
07. The Secretary
Dakshin Bharat Hindi Prachar Sabha
Dakshin Bharat Hindi Prachar Sabha Marg
T. Nagar
Chennai-600 017
KANNADA
01. The Director
Rastrakavi Govinda Pai Samshodhana Kendra
M.G.M. College Campus
Udupi-576 102
0 2. The Secretary
Shimoga Karnataka Sangha
B.H. Road
Shimoga-577 201
03. The Secretary
Puttur Karnataka Sangha
Vivekananda College Campus
Puttur-574 202
D.K. District
(Karnataka)
04. The Secretary
Kannada Sahitya Parishat
Pampamahakavi Road
Chammarajpet
Bangalore-560 018
05. The Secretary
Karnataka Vidyavardak Sangh
Chammaraj Mandir
Dharwad-580 001
KASHMIRI
01. The Secretary
Jammu and Kashmir Academy of Art
Culture & Languages
Canal Road
Jammu
Or
The Secretary
Jammu and Kashmir Academy of Art
Culture & Languages
Lal Mandi
Srinagar
02. The Gneral Secretary
Adbee Markaz Kamraj
P.O. Box 793
GPO Srinagar-191 001
(Kashmir)
03. The Secretary
Kashmiri Bhasha evam
Sanskriti Pratishthan (Samprati)
904, Subhash Nagar
Jammu 180 005
KONKANI
01. The Secretary
Kerala Konkani Academy
`Gokul’
Azhakiyakavu West Lane
Cochin-682 006
02. The General Secretary
Konkani Bhasha Mandal
Konkani Bhavan
Shankara Bhandari Marg
Vidyanagar
Margao-403 601 (Goa)
03. The Secretary
Konkani Bhasha Prachar Sabha
6/1716, Palace Road
Mattancheri
Cochin-682 002
04. The Secretary
Konkani Bhasha Mandal (R) Karnataka
Navaratna Palace
K.S. Rao Road
Mangalore-575 001
05. The Secretary
Konkani Bhasha Mandal
13/Ritz, Convent View CHS
Gatla Village Road
Chembur
Mumbai-400 071
MAITHILI
01. The Secretary
All India Maithili Sahitya Samiti
Tirbhukti
1/1B, Sir P.C. Banerjee Road
Allahabad-211 002
02. The General Secretary
Akhil Bharatiya Maithili Sahitya Parishad
C/o Dr. Ganapati Mishra
Lalbag
Darbhanga-846 004
03. The Secretary
Chetna Samity
Vidyapati Bhawan
Vidyapati Marg
Patna-800 001
04. The Secretary
Mithila Sanskritik Parishad
6 B, Kailash Saha Lane
Kolkata-700 007
05. The Secretary
Vidyapati Seva Sansthan
Mithila Bhavan Parishar
Darbhanga-846 004
06. The Secretary
Centre for the Study of Indian Traditions
Tantrabati Geeta Bhavan
Ranti House, Ranti
Madhubani-847 211
MALAYALAM
01. The General Secretary
Samastha Kerala Sahitya Parishath
Hospital Road
Kochi-682 011
02. The Secretary
Kerala Sahitya Akademi
Post Box No. 501
Town Hall Road
Trichur-680 020
03. The Secretary
Thunchan Smaraka Trust
Thunchan Parambu
Tirur-676 101
Malappuram Dist
04. The General Secretary
C.V. Raman Pillai Foundation
Kottakkal
Sasthamangalam
Thiruvananthapuram-695 010
MANIPURI
01. The General Secretary
Manipuri Sahitya Parishad
Paona Bazar
Imphal-795 001
(Manipur)
02. The General Secretary
Naharol Sahitya Premee Samiti
Keisampat Modhabhavan
Imphal-795 001
03. The General Secretary
Manipuri Sahitya Parishad, Assam
P.O. Silchar-788 001
Dist: Cachar (Assam)
04. The Secretary
Manipur State Kala Akademi
Khuman Lampak
Imphal-795 001
(Manipur)
05. The General Secretary
The Cultural Forum
Rupmahal Tank Complex
Bir Tikendrajit Road
P.O. Imphal-795 001
(Manipur)
06. The Secretary
Writers’ Forum, Imphal
Rupmahal Tank Complex
Bir Tikendrajit Road
Imphal-795 001
07. The Secretary
Manipuri Literary Society
C/o Manipur Hindi Parishad
Assembly Road
Imphal-795 001
MARATHI
01. The Secretary
Maharashtra Sahitya Parishad
Tilak Road
Pune-411 030
02. The General Secretary
Vidharbha Sahitya Sangh
Jhansi Rani Chowk
Sitaburdi
Nagpur-400 012
03. The Secretary
Maharashtra Sahitya Sabha
698, Mahatama Gandhi Road
Indore-452 007
04. The Chief Secretary
Mumbai Marathi Sahitya Sangh
Sahitya Sangh Mandir
Dr. Bhalerao Marg
Mumbai-400 004
05. The Secretary
Mumbai Marathi Grantha Sangrahalaya
172, Mumbai Marathi Grantha
Sangrahalaya Marg
Dadar (West)
Mumbai-400 014
06. The Secretary
Marathwada Sahitya Parishad
Sanmitra Colony
Aurangabad-431 001
NEPALI
01. The General Secretary
Nepali Sahitya Adhyayan Samiti
10, Mayil, Shahid D.B. Giri Path
Kalimpong-734 301
Darjeeling (West Bengal)
02. The General Secretary
Nepali Sahitya Sammelan
15, Sonam Wangdi Road
Darjeeling (West Bengal)
03. The Secretary
Nepali Sahitya Parishad
Post Box No. 119
G.P.O.
Shillong-793 001
(Meghalaya)
04. The General Secretary
Nepali Sahitya Parishad, Assam
Maliglaon Nepali Mandir
Gaushala
Guwahati-781 011
05. The Secretary
Gorkha Jana Pustakalaya
Kurseong-734 203
Dist Darjeeling
(West Bengal)
06. The Secretary
Nepali Sahitya Parishad
Nepali Sahitya Parishad Bhavan
Jeevan Theeng Marg
Vikas Kshetra
Gangtok-737 101 (Sikkim)
07. The President
Nepali Sammelan, Delhi
B-13, DDA Flats
Behind D-6 Lane
Vasant Vihar
New Delhi-110 057
ORIYA
01. The Secretary
Phakir Mohan Sahitya Parishad
Shantikanan
Mallikashpur-P.O.
Matiganj
Balasore (Orissa)
Pin-756 003
02. The Secretary
Prajatantra Prachar Samity
Prajatantra Bhavan
Cuttack-753 002
03. The General Secretary
Sarala Sahitya Sansad
Sarala Bhavan
Biju Patnaik Chhak
Tulsipur
Cuttack-753 008
04. The Secretary
Lekhaka Sammukhya
9, Station Square
Bhubaneswar-751001
05. The Secretary
Orissa Writers’
Co-Operative Society Ltd.
Qtrs. No. 29/4, Type IV R, Unit –II
Near Old Bus Stand, Ashok Nagar
Bhubaneswar-751 009
06. The General Secretary
Utkal Sahitya Samaj
Sri Ramachandra Bhavan
Town Hall Road
Cuttack-753009
PUNJABI
01. The General Secretary
Panjabi Sahit Akademi
Panjabi Bhavan, Jagraon Road
Ludhiana-141 001
(Punjab)
02. The General Secretary
Kendri Punjabi Lekhak Sabha
6, Ashok Nagar
Jalandhar-144 002
(Punjab)
03. The General Secretary
Punjabi Sahit Sabha
10, Rouse Avenue Institutional Area
New Delhi-110 002
04. The General Secretary
Panjabi Bhasha Akademi
Desh Bhagat Yadgar Hall
G.T. Road
Jalandhar-144 001
(Punjab)
05. The Secretary
Punjabi Sahitya Akademi
Kala Bhavan
Rose Garden, Sector 16-B
Chandigarh
06. The Secretary
Punjabi Academy, Delhi
DDA Community Centre
Motia Khan
Paharganj
New Delhi-110 055
RAJASTHANI
01. The Secretary
Rammat Sansthan
180-B, Laxmi Nagar
Jodhpur (Rajasthan)
02. The Secretary
Rajasthan Sahitya Samiti
Bisau-331 027 (Rajasthan)
03. The Secretary
Bharatiya Vidya Mandir Shodh Pratishthan
Shri Ratan Bihari Ji Mandir
Bikaner-334 001
(Rajasthan)
04. The General Secretary
Yugadhara
1 Ga 34, Sector 5
Hiran Magari
Udaipur (Rajasthan)
05. The Secretary
Charan Sahitya Shodh Sansthan
Makarwali Road
Ajmer-305 001
(Rajasthan)
06. The Secretary
Rajasthani Bhasa Sahitya
Evam Sanskriti Akademi
Nagari Bhandar
Kot Gate
Bikaner-334 001 (Rajasthan)
07. The Founder
Rupayan Sansthan
Via: Pipar City
Borunda-342 604
Jodhpur (Rajasthan)
SANSKRIT
01. The Secretary
Sanskrit Sahitya Parishat
168/1, Raja Dinendra Street
Kolkata-700 004
02. The Secretary
Samskrita Sahitya Parishad
27, Chinnakadai Street
Tiruchirapally-620 002
03. The Director
Sanskrit Sushma
Anusandhan Sansthan
Varanasi Vishwavidhyalay
Varanasi (U.P.)
04. The Secretary
Bhandarkar Oriental Research Institute
Pune-411 004
SANTALI
01. The General Secretary
Adibasi Socio-Educational &
Cultural Association
At./PO: Rairangpur
District: Mayurbhanj
(Orissa)
02. General Secretary
All India Santali Writers’ Association
Hansda Bakhol, Model School Road
Jhargram-721 507
Dist.: Paschim Medinipur
03. General Secretary
Adibasi Socio-Educational & Cultural
Association
14/1, Kundu Lane
Bhowanipore
Kolkata-700 025
SINDHI
01 The President
Akhil Bharat Sindhi Boli Ain Sahit Sabha
A-26, Saket Colony
Adarsh Nagar
Jaipur-302 004
02. The Director
Indian Institute of Sindhology
2-B/16, Opp. Rly. Station
P.B. No. 10
Adipur (Kuchchh)-370 205
TAMIL
01. The Secretary
Ilakkiya Chintanai
5 A, Chittaranjan Road
Teynampet
Chennai-600 018
02. The Secretary
Bharathi Tamil Sangham
93A, Rash Behari Avenue
Kolkata-700 026
03. The Secretary
Thiruvananthapuram Tamil Sangam
Tamil Sangam Road
Killippalam
Thiruvananthapuram-695 002
04. The Secretary
Tamil Ilakkiya Peravai Trust
180, Gandhiji Road
Erode-638001
(Tamil Nadu)
TELUGU
01. The Secretary
Andhra Pradesh Abhyudaya Rachayutala
Sangam
(Arasam)
S.R.T. 23, Mushirabad
Hyderabad-500 020
02. The Secretary
Viswa Sahiti
1-3-1-18A, Kavadiguda
Near Kalpana Theatre
Secunderabad-500 080
03. The Secretary
Andhra Saraswat Parishath
Tilak Road
Hyderabad-500 001
04. The Secretary
Yuva Bharati
Andhra Saraswat Parishath Building
Tilak Road
Hyderabad-500 001
05. The President
Siddhartha Kala Peetham
Siddhartha Nagar
Vijayawada-520 010
URDU
01. The Secretary
Urdu Academy, Delhi
C.P.O. Building
Near Ritz Cinema
Near Metro Station
Kashmiri Gate
Delhi-110 006
02. The Secretary
Maharashtra State Urdu Academy
D.D. Building, II Floor
Old Customs House
Shaheed Bhagat Singh Road
Mumabi-400 023
03. The Secretary
Anjuman Taraqqi Urdu (Hind)
‘Rashid Manzil’
H.I.G. 2, Bada Makan Layout
Mysore-570 007
04. The Secretary
Idara-e-Adabiyat-e-Urdu
Aiwan-e-Urdu
Panjagutta Road
Hyderabad-500 482

समन्वय २-४ नवम्बर २०१२ इण्डिया हैबीटेट सेन्टर भारतीय भाषा महोत्सव SAMANVAY 2-4 November 2012 IHC INDIAN LANGUAGES' FESTIVAL
-समन्वय २०१२: भारतीय लेखनक उत्सव:२-४ नवम्बर २०१२: (इण्डिया हैबीटेट सेन्टर भारतीय भाषा महोत्सव)
-एकर साइट अछि http://samanvayindianlanguagesfestival.org
-समन्वयक छथि सत्यानन्द निरूपम आ गिरिराज कराडू
-उत्सवक निदेशक छथि- राज लिबरहान
-उत्सवक एडवाइजरी बोर्डमे छथि-आलोक राय, के.सच्चिदानन्दन, लक्ष्मण गायकवाड, ओम थानवी, महमूद फारूकी, ममता सागर, रवि सिंह, सीतांशु यशचन्द्र, तेमशुला आओ।
-आयोजन कमेटीमे छथि- १.इण्डिया हैबीटेट सेन्टरक प्रोग्राम टीम, २.पारस नाथ, अनन्त नाथ।
-सहयोगी छथि, दिल्ली प्रेस आ प्रतिलिपि बुक्स।
-समन्वय २०११ मे मैथिलीक प्रतिनिधित्व केने रहथि- गंगेश गुंजन। http://samanvayindianlanguagesfestival.org/2011/gangesh-gunjan/


समन्वय २-४ नवम्बर २०१२ SAMANVAY 2-4 November 2012
 IHC INDIAN LANGUAGES' FESTIVAL
Venue: Indian Habitat Centre, Lodhi Road, New Delhi -- 110 003

 
SAMANVAY 2012
Venue: Indian Habitat Centre, Lodhi Road, New Delhi -- 110 003
2 November 2012
Afternoon
4.00- 4.30: Inauguration
By Chandrashekhar Kambar, Ratan Thiyam
4.45 – 5.45: Opening Session: Boli is Back
Speakers: Ratan Thiyam, Kashinath Singh, Gurvinder Singh, Nilesh Mishra
Moderator: Alok Rai
6.00 – 7.00: Opening Reading
Nabaneeta Dev Sen, Sitanshu Yashaschandra, Udaya Narayana Singh, Mamang Dai, Arun Kamal, Arjun Deo Charan, Narender Singh Negi
7.15 – 8.15: Evening Performance
Ugana re: Vidyapati by Shovana Narayanan
————————————————————————————————————————————————
3 Nov 2012
10.30-11.30: Manipuri: The Idea of Nation
Speakers: Yumlembam Ibomcha, Dr. Dhanabir Laishram, Bijoykumar Tayenjam
Moderator: Robin Ngangom
11.45-12.15: Interaction: Mapping Cities
Kashinath Singh, Laxman Gaikwad, Om Thanvi
12.30-1.30 Maithili: Love’s Own Language
Speakers: Uday Narayan Singh, Dev Shankar Naveen, Gajendra Thakur
Moderator: Arvind Das
2.30 -3.30 Kannada: Tales of Modernities: Small Spaces, Big Ideas
Speakers:Gopalkrishna Pai, Banu Mushtaq, B.T. Jahnavi
Moderator: Mamta Sagar
3.45-4.15 Interaction
Munawwar Rana
4.30-5.30 English: Where’s My Reader?
Speakers: Palash Krishna Mehrotra, Biman Nath, S.Hussain Zaidi, Madhuri Banerjee
Moderator: Jai Arjun Singh
5.45-6.30: Future of Indian Languages Publishing in Digital Era
Speakers:Akshay Pathak, Prem Prakash, Shiva Kumar
Moderator: Rahul Dixit
7.00-8.30 Evening Performance: Kashmiri Sufiyana Kalam
Gulzar Ahmad Ganie and party
————————————————————————————————————————————————————
4 November 2012
10.00-11.00 Oriya: Reclaiming Language, Space and Body: Women Writing
Speakers: Pratibha Ray, Sarojini Sahoo, Yashodhara Mishra, Aparna Mohanty
Moderator: Paramita Satpathy
11.15- 12.15: Folk Performance: Pad Dangal
Jagan, Dhavale and others
Introduction: Prabhat
12.30-1.30 Marathi: The City of No Outsiders Mumbai
Speakers: Arun Sadhu, Hemant Divate
Moderator: Prakash Bhatambrekar
2.30-3.30 Kashmiri: My Reality, My Language
Speakers: Shahnaz Rasheed, Gulshan Badrani, Elyas Azad
Moderator: Nisar Azam
14 3.45-4.15: Interaction
Girish Kasaravali, Banu Mushtaq, Mamta Sagar
4.30-5.30: Hindi: Culture and Power: A Tale of Seven Cities (Allahabad, Benares, Bhopal, Delhi, Kolkata, Lahore, Patna)
Speakers: Kashinath Singh, Ashok Vajpeyi, Arun Kamal, Alka Saraogi
Moderator: Neelabh
5.45- 6.30: Mind Your Language
Speakers: Sneha Khanwalkar, Varun Grover, Ratan Rajpoot, Simran Kohli
Moderator: Vineet Kumar
6.30 – 7.00: Award Ceremnoy and Closing
Speakers: K. Satchidanandan, Raj Liberhan, Paresh Nath, Anant Nath, Satyanand Nirupam, Giriraj Kiradoo
7.15 – 8.30: Evening Performance
Solo by Rabbi Shergill

राजकमल चौधरी: मोनोग्राफ (सुभाष चन्द्र यादव) जे साहित्य अकादेमी द्वारा रामदेव झा आ मोहन भारद्वाजक कृपासँ प्रकाशित नै भऽ सकल। 
·        राजकमल चौधरी: मोनोग्राफ (सुभाष चन्द्र यादव) download link https://sites.google.com/a/videha.com/videha-pothi/Home/Rajkamal_Monograph.pdf?attredirects=0&d=1
dbb13891-a-96a2f0ab-s-sites.googlegroups.com
September 11 at 11:28pm · Like · 1 · Remove Preview
·       
Gangesh Gunjan राजकमल जी (विनिबंध)क प्रकरण कान मे पडल तं छल, से कतोक वर्ख भ गेलै आब| मुदा
से एहन कुरूप छैक से अहींक एहि फेस बुकिया समाद मे स्पष्ट भेलय| तें एकर
धन्यवाद अहीं कें दैत छी गजेन्द्र जी |... ओना वास्तविक तं ई जे सम्पूर्ण
पढबा सं पहिने मोन "विरक्त" भ' गेल | नै पढि भेल आगाँ ! नीक केलौहें नेट पर द'
'| समकालीन आ आगत पीढ़ी सेहो बुझओ ई कारी-कथा! हमरा सन लोकक विडम्बना देखू
जे पूरा प्रकरण अपन अनुज- मित्र- अग्रज सं जुडल अछि| से एहन ऐतिहासिक दुर्घटना
' गेल अछि ! उत्तरदायी व्यक्तिगत हम कतहु सं नै | मुदा साहित्यिक पीढ़ीक
नैतिकता सं "अपराध बोध" सहबा लेल अभिशप्त छी| उपाय ?
सस्नेह,

11 सितम्बर 2012 11:26 pm को, Gajendra Thakur <
Thursday at 2:13pm via  · Unlike · 4
Gajendra Thakur गंगेश गुंजन जीक हिम्मत प्रशंसनीय अछि। जँ स्टेटस-को केर विरोध शुरूसँ भेल रहितै तँ परिस्थिति भिन्न रहितै, सए अछि उपाए।

विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपेँ प्रसिद्ध)
ऐ बेर मूल पुरस्कार(२०१२)-विदेह भाषा सम्मान (प्रसिद्ध समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार) श्री राजदेव मण्डल जीकेँ हुनकर कविता संग्रह "अम्बरा" लेल देल जा रहल छन्हि। राजदेव मंडल अम्बरा-कविता-संग्रह आ हमर टोल (उपन्यास) लिखने छथि। अम्बरा https://sites.google.com/a/videha.com/videha-pothi/Home/Ambara_Rajdeo_Mandal.pdf?attredirects=0  सँ आ हमर टोल https://sites.google.com/a/videha.com/videha-pothi/Home/HammarTol_Rajdeo_Mandal.pdf?attredirects=0  सँ डाउनलोड कएल जा सकैत अछि। http://www.videha.co.in/  पर भऽ रहल ऑनलाइन वोटिंगमे ऐ पोथीकेँ सभसँ बेशी वोट भेटलै।
बाल साहित्य लेल विदेह सम्मान २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जी केँ हुनकर बाल-प्रेरक विहनि कथा संग्रह "तरेगन" लेल ई पुरस्कार देल जा रहल अछि। ई पुरस्कार विदेह नाट्य उत्सव २०१३ क समारोहमे देल जाएत। तरेगनकेँ सभसँ बेशी वोट भेटलै। तीनटा पोथी १.जगदीश प्रसाद मण्डलक तरेगन, २. जीवकान्तक खिखिरक बीअरिआ ३.मुरलीधर झा कपिलपिलहा गाछकेँ विदेह www.videha.co.in  पर भऽ रहल ऑनलाइन वोटिंगमे राखल गेल छल। विशेषज्ञक मतानुसार पिलपिलहा गाछमे बहुत रास कथा अछि जकरा बाल कथा नै कहल जा सकैए, तइ दुआरे ऐ पोथीकेँ लिस्टसँ हटा देल गेल कारण ई पुरस्कार बाल साहित्य लेल अछि, ओनाहितो ऐ पोथीकेँ सभसँ कम वोट भेटल रहै। ऐ पोथी सभक अतिरिक्त आन पोथी सभपर विचार नै कएल गेल कारण ओ सभ पोथीक आकारक नै वरन् बुकलेटक आकारक छल।

साहित्य अकादेमीक टैगोर लिटरेचर अवार्ड २०११ मैथिली लेल श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ हुनकर लघुकथा संग्रह "गामक जिनगी" लेल देल गेल। कार्यक्रम कोच्चिमे १२ जून २०१२केँ भेल।
मैथिली लेल विवादक अन्तक कोनो सम्भावना नै देखबामे आबि रहल अछि। ऐ पुरस्कारक ग्राउण्ड लिस्ट बनेबा लेल एकटा तथाकथित साहित्यकारकेँ चुनल गेल जे प्राप्त सूचनाक अनुसार जातिक आ संकीर्णताक आधारपर पोथीक नाम देलन्हि जाइमे नहिये नचिकेताक पोथी रहए, नहिये सुभाष चन्द्र यादवक आ नहिये जगदीश प्रसाद मण्डलक; संगहि ई ग्राउण्डलिस्ट बनौनिहार तथाकथित साहित्यकार विदेहक सहायक सम्पादक मुन्नाजीकेँ कहलन्हि जे जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ ऐ जिनगीमे टैगोर साहित्य पुरस्कार नै देल जेतन्हि!। रेफरी जखन ७ टा पोथीक नाम पठेलन्हि तखन ओइमे चन्द्रनाथ मिश्र "अमर"क अतीत मंथन सेहो रहए जखन कि ओ पोथी निर्धारित अवधि २००७-२००९ मे छपले नै अछि, तँ की बिनु देखने पोथी अनुशंसित कएल गेल? ऐ तरहक ग्राउण्ड लिस्ट बनेनिहार आ बिनु पढ़ने पोथी अनुशंसित केनिहार रेफरीकेँ साहित्य अकादेमी चिन्हित करए, आ नाम सार्वजनिक कऽ स्थायी रूपसँ प्रतिबन्धित करए, से आग्रह; तखने मैथिलीक प्रतिष्ठा बाँचल रहि सकत। एतए ईहो तथ्य अछि जे साहित्य अकादेमीक मैथिली विभागक संयोजक श्री विद्यानाथ झा विदित अखन धरि ने पुरस्कार भेटबाक सूचने आ ने पुरस्कार लेल बधाइये श्री जगदीश प्रसाद मण्डलजी केँ देलन्हि अछि जखनकि मण्डल जी पुरस्कार लऽ कऽ घुरि कऽ आबियो गेल छथि; संगहि टैगोर साहित्य पुरस्कार मैथिली लेल पहिल बेर श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जीकेँ देल जएबा सम्बन्धमे दरभंगा आकाशवाणी कोनो प्रकारक सूचना प्रसारित नै केलक आ दरभंगा, मधुबनी आदिक हिन्दी समाचार-पत्र सेहो ऐ सम्बन्धमे कोनो समाचार प्रकाशित नै केलक जखनकि देशक सभ राष्ट्रीय अंग्रेजी पत्र ( http://esamaad.blogspot.in/2012/06/tagore-literature-awards-national-media.html ) एकर सूचना बिनु कोनो अपवादक प्रकाशित केलक। साहित्य अकादेमीक मैथिली विभागक, आकाशवाणी दरभंगाक आ दरभंगा-मधुबनीक हिन्दी समाचार पत्रक पत्रकार लोकनिक संकीर्ण जातिवादी चेहरा नीक जेकाँ सोझाँ आबि गेल। मुदा ई तँ मात्र प्रारम्भ अछि। साहित्य अकादेमीक मैथिली विभागक असली चेहरा तखन सोझाँ आओत जखन ऐ बर्खक मूल साहित्य अकादेमी पुरस्कारक घोषणा हएत।
श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जीक "गामक जिनगी" मैथिली साहित्यक इतिहासक सर्वश्रेष्ठ लघु कथा संग्रह अछि। जगदीश प्रसाद मण्डल जीकेँ बधाइ।
सूचना (स्रोत समदिया): टैगोर साहित्य पुरस्कार दक्षिण कोरियाक एम्बैसी (स्पॉन्सर सैमसंग इण्डिया लिमिटेड) क आग्रहपर साहित्य अकादेमी द्वारा शुरू कएल गेल अछि। टैगोर साहित्य पुरस्कार गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुरक १५०म जयन्तीक उपलक्ष्यमे शुरू भेल छल। सभ साल ८ टा भाषा आ तीन सालमे साहित्य अकादेमी द्वारा मान्यता प्राप्त सभटा २४ भाषाकेँ ऐमे पुरस्कृत कएल जाइत अछि। मैथिली लेल ई पुरस्कार पहिल बेर देल जा रहल अछि।
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुरक १५०म जयन्तीक उपलक्ष्यमे साहित्य अकादेमी आ सैमसंग इडिया (सैमसंग होप प्रोजेक्ट) द्वारा २००९ ई. मे स्थापित कएल गेल छल टैगोर साहित्य पुरस्कार। २४ भाषाक श्रेष्ठ पोथीकेँ तीन सालमे पुरस्कार (सभ साल आठ-आठ भाषाक सर्वश्रेष्ठ पोथीकेँ एक सालमे पुरस्कार) देल जाएत। पुरस्कारमे प्रत्येककेँ ९१ हजार टाका आ प्रशस्ति-पत्र देल जाइत अछि। चारिम साल पहिल सालक आठ भाषाक समूहक फेरसँ बेर आएत। टैगोर जयन्तीक लगाति अवसरपर ई पुरस्कार देल जाइत अछि।

टैगोर साहित्य पुरस्कार २००९ बांग्ला, गुजराती, हिन्दी, कन्नड, काश्मीरी, पंजाबी, तेलुगु आ बोडो भाषामे २००५ सँ २००७ मध्य प्रकाशित पोथीपर देल गेल।
-बांग्ला (आलोक सरकार, अपापभूमि, कविता)
-गुजराती ( भगवान दास पटेल, मारी लोकयात्रा)
-हिन्दी (राजी सेठ, गमे हयात ने मारा, कथा संग्रह)
-कन्नड (चन्द्रशेखर कांबर, शिकारा सूर्य, उपन्यास)
-काश्मीरी (नसीम सफाइ, ना थसे ना आकास, कविता)
-पंजाबी (जसवन्त सिंह कँवल, पुण्य दा चानन, आत्मकथा)
-तेलुगु (कोवेला सुप्रसन्नाचार्य, अंतरंगम, निबन्ध)
-बोडो (ब्रजेन्द्र कुमार ब्रह्मा, रैथाइ हाला, निबन्ध)

टैगोर साहित्य पुरस्कार २०१० असमी, डोगरी, मराठी, ओड़िया, राजस्थानी, संथाली, तमिल आ उर्दू भाषामे २००६ सँ २००८ मध्य प्रकाशित पोथीपर देल गेल।

-असमी (देवव्रत दास, निर्वाचित गल्प)
-डोगरी (संतोष खजूरिया, बडलोनदियन बहारां)
-मराठी (आर. जी. जाधव, निवादक समीक्षा)
-ओड़िया (ब्रजनाथ रथ, सामान्य असामान्य)
-राजस्थानी (विजय दान देथा, बातां री फुलवारी)
-संथाली (सोमाइ किस्कू, नमालिया)
-तमिल (एस. रामकृष्णन, यामम)
-उर्दू (चन्दर भान खयाल, सुबह-ए-मश्रिक-की अजान)


टैगोर साहित्य पुरस्कार २०११ मैथिली, अंग्रेजी, कोंकणी, मलयालम, मणीपुरी, नेपाली आ सिंधी लेल २००७ सँ २००९ मध्य प्रकाशित पोथीपर देल गेल। संस्कृत लेल पुरस्कार नै देल जा सकल।
-मैथिली (जगदीश प्रसाद मण्डल, "गामक जिनगी")
-अंग्रेजी (अमिताव घोष, "सी ऑफ पॉपीज")
-कोंकणी (शीला कोलाम्बकर, "गीरा")
-मलयालम (अकितम अचुतम नम्बूदरी, "अंतिमहक्कलम")
-मणीपुरी (एन. कुंजामोहन सिंह, "एना केंगे केनबा नट्टे")
-नेपाली (इन्द्रमणि दरनाल, "कृष्णा-कृष्णा")
-संस्कृत-
-सिंधी (अर्जुन हसीद, "ना इएन ना")
जगदीश प्रसाद मंडल, जन्म ५ जुलाइ १९४७। गाम-बेरमा, तमुरिया, जिला-मधुबनी। एम.ए.। कथाकार (दीर्घकथा संग्रह- शंभुदास; लघुकथा संग्रह १.गामक जिनगी, २. अर्द्धांगि‍नी..सरोजनी.. सुभद्रा.. भाइक सिनेह इत्‍यादि; आ तरेगन -बाल-प्रेरक विहनि कथा संग्रह); नाटककार (१.मिथिलाक बेटी, २.कम्प्रोमाइज, ३.झमेलिया वियाह आ ४.एकांकी-संचयन); उपन्यासकार(मौलाइल गाछक फूल, जीवन संघर्ष, जीवन मरण, उत्थान-पतन, जिनगीक जीत- उपन्यास) आ कवि (१.इन्द्रधनुषी अकास, २.गीतांजलि आ ३.राति-दिन। मार्क्सवादक गहन अध्ययन। हिनकर कथामे गामक लोकक जिजीविषाक वर्णन आ नव दृष्टिकोण दृष्टिगोचर होइत अछि। गामक जिनगी, लघुकथा संग्रह लेल विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार २०११ मूल पुरस्कार, आ टैगोर साहित्य सम्मान २०११; आ बाल-प्रेरक विहनि कथा संग्रह "तरेगन" लेल बाल साहित्यक विदेह सम्मान २०१२ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपेँ प्रसिद्ध) प्राप्त।
अपन मंतव्य ggajendra@videha.com पर पठाउ।

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