हमर नाम नीरज कुमार अईछ... डखराम, दरभंगा हमर पैतृकगाम ऐछ...एखन दिल्ली में छि...
हम एहन मिथिला-पुत्र छि जे सब मैथिलि बाजए छे मुदा लिखय अओर पढयमें लगभग असमर्थ होयत छथीन...एहि कारण जे त्रुटी होय हमर लेखन में , अहाँ सब क्षमा करब आशा करैत छि...
एहि ठाम पोस्ट करै के अनुमति भेटल एहि लेल आभार प्रकट करै छि...
हम काल्हि डॉ कलाम के 'Ignited Mind' केर मैथिलि अनुवाद पढ़त छलिये, डॉ नित्यानंद लाल दास द्वारा 'प्रज्वलित प्रज्ञा' पुस्तक के रूप में प्रकाशित कयल गेल ऐछ... डॉ दास हमर मामा छथिन्ह... ई पुस्तक के विमोचन आओर प्रचार में हम हुनकर संगे छलिय, मुदा मैथिल समाजो में मैथिलि पुस्तक क लेल कोनो उत्साह नहि दिखल...कारण जे मैथिलि भाषा के पाठक बड़ कम भेटत...
ओहि समय हमर मोन में ई विचार उत्पन्न भेल, जे अहाँ सब के सम्मुख प्रकट करै छि...
हम दोसर भाषा के अनेक पुस्तक या रचना सबहक मैथिल अनुवाद पढि चुकल छि मुदा मैथिलि पुस्तक वा कथा- कहानी-कविता के कोनो आओर भाषा में अनुवाद देखनो नहि छि... ऐना कियैक ...
मिथिला के अनेक लोक बाहर रहै छथिन्ह... मिथिला के संस्कृति, संस्कार आओर साहित्य स' दूर
छथिन्ह... यदि हिन्दी वा अंग्रेजी में ई सब उपलब्ध होय त शायद नव पीढी मिथिला, मैथिलि अओर मैथिल दिस आकर्षित होथिन्ह...
मिथिला के लेखक लोकनि स आग्रह ऐछ जे एही दिशा में अपन योगदान देथुन्ह जाहि स हम सब अपन इतिहास स पुनः परिचित होइ... एही तरहे मैथिलि के backlink हेते हिन्दी आओर अंग्रेजी स , जेकर महत्ता अंतरजाल स परिचित लोक खूब समझै छथिन्ह...
आशा ऐछ अहाँ लोकनि हमर 'मैथिलि स अनुवादित पुस्तक' क विषय में हमर ज्ञान वृद्धि करब...
niraj ji
ReplyDeletekatek nik te ahan likhai chhi,
2.maithili sahitya-english translation me
http://madhubani-art.blogspot.com/
ehi link par uplabdh achhi,
3. डॉ कलाम के 'Ignited Mind' केर मैथिली अनुवाद लेल डॉ नित्यानंद लाल दासजीकेँ बधाइ।
4.ई पोथी कतएसँ आ कतेक दामपर (रजिस्टर्ड/ कूरियर सहित) प्राप्त होएत से लिखू।
5. ई सही अछि जे मैथिली पोथीक ओतेक डिमांड नहीं छै, मुदा तकर कारण सुविधाजनक रूपेँ तकर प्राप्त नहीं भेनाइ सेहो अछि। इंटरनेट आ अन्य माध्यमसँ ई कमी पूर्ण कएल जा सकैत अछि- मैथिल आर मिथिला- एहिमे अहाँक सहयोगक आसमे अछि।
6. डॉ नित्यानंद लाल दासजीक पोथीक मुख्यपृष्ठक स्कैन कएल इमेज सेहो पठाऊ, से आग्रह ।
neeraj ji,
ReplyDeleteahank ehi blog me svagat achhi,
bajnai aa likhnai me kono antar nahi chhai, khuli kay likhoo,
ahan se aar rachna sabhak aas me
katek nik gap sojha rakhlahu niraj ji
ReplyDeletehttp://www.videha.co.in/new_page_13.htm
ehi uparaka prishtha par manak maithili par aalekh chhai je ahan san pratibhavan lokak lel 1/2 hour ke mehanati achhi.
prajvalit pragya ker dharavahik prastutik aasha me
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