
श्री राजमोहन झा केँ एहि बर्खक प्रबोध सम्मान देल जएतन्हि। मैथिली साहित्य सभसँ प्रतिष्ठित सम्मानमे एक लाख भा.रु. देल जाइत छैक।
श्री राजमोहन झाक जीक जन्म २७ अगस्त १९३४ केँ । शिक्षा- मनोविज्ञानमे एम.ए. । कृति : “एक आदि : एक अन्त” (१९६५) , “झूठ साँच” (१९७२) , “एक टा तेसर” (१९८४) , “आइ काल्हि परसू” (१९९३) , “अनुलग्न” (१९९६) कथा संग्रह आ “गल्तीनामा” (१९८३) , “टिप्पणीत्यादि” (१९९२) , “भनहि विद्यापति” (१९९२) , आलोचनात्मक निबन्ध संग्रह प्रकाशित। प्रायः तीन गोट पोथी जोगर लेख , संस्मरण , टिप्पणी आदि पत्र-पत्रिकामे छिइआयल छन्हि । “आइ काल्हि परसू” कथा संग्रहपर १९९६ क साहित्य अकादेमी पुरस्कारक अलावा वैदेही पुरस्कार एवं कथा एवार्ड प्राप्त । मैथिली पत्रिका “आरम्भ” केर सम्पादक ।
हुनकर स्मरण : २४-२५ साल पहिलका हुनकर सुनाएल स्मृतिक स्मृति मोन पड़ैत अछि। राजमोहन जी अपन पिता हरिमोहन झा जीक स्मृति सुना रहल छलाह। हरिमोहन बाबू अपन गाम बाजितपुर जाऽ रहल छलाह। बसमे एक गोटे पुछलखिन्ह, - “अहाँ डी.पी. मे कतए जाऽ रहल छी”।
हरिमोहन बाबूकेँ डी.पी. केर फुल फॉर्म नहि बुझल रहन्हि से पुछलखिन्ह- “डी.पी. माने की”।
ओ सज्जन उत्तर देलखिन्ह- “डी.पी. माने दुर्गापूजा”।
हरिमोहन बाबू अब उत्तर देलखिन्ह- “हम डी.पी. मे बी.पी. जाऽ रहल छी”।
आब ओ सज्जन प्रश्न केलखिन्ह- “बी.पी. माने की”?
हरिमोहन बाबू उत्तर देलखिन्ह- “बाजितपुर”।

प्रबोध सम्मान 2004- श्रीमति लिली रे (1933- )

प्रबोध सम्मान 2005- श्री महेन्द्र मलंगिया (1946- )

प्रबोध सम्मान 2006- श्री गोविन्द झा (1923- )

प्रबोध सम्मान 2007- श्री मायानन्द मिश्र (1934- )

प्रबोध सम्मान 2008- श्री मोहन भारद्वाज (1943- )

प्रबोध सम्मान 2009- श्री राजमोहन झा (1934- )

साहित्य अकादेमी पुरस्कार- मैथिली
१९६६- यशोधर झा (मिथिला वैभव, दर्शन)
१९६८- यात्री (पत्रहीन नग्न गाछ, पद्य)
१९६९- उपेन्द्रनाथ झा “व्यास” (दू पत्र, उपन्यास)
१९७०- काशीकान्त मिश्र “मधुप” (राधा विरह, महाकाव्य)
१९७१- सुरेन्द्र झा “सुमन” (पयस्विनी, पद्य)
१९७३- ब्रजकिशोर वर्मा “मणिपद्म” (नैका बनिजारा, उपन्यास)
१९७५- गिरीन्द्र मोहन मिश्र (किछु देखल किछु सुनल, संस्मरण)
१९७६- वैद्यनाथ मल्लिक “विधु” (सीतायन, महाकाव्य)
१९७७- राजेश्वर झा (अवहट्ठ: उद्भव ओ विकास, समालोचना)
१९७८- उपेन्द्र ठाकुर “मोहन” (बाजि उठल मुरली, पद्य)
१९७९- तन्त्रनाथ झा (कृष्ण चरित, महाकाव्य)
१९८०- सुधांशु शेखर चौधरी (ई बतहा संसार, उपन्यास)
१९८१- मार्कण्डेय प्रवासी (अगस्त्यायिनी, महाकाव्य)
१९८२- लिली रे (मरीचिका, उपन्यास)
१९८३- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (मैथिली पत्रकारिताक इतिहास)
१९८४- आरसी प्रसाद सिंह (सूर्यमुखी, पद्य)
१९८५- हरिमोहन झा (जीवन यात्रा, आत्मकथा)
१९८६- सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)
१९८७- उमानाथ झा (अतीत, कथा)
१९८८- मायानन्द मिश्र (मंत्रपुत्र, उपन्यास)
१९८९- काञ्चीनाथ झा “किरण” (पराशर, महाकाव्य)
१९९०- प्रभास कुमार चौधरी (प्रभासक कथा, कथा)
१९९१- रामदेव झा (पसिझैत पाथर, एकांकी)
१९९२- भीमनाथ झा (विविधा, निबन्ध)
१९९३- गोविन्द झा (सामाक पौती, कथा)
१९९४- गंगेश गुंजन (उचितवक्ता, कथा)
१९९५- जयमन्त मिश्र (कविता कुसुमांजलि, पद्य)
१९९६- राजमोहन झा (आइ काल्हि परसू)
१९९७- कीर्ति नारायण मिश्र (ध्वस्त होइत शान्तिस्तूप, पद्य)
१९९८- जीवकांत (तकै अछि चिड़ै, पद्य)
१९९९- साकेतानन्द (गणनायक, कथा)
२०००- रमानन्द रेणु (कतेक रास बात, पद्य)
२००१- बबुआजी झा “अज्ञात” (प्रतिज्ञा पाण्डव, महाकाव्य)
२००२- सोमदेव (सहस्रमुखी चौक पर, पद्य)
२००३- नीरजा रेणु (ऋतम्भरा, कथा)
२००४- चन्द्रभानु सिंह (शकुन्तला, महाकाव्य)
२००५- विवेकानन्द ठाकुर (चानन घन गछिया, पद्य)
२००६- विभूति आनन्द (काठ, कथा)
२००७- प्रदीप बिहारी (सरोकार, कथा
२००८- मत्रेश्वर झा (कतेक डारि पर, आत्मकथा))
साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार
१९९२- शैलेन्द्र मोहन झा (शरतचन्द्र व्यक्ति आ कलाकार-सुबोधचन्द्र सेन, अंग्रेजी)
१९९३- गोविन्द झा (नेपाली साहित्यक इतिहास- कुमार प्रधान, अंग्रेजी)
१९९४- रामदेव झा (सगाइ- राजिन्दर सिंह बेदी, उर्दू)
१९९५- सुरेन्द्र झा “सुमन” (रवीन्द्र नाटकावली- रवीन्द्रनाथ टैगोर, बांग्ला)
१९९६- फजलुर रहमान हासमी (अबुलकलाम आजाद- अब्दुलकवी देसनवी, उर्दू)
१९९७- नवीन चौधरी (माटि मंगल- शिवराम कारंत, कन्नड़)
१९९८- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (परशुरामक बीछल बेरायल कथा- राजशेखर बसु, बांग्ला)
१९९९- मुरारी मधुसूदन ठाकुर (आरोग्य निकेतन- ताराशंकर बंदोपाध्याय, बांग्ला)
२०००- डॉ. अमरेश पाठक, (तमस- भीष्म साहनी, हिन्दी)
२००१- सुरेश्वर झा (अन्तरिक्षमे विस्फोट- जयन्त विष्णु नार्लीकर, मराठी)
२००२- डॉ. प्रबोध नारायण सिंह (पतझड़क स्वर- कुर्तुल ऐन हैदर, उर्दू)
२००३- उपेन्द दोषी (कथा कहिनी- मनोज दास, उड़िया)
२००४- डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह “मौन” (प्रेमचन्द की कहानी-प्रेमचन्द, हिन्दी)
२००५- डॉ. योगानन्द झा (बिहारक लोककथा- पी.सी.राय चौधरी, अंग्रेजी)
२००६- राजनन्द झा (कालबेला- समरेश मजुमदार, बांग्ला)
२००७- अनन्त बिहारी लाल दास “इन्दु” (युद्ध आ योद्धा-अगम सिंह गिरि, नेपाली)
ब्लॉग परिवारक तरफसँ ई उपलब्धिक लेल हुनका हार्दिक बधाई .....
ReplyDeleterajmohan jha ji ke shubhkamna
ReplyDeleteraajamohana jee ke badhai, ee blog 2009 me ehina sabh kshetrak soochna dait rahay se aasha.
ReplyDeleteहुनका हमर शुभकामना....
ReplyDelete