१११म ‘सगर राति दीप जरय’ रहुआ संग्राममे सम्पन्न भेल (गजेन्द्र ठाकुर- आगामी विदेहक अंक ३६२क सम्पादकीय अंश)
साहित्य अकादेमीक मैथिली परामर्शदातृ समितिक अध्यक्ष डॉ. अशोक अविचल व्यक्तिगत आधारपर १११म ‘सगर राति दीप जरय’क आयोजन, वर्षक ३१ दिसम्बर २०२२ शनि दिन, रहुआ संग्रामक 'आदिनाथ मधुसूदन पारस मणि संस्कृत महाविद्यालय'क सभागारमे सफलतापूर्वक सम्पन्न करबेलनि। ३३ टा नूतन कथाक पाठ भेल। पठित कथा सभपर मैथिली कथाकार लोकनि टिप्पणी केलनि। एतऽ विभिन्न विधाक १७ पोथीक लोकार्पण सेहो भेल। ई आयोजन तीन-तीन मासपर, वर्ष भरिमे चारि खेप आयोजित होइए। प्रथम 'मार्च'मे, द्वितीय 'जून'मे, तृतीय 'सितम्बर'मे आ चतुर्थ 'दिसम्बर'मे।
एतऽ किछु मूलधाराक साहित्यकार नाम नै लेबाक शर्तपर सूचित केलन्हि, जे अशोक अविचल आ सात टा गएर लिटेरेरी असोसियेशन साहित्य अकादेमीक मेम्बरशिपमे एकटा नाम आगाँ अनलक अछि- डॉ. अजय कुमार झा जे अशोक अविचलक भागिन छथिन्ह (किछु गोटेक अनुसार ममियौत पिसयौत); तेँ मूलधाराक कथाकार लोकनि १११म सगर जाति दीप जरयक बहिष्कार केलनि। ई पुछलापर जे तखन विभूति आनन्द, हीरेन्द्र कुमार झा, दमन कुमार झा आ अशोक कुमार मेहता केना १११म सगर राति दीप जरयमे पहुँचला, तँ ओ सभ सूचित केलनि जे तइ लेल ऐ चारू गोटेक करार अशोक अविचलसँ भेलन्हि जे ओ एकरा ११२ म सगर राति दीप जरय लिखता, मुदा ओ कोनो आमंत्रणमे से नै केलन्हि आ बैनरपर ऊपरमे छोट सन ’क्रम ११२’ लिखलन्हि। तइपर संचालक हीरेन्द्र कुमार झा क उसकेलापर अध्यक्ष विभूति आनन्द समेत दमन कुमार झा आ अशोक कुमार मेहता २-३ घण्टा बाद खा पी कऽ ओतऽ सँ प्रस्थान कऽ गेला, मुदा समानान्तर धाराक सभ कथाकार भोर धरि गोष्ठीमे रहि एकरा सफल बनबेलन्हि। एतऽ ई स्पष्ट कऽ दी जे ई कृत्य हीरेन्द्र कुमार झा पहिनहियो केने छथि जे विदेहमे अभिलेखित अछि [८९म सगर राति दीप जरय, औरहा (लौकही), १५.५.२०१३, संयोजक- उमेश पासवान; हीरेन्द्र झा द्वारा क्रमांक ९० नै केलापर गोष्ठीक बहिष्कार आ हुनका उसकेलापर अशोक कुमार मेहता सेहो बहिष्कार केलनि]। साहित्य अकादेमी द्वारा गत दस बर्खसँ समानान्तर धाराक एकमात्र स्थल सगर राति दीप जरय केँ गीड़ि लेबाक प्रयास कएल जा रहल अछि। आगामी ११२म ’सगर राति दीप जरय’क आयोजन श्री रामचन्द्र रायक संयोजकत्वमे हुनक पैतृक गाम- सहुरिया (अन्धराठाढ़ी) मे 'मार्च' २०२३ मासक अन्तिम शनि दिन हएत, से सर्वसम्मतिसँ निर्धारित भेल। हीरेन्द्र कुमार झा अपन ब्लैकमेलिंग आगाँ सेहो पूर्ण निष्ठासँ जारी राखलनि जखन ०२.०१.