अंकुर काशी नाथ झा
गाम-कोइलख, जिला-मधुबनी, मिथिलांचल
सरकारी योजना
माथ पर लेने जारैनक पथिया,
घुमि रहल छै, कलमें गाछीये
एकटा बुढ़िया ।
सब कहै छै ओ हरजिन छै,
सरकार ओकरा देने संरक्षण छै,
महिला वला सेहो ओकरा आरक्षण छै,
तइयो अभगली के गंजन छै।
सरकार के ओकर जाति पर बहुत छै ध्यान,
ओकरा लेल घर बनेबाक सेहो छै प्रावधान,
अन्न आ कपड़ा में वैह सब छै प्रधान,
तइयो ओ खाइ लेल छै पेरशान।
इंदिरा आवास आ अन्नपूर्णा के योजना एलै,
बुढ़िया के ई सब भेटब सपना भेलै,
नेता सब के अन्न भेटलै, घर बनलै,
सरकार बुझलकै गरीबक कल्याण भेलै।
एक बेर फेर ओ योजना सऽ वंचित रहि गेलै,
पूछलीयै जे ओकरा कियैक नहि भेटलै,
मुखिया जी कहलैन,
जगह कम आ बेसी भीड़ छै,
मुदा सत्त बात तऽ काका कहला,
बेचारी बुढ़िया शरिफ छै॥
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