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विदेह 01 अप्रैल 2008 वर्ष 1 मास 4 अंक 7
एहि अंकमे अछि:- 01 अप्रैल 2008 वर्ष 1 मास 4 अंक 7
1. शोध लेख: मायानन्द मिश्रक इतिहास बोध (आँगा)
प्रथमं शैल पुत्री च/ मंत्रपुत्र/ /पुरोहित/ आ' स्त्री-धन केर संदर्भमे
2. उपन्यास सहस्रबाढ़नि (आँगा)
3. महाकाव्य महाभारत (आँगा) 4. कथा(हम नहि जायब विदेश)
5. पद्य ज्योति झा चौधरीक पद्य विशाल समुद्र
आ’ आन कविक अन्यान्य कविता आन कविक अन्यान्य रचना
6. संस्कृत शिक्षा (आँगा) 7. मिथिला कला- चित्रकला चित्रकार प्रीति
8. संगीत शिक्षा (आँगा) 9. बालानां कृते (एकांकी –अपाला आत्रेयी- अंतिम भाग)
10. पंजी प्रबंध पंजी संग्रहकर्त्ताश्री विद्यानन्द झा”मोहनजी” पंज्जीकार
11. मिथिला आ’ संस्कृत( सर्वतंत्रस्वतंत्र बच्चा झाक जीवनी-दोसर भाग)
12. भाषा आ’ प्रौद्योगिकी 13. रचना लिखबासँ पहिने... (आँगा) 14. प्रवासी मैथिल English मे
अ. VN Jha केर Globalization- Is it a boon or a curse for the Maithils?
आ.VIDEHA,Mithila,Tirbhukti, Tirhut…(आँगा)
विदेह (दिनांक 01 अपैल, 2008)
संपादकीय
वर्ष: 1 मास: 4 अंक:7
मान्यवर,
विदेहक नव अंक (अंक 7 दिनांक 1 अप्रैल 2008) ई पब्लिश भ’ रहल अछि। एहि हेतु लॉग ऑन करू http://www.videha.co.in | एहि अंकमे विवेकानन्द झाक अंग्रेजी निबंध साहित्यकेँ समाजसँ जोड़बाक उद्देश्यसँ राखल गेल अछि। ज्योतिझाचौधरीक कविताक संग पञ्जीकारजीक पञ्जी पर निबंध देल गेल अछि। प्रवासी मैथिल स्तंभमे विदेहक इतिहासकेँ आँगा बढ़ाओल गेल अछि।
रचना लिखबासँ पहिने.. स्तंभमे मैथिली अकादमी द्वारा निर्धारित भाषाक अंकन कएल गेल अछि,एहिमे विशेष वृद्धि कएल गेल अछि। श्री उदय नारायण सिंह नचिकेता, निदेशक, केन्द्रीय भाषा संस्थान, मैसूर केर मेल प्राप्त भेल आ' ओ' लिखलन्हि जे ओ' एकरा डॉ. श्री बी मल्लिकार्जुनकेँ अग्रसारित कए देलन्हि, जे केन्द्रीय भाषा संस्थान, मैसूरमे भाषा पौद्योगिकी विभागक अध्यक्ष छथि। श्री मल्लिकार्जुनजीक ई-मेल सेहो प्राप्त भेल आ' ओ' लिखलन्हि अछि, जे एकरा कमेटीक समक्ष राखल जायत। बी. मल्लिकार्जुन मैथिली स्टाइल मनुअल बनएबाक कार्यकेँ आगाँ बढ़ा रहल छथि।
प्रीति द्वारा कला आ' चित्रकला स्तंभ चित्रित कएल गेल अछि।
मिथिलाक रत्नमे साहित्यकारक अतिरिक्त खेलकूद आ’ अन्यान्य विधासँ संबंधित (संगीत,फिल्म,पत्रकारिता,इतिहास,संस्कृत आ’ अंग्रेजी, अर्थशास्त्री,डिप्लोमेट,रजनीतिज्ञ आदि)मिथिलाक विभूतिक चित्र प्रदर्शित अछि। वेबसाइट खोलला अनन्तर विद्यापतिक ‘बड़ सुखसार पाओल तुव तीरे’क वाराणसीक गंगातट पर शहनाइ पर भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान द्वारा बजाओल, आ’ तबला पर किसन महाराज आ’ वायलिन पर श्रीमति एन. राजम द्वारा बजाओल संगीत बाजि उठैत अछि। संपर्क_खोज स्तंभ पर मिथिला आ’ मैथिलीक साइट सभक संकलन/लिंक देल गेल अछि।विदेहक अपन सर्च इंजिनसँ विदेहक नव-पुरान अंककेँ ताकल जा’ सकैत अछि। दोसर सर्च इंजिनसँ मैथिलीक विशेष संदर्भमे संपूर्ण वेबकेँ ताकि सकैत छी।पुरान किताब सभक डिजिटल इमेजिंग विदेह कॉर्पोराक अंतर्गत करबाओल जा’ रहल अछि। वेब सर्चेबल डिक्शनरी जाहिमे पाठक नव-नव शब्द जॉड़ि सकताह केर कार्य सेहो आरंभ कएल गेल अछि। मैथिलीमे बालानांकृतेक एनीमेशन सेहो शुरू कए देल गेल अछि।प्ञ्जीक मिथिलाक्षर आ’ देवनगरीक पत्रक सेहो स्कैनिग शुरू भ’ गेल अछि। ई सभ शीघ्र आर्काइवक अंतर्गत देल जायत।विदेहक पुरान अंक सामान्य आ’ pdf फॉर्मेटमे आर्काइवक अंतर्गत राखल गेल अछि। पाठक पाक्षिक पत्रिकाक pdf संस्करण डाउनलोड सेहो कए सकैत छथि।प्रथम पृष्ठ पर देवनागरी टाइप करबाक हेतु किछु सहयोगी लिंक देल गेल अछि। एहि तरहक तेसर लिंक पर ऑनलाइन टाइप क’ कॉपी क’ ई-मेल किंवा वर्ड दॉक्युमेंटमे पेस्ट क’ सकैत छी।
अपनेक रचना आ’ प्रतिक्रियाक प्रतीक्षामे।
गजेन्द्र ठाकुर 01.04.2008
389,पॉकेट-सी, सेक्टर-ए, बसन्तकुंज,नव देहली-110070.
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