२०२३ केँ रामचन्द्र रायकेँ फोन कऽ आगामी गोष्ठीक क्रमांक ११२ नै ११३ करबाक दुष्टतापूर्ण ब्राह्मणवादी आग्रह केलन्हि आ डरेलन्हि, जइ सँ कोनो तरहेँ साहित्य अकादेमीक गोष्ठीकेँ सगर राति दीप जरयक मान्यता भेटि जाय। साहित्य अकादेमी हुनकर दस बर्खसँ जारी ऐ कुत्सित प्रयासक मेहनताना दैत हेतन्हि आ जँ नै देने छन्हि तँ आगाँ देतन्हि। विदेहक आगामी साहित्यिक भ्रष्टाचार विशेषांक मे सभ गपक खुलासा हएत।
विदेह "साहित्यिक भ्रष्टाचार विशेषांक" लेल निम्नलिखित विषयपर आलेख ई-मेल editorial.staff.videha@gmail.com पर आमंत्रित अछि।
१. साहित्य, कला आ सरकारी अकादमीः-
(क) पुरस्कारक राजनीति
(ख) सरकारी अकादेमीमे पैसबाक गएर-लोकतांत्रिक विधान
(ग) सत्तागुट आ अकादमी केर काज करबाक तरीका
(घ) सरकारी सत्ताक छद्म विरोधमे उपजल तात्कालिक समानांतर सत्ताक कार्यपद्धति
(ङ) अकादेमी पुरस्कारमे पाइ फैक्टरः मिथक बा यथार्थ
२. व्यक्तिगत साहित्य संस्थान आ पुरस्कारक राजनीति
३. प्रकाशन जगतमे पसरल भ्रष्टाचार आ लेखक
४. मैथिलीक छद्म लेखक संगठन आ ओकर पदाधिकारी सबहक आचरण
५. स्कूल-कॉलेजक मैथिली विभागमे पसरल साहित्यिक भ्रष्टाचारक विविध रूप-
(क) पाठ्यक्रम
(ख) अध्ययन-अध्यापन
(ग) नियुक्ति
६. साहित्यिक पत्रकारिता, रिव्यू, मंच-माला-माइक आ लोकार्पणक खेल-तमाशा
७. लेखक सबहक जन्म-मरण शताब्दी केर चुनाव , कैलेंडरवाद आ तकरा पाछूक राजनीति
८. दलित एवं लेखिका सबहक संगे भेद-भाव आ ओकर शोषणक विविध तरीका
९. कोनो आन विषय।
-गजेन्द्र ठाकुर, सम्पादक विदेह, whatsapp no +919560960721 HTTP://VIDEHA.CO.IN/ ISSN 2229-547X VIDEHA
ऐ सम्बन्धमे ई स्पष्ट कऽ दी जे अशोक अविचल ऐ गोष्ठीक आयोजन पूर्ण रूपसँ व्यक्तिगत रूपेँ केने रहथि। दिल्लीक साहित्य अकादेमीक गोष्ठी जे टैगोरक १५० जयन्ती बर्खमे आयोजित भेल आ जकरा साहित्य अकादेमी अपन वार्षिक रिपोर्ट आ आय-व्यय खातामे अपन गोष्ठीक रूपमे वर्णित केलक आ तकर पाइक वितरण देखेलक आ ऑडिटरसँ अप्रूव करेलक, केँ सगर राति दीप जरयक रूपमे मान्यता देबा लेल मूल धाराक पुरस्कार/ असाइनमेण्ट लोलुप आ ब्राह्मणवादी लोक गत दस बर्खसँ अपस्याँत छथि, से एक बेर फेर असफल भेल।
