भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
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पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor:
Gajendra Thakur
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पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html (किछु
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गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर
रूपमे इन्टरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम
उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल
इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह"
पड़लै।इंटरनेटपर मैथिलीक प्रथम उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली
पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,जे http://www.videha.co.in/ पर
ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक
प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि।
विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA
aai kalhik sthiti par nik kavita
ReplyDeleteसुनि एतबहि गप्प बाबा कुदलाह
ReplyDeleteभेलाह आगि बबुल्ला
तमाकुलक सिट्ठी मुहँ स' फेकैत
उगलय लगलाह विषगुल्ला
निक लगल मनीषजी।
kavita prasangik,
ReplyDeletemuda nete ta par aaxep kiyek yau, loke me se te neta niklaiye.
आदरणीय हिमांशु जी,हमर आक्षेप ओहेन नेता पर अछि जे मात्र अप्पन स्वार्थ के सिद्ध करय वास्ते चुनाव लड़ैत छथि, नहि की काजुल आ सच्चरित्र नेता पर,जे की कविता में स्पष्ट कयल गेल अछि I
ReplyDeleteउचित कमेन्ट के लेल बहुत-बहुत धन्यवाद I
हमरा लोकनि मताधिकार बूझि क'
ReplyDeleteदै छी अहींके वोंट
हम सब कछ्छर काटि रहल छी
आ अहाँ छपै छी नोंट
बहुत सुंदर रचनाकर छी अहाँ,सामाजिक अनुभव नीक अछि I रचना बहुत सुंदर ,धन्यवाद I
Rachanakaar oaah shresth je phul-paat san san vishay par appan roshnai aa urja nai vyarth ka ka samajit avyavtha aa kuriti ke appan rachana dwara ujagar karathi. Prasangit vishay par sameecheen kavita, dhanyabaad, Manish bhai, aaguo ahak rachna ke pratiksha rahat.
ReplyDeletebahut nik rachna, janata jagruk bhel achhi pahine sa, ruchigar aa samayik nik prastutikaran kayal, dhanayabad
ReplyDeleteवाह रे बौआभाई अहाँ त' कमाल के कवि जी छी यौ एते दिन कहाँ छलौं एते नीक रचना प्रकाशित करबा वास्ते धन्यबाद I
ReplyDeletenik lagal manish ji ahank kavita
ReplyDeletenik kavita election ker mausam me
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