१ फरवरी - २००८ सँ १ फरवरी - २००९ (समय- एक बरख)
एक बरखक भीतर ३३ लेखक द्वारा प्रकाशित १२२ लोकप्रिय रचना
एक बरखमे ८४९१ गोटे द्वारा ई ब्लॉग ५,३२,३८७ बेर देखल गेल, जे की मैथिली ब्लॉगक दुनियाँ मे एकटा रिकार्ड स्थापित कएलक!
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लेखक दल :
(१) - जितमोहन झा (ब्लॉग व्यवस्थापक)
(२) - गजेन्द्र ठाकुर (ब्लॉग संयोजक)
(३) - मदन कुमार ठाकुर
(४) - मनोज झा "मुक्ति"
(५) - ममता झा
(६) - दयाकांत मिश्र
(७) - डॉ.पंकज पराशर
(८) - डॉ.श्रीधरम
(९) - डॉ.पालन झा
(१०) - विनीत उत्पल
(११) - अजय कुमार झा
(१२) - भवेश झा
(१३) - अंशुमाला
(१४) - सतीश चन्द्र झा
(१५) - आशीष झा
(१६) - उमेश कुमार महतो
(१७) - सुशांत झा
(१८) - मुरारी झा
(१९) - गिरीन्द्र नाथ झा
(२०) - नीलिमा चौधरी
(२१) - अनलकान्त (गौरीनाथ)
(२२) - प्रीति
(२३) - नितेश कर्ण
(२४) - आशीष अनचिन्हार
(२५) - शैलेन्द्र मोहन झा
(२६) - गोविन्द मिश्र
(२७) - प्रवीण झा
(२८) - ब्रजमोहन झा
(२९) - अविनाश झा
(३०) - रानू वर्मा
(३१) - श्यामल सुमन
(३२) - जितेन्द्र झा
(३३) - श्याम सुन्दर "शशि"
प्रस्तुत अछि ३३ लेखक द्वारा ब्लॉग पर प्रकाशित १२२ गोट रचना ...
उदास मोन, आ पोसपुत ( मैथिली कथा संग्रह ) Maithili Stories ... श्री सन्तोष मिश्रजीक प्रस्तुति ..
(१) - पोसपुत भाग-१, (२) - पोसपुत भाग-२, (३) - एकटा ब्यथा पत्रमे, (४) - जखन कनिञा भेलखिन बिमार, (५) - सिपाही, (६) - भाग्य अप्पन अप्पन, (७) - उदाश मोन, (८) - सुभद्रा, (९) - एक कथा स्नेहकें, (१०) - कारी पौलनि करिखा, (११) - अशल खिलाडी, (१२) - मुमफली बाली, (१३) - विवाहक - प्रतीक्षा, (१४) - धोबीक गदहा, (१५) - दाग लागल स्नेहमे, (१६) - हमरा याद अछि, (१८) - डॉक्टर, (१९) - दाग,
व्यंग्य:१ - फूसि-फटक, व्यंग्य:२ - पसीझक काँट भाग-१, भाग-२, भाग-३, व्यंग्य:३ - लालकिलाक भारत रत्न ,
मैथिली भाषा आर कथा - व्यंग्य Maithili Story ..... मदनजीक प्रस्तुति .....
(१) - आयल गामक याद, (२) - खट्टरकाका, (३) - चारिटा टेलीग्राम, (४) - बीसटका सुईद (व्याजक) संग, (५) - बहुत महत्त्व अछि, (६) - अंधेर नगरी चौपट राजा, (७) - देश प्रेम मे आस्था, (८) - रेडिमेडक जमाना, (९) - सत्यानास केलक बिमारी,
मिथिलाक खानपान ..... नीलिमा चौधरीजीक प्रस्तुति ...
(१) - मखानक खीर, (२) - मेथीक परोठा, (३) - मुगलई कोबी, (४) - केसर पुलाव, (५) - मूरक परोठा,
1. दही चूडा चीनी- हरिमोहन झा 2. बाजि गेल रनडंक-श्री आरसी प्रसाद सिंह 3.तारानंद वियोगी-नन्दीग्रामपर पंचकमनोज मुक्तिक प्रस्तुति ...
1. दही चूडा चीनी- हरिमोहन झा 2. बाजि गेल रनडंक-श्री आरसी प्रसाद सिंह 3.तारानंद वियोगी-नन्दीग्रामपर पंचक,
आर मैथिली कथा (कहानी) Maithili Stories
(१) - मजाक - जितमोहन झा,(२) - ११ टा कथा - गजेन्द्र ठाकुर,
(३) - अपराजिता - राजकमल चौधरी, (४) - मधुक एक ठोप - जितमोहन झा,
(५) - चूड़ा-दही-चीनी - हरिमोहन झा, (६) - खिस्सा जीवनक - जितमोहन झा,
(७) - पता नहि डोमा पढ़लक आकि नहि - गजेन्द्र ठाकुर, (८) - बहादुरगंजक लोककथा - उमेश कुमार महतो,
(९) - एत' आ ओत' - अनलकान्त, (१०) - तर्पण - अनलकान्त,
(११) - की नाम राखी एहि कथाक - गजेन्द्र ठाकुर,
ब्लॉगपर उपस्थित मैथिली सामाजिक आलेख Maithili Essays
(१) - मिथिलांचलक विकास - सुशांत झा, (२) - सात फेरा - जितमोहन झा,
(३) - ज़िम्मेदारी - जितमोहन झा, (४) - छोटका भैया - ममता झा ,
(५) - जीवनक उद्देश - रानू वर्मा, (६) - आलोचना - ममता झा,
(७) - जीवन साथी - ममता झा, (८) - एक अलग पहचान - जितमोहन झा,
(९) - किछ बात करी - ममता झा, (१०) - दोस्त बनाबू - जितमोहन झा,
(११) - माँ - जितमोहन झा, (१२) - सासुरक बुराई - ममता झा,
(१३) - कोसी - गजेन्द्र ठाकुर, (१४) - सुख - ममता झा,
(१५) - नशाकेँ नञि कहू - जितमोहन झा, (१६) - रामाश्रय झा - गजेन्द्र ठाकुर,
(१७) - राजमोहन झा - गजेन्द्र ठाकुर, (१८) - मंत्रेश्वर झा - गजेन्द्र ठाकुर,
(१९) - सन्त साहेब रामदास - डॉ. पालन झा, (२०) - विद्यापतिक बिदेसिया - गजेन्द्र ठाकुर,
(२१) - जीवनक सार्थकता - जितमोहन झा, (२२) - आदर्शवादी शिक्षक - जितमोहन झा,
(२३) - मिथिला विभूति - १ - गजेन्द्र ठाकुर, (२४) - मिथिला विभूति - २ - गजेन्द्र ठाकुर,
ब्लॉगपर उपस्थित मैथिली कविता POEM Maithili Poetry Poems
जनकपुरसँ मैथिली कविताक (सनेस) भाग - (१) - जितेन्द्र झा,
भाग - (२) - जितेन्द्र झा, भाग - (३) - जितेन्द्र झा,
(४) - गलती - मदन कुमार ठाकुर , (५) - बजट - अजय कुमार झा,
(६) - फगुआ - अजय कुमार झा, (७) - गोपेशजी - गजेन्द्र ठाकुर,
(८) - आरसी प्रसाद सिंह - हरिमोहन झा, (९) - बौवा कहिया आयब गाम - अजय कुमार झा,
(१०) - आहा के हँसब - जितमोहन झा, (११) - प्रवासी मैथिलकेँ समर्पित (कविता) - गजेन्द्र ठाकुर,
(१२) - जन्मभूमि जननी - गजेन्द्र ठाकुर, (१३) - मिथिलाक ध्वज गीत -गजेन्द्र ठाकुर ,
(१४) - कोशीक बाढ़ि-किछु पद्य - गजेन्द्र ठाकुर, (१५) - ककरा कहैतछै दहेज़ - अजय कुमार झा,
(१६) - कलम - गाछी - अजय कुमार झा, (१७) - हमर आशानन्द भाई - प्रवीन झा,
(१८) - मिथिलाक भोज - प्रवीन झा, (१९) - अहर्निश जागि करब हम रक्षा - गजेन्द्र ठाकुर,
(२०) - हर आ' बरद - गजेन्द्र ठाकुर, (२१) - सम्बन्ध - श्यामल सुमन,
(२२) - निरीक्षण - श्यामल सुमन, (२३) - दू गोट कविता - ब्रज मोहन झा,
(२४) - गामक ग़प - विनीत उत्पल, (२५) - किछु गद्य कविता - आशीष अनचिन्हार,
(२६) - रावलपिंडी - पंकज पराशर, (२७) - गप नहि मानलहुं - विनीत उत्पल,
(२८) - नीक लोक - विनीत उत्पल (२९) - विद्यापतिक ३९ टा गीत - गजेन्द्र ठाकुर,
(३०) - ढहैत भावनाक देबाल - गजेन्द्र ठाकुर, (३१) - पक्काक जाठि - गजेन्द्र ठाकुर,
(३२) - देखैत दुन्दभीक तान - गजेन्द्र ठाकुर, (३३) - चारि टा पध - गजेन्द्र ठाकुर,
धर्म - कर्म
(१) - मिथिला दर्शन - गजेन्द्र ठाकुर, (२) - श्लोक संग्रह - गजेन्द्र ठाकुर,
(३) - भगवतीगीत - जितमोहन झा, (४) - सूर्यगीत - गणेशगीत - गजेन्द्र ठाकुर,
(५) - माँदेवीदुर्गाक नौ टा रूप - जितमोहन झा, (६) - प्रतापमल्लक मैथिली गीत - जितेन्द्र झा,
बधाई हो जितू जी, मैथिल आर मिथिलाक एक बरख पूरा भेलापर।
ReplyDeletejitu ji ,namaskaar
ReplyDeletemaithil aur mithila ke 1-varsa pura bhela par ahanke aur samasta pathakgan ke hamra taraf sa hardik shubhakamna swikar kayal jau.dhanyawaad.
prabandha kumar singh
katma, manigachi, darbhanga
बहुत - बहुत धन्यवाद गजेन्द्र भैया आ प्रबंध जी ....
ReplyDeleteगजेन्द्र ठाकुरजी,जितमोहनजी...
ReplyDeleteब्लॉगक एहि सफलताक लेल हमर शुभ - कामना ....
EHI BLOG KE EK SALAK UPLABDHI PAR HARDIK BADHAI AUR APAR SUBHKAMNA !
ReplyDeleteDHANYBAD
बहुत नीक प्रस्तुति।
ReplyDeleteBahut bahut badhai tatha utkrisht safaltam pryash hara du shabd ahi uplakch par furayat achi; "yadi ehina karat sab mil ke upkram,te o din dur nahi jahi me sab bhor hoyat son san or sab rati hoyat punam"
ReplyDeletemaithili k etak nik blog k bare me hmara nai pata raha muda e dekh k hmra khusi bhel, muda mon me ekta prashan aichh okar uttar paba chahai chhi ki ete jagruk aur pratibha k hoyte maithili sahitya au bhasha k vikash me je kranti aeba k chahi se nai alai han jaha tak okar hrash bhelai se kiya. ekar karan kahi bhasha k andekhi t nai chhai. ki ekjuta k kami chhai.bahut log chhathin ai disha me prayasrat babjud okar o kranti nai bha rahal chhai.trihuta lipi k haal t sabhak samne aichhe ki ab u vilupt hoye k kagar par chhai.
ReplyDeletenitesh jha
kabilpur,darbhanga
NITESH JI ,
ReplyDeletenamaskaar.
apanek 'sawaal' SAHITYA aur BHAASA KE sandarbha me je uthailau se bad-nik lagal ,ehi s,a apnek MATRIK-BHAASA s,a PREM aur CHINTA ke sath JAGRUKTA-K pata chalait achi.
ehi sawaal,k lel ahanke dhanyawaad dait chhi.
[ prabandha kumar singh]
MAITHIL aur MITHILA ke pathak.
PRABANDHA
MANIGACHI
DARBHANGA