रहुआ संग्राम गोष्ठीमे निम्न कथाक पाठ भेल, १. डॉ विभूति आनन्द : आस्था, विश्वास आ परम्परा; २. रवि भूषण कुमार : भोजक वहिष्कार; ३. मानब अनीष मण्डल : सत्यक भ्रूण हत्या; ४. रितिक मण्डल : गेलौं तँ हम गेलौं ; ५. पं. शिव कुमार मिश्र : वसुधा काहू को न होय; ६. उमेश मण्डल : अप्पन जिम्मा; ७. आचार्य रमानन्द मण्डल : बाल वैरागी; ८. राधाकान्त मण्डल : भुमहुर आगि आ अल्हुआ; ९. झोली पासवान : कारी नाग; १०. नारायण यादव : कनियाक जीवन; ११. कपिलेश्व राउत : चेफरी; १२. जगदीश प्रसाद मण्डल : कुमहरक बतिया; १३. अमित मिश्र : अधलाहक परिणाम अधलाहे; १४. बैद्यनाथी राम : हमहीं धनीक छी; १५. हरिश्चन्द्र झा : निरीक्षण; १६. प्रीतम कुमार निषाद : बुढ़ारी भ्रूणक हत्या; १७. श्रवण कुमार मण्डल : प्रेम विवाह; १८. रामसेवक ठाकुर : सात पूत रामकेँ; १९. रामकृष्ण परार्थी : आड़ि; २०. दुर्गेश मण्डल : द्वन्द; २१. लालदेव कामत : मधुमाछी ; २२. शारदानन्द सिंह : जावत सोंखा के नाव होयतो तावत; २३. अरविन्द प्रसाद : नेंगरू आ मंगरू; २४. अशोक अविचल : मनुआ नाचय मोर; २५. नारायण झा : राजनीतिमे राजनीति; २६. उमेश नारायण कर्ण : माय; २७. दुर्गानन्द मण्डल : सपना; २८. राम विलास साहु : नीक करब तँ बेजाए किए हएत?; २९. नन्द विलास राय : रंगल नढ़िया; ३०. रामचन्द राय : तोहीं जितलेँ हमहीं हारलौं; ३१. रामेश्वर प्रसाद मण्डल : हमरो बहिन अछि; ३२. विनय मोहन जगदीश : छट्ठू; आ ३३. रमेश कुमार शर्मा : संघर्ष।
गोष्ठीमे निम्न पोथी सभक लोकार्पण भेल- १. साहित्यकारक विवेक (कथा संग्रह) : जगदीश प्रसाद मण्डल; २. नब बनक नब फल (कथा संग्रह) : जगदीश प्रसाद मण्डल; ३. सुचिता (उपन्यास) : जगदीश प्रसाद मण्डल; ४. प्रतिकार एखन बाँकी अछि (काव्य संग्रह) : रामकृष्ण परार्थी; ५. असल पूजा (कथा संग्रह) : नन्द विलास राय; ६. संयोग (कथा संग्रह) : रबीन्द्र नारायण मिश्र; ७. लजकोटर (उपन्यास) : रबीन्द्र नारायण मिश्र; ८. इएह थिक जीवन (संस्मरण) : रबीन्द्र नारायण मिश्र; ९. राष्ट्र मंदिर (उपन्यास) : रबीन्द्र नारायण मिश्र; १०. मातृभूमि (उपन्यास) : रबीन्द्र नारायण मिश्र ; ११. सीमाक ओहि पार (उपन्यास) : रबीन्द्र नारायण मिश्र; १२. नित नवल सुभाष चन्द्र यादव : गजेन्द्र ठाकुर ; १३. मैथिली समीक्षाशास्त्र (आलोचना) : गजेन्द्र ठाकुर ; १४. Rajdeo Mandal Maithili Writer : Gajendra Thakur; १५. सुभद्रा कुमारी चौहान (विनिबन्ध) : डॉ. अशोक अविचल; १६. जेतए ने जाए कवि ओतए जाए अनुभवी (विचारोत्तेजक गद्यांश संकलन) : डॉ. उमेश मण्डल; १७. जगदीश प्रसाद मण्डलक काव्य संग्रह (अनुसन्धान विश्लेषण) : डॉ. उमेश मण्डल।
सुभाष चन्द्र यादव समानान्तर धाराक १११म सगर राति दीप जरयक सफलता लेल संदेश पठेलन्हि आ नै आबि सकबा लेल दुख व्यक्त केलन्हि। लोकार्पित पोथी ’नित नवल सुभाष चन्द्र यादव’ लेल अपूर्व उत्साह देखल गेल, