स्त्रीगणक दशपात अरिपनकन्याक मुण्डन,कान छेदन आ' विवाहक अवसर पर कुलदेवताक घर आकि मण्डप पर बनाओल जाइत अछि।
बनेबाक- विधि। एकर बनेबाक विधि सूक्ष्म अछि।
ऊपरमे तीन पातक पुष्प, ,ओकरनीँचा पाँच-पातक कमल-पुष्प,ओकर नीचाँ सात-पात युक्त्त कमल, बीचमे अष्टदल कमल अछि। दश पात चारू दिशि अछि। नौ टा माँछक चित्र सेहो अछि।
पुरुषक दशपात अरिपनएहिना पुरुषक दशपात अरिपन एकर नाम दसकर्मक बोध करएबाक कारण दशपात अछि, आ’ ई पुरुषक सभ संस्कारक अवसर पर लिखल जाइत अछि।
ऊपरी भागमे दू टा मयूर,कमलक फूल,शुभ मत्स्य,भीतरमे 12 टा माँछक चित्र आ’ दसटा डाढ़िक चित्र देल गेल अछि,आ’, बीचमे अष्टदल कमल।
स्वास्तिक अरिपन :एहिमे ४१ टा स्वास्तिक जोड़ल गेल अछि। स्वस्ति भेल आशीर्वाद। ई कार्त्तिक मासक तुलसी-पूजा,शारदीय दुर्गापूजामे तुलसी-चौड़ा/ दुर्गा-मन्दिरमे अष्टमी दिन पिठारसँ बनाओल जाइत अछि। ई वैदिक यज्ञक ’सर्वतोभद्र’ छथि आऽ यज्ञक चौड़ा पर सेहो लिख्ल जाइत छथि।
बनेबाक विधि- ४१ टा स्वास्तिक आऽ ओकर बीचमे ४१ टा सिन्दूरक ठोप। नीचाँमे पाँचटा शंख, चारू कात आठ अस्त्रक अंकन, अर्ध्वमुख-अधोमुख त्रिकोण, षट्कोण, अष्टकोण, श्रीयंत्र बनाओल जाइत अछि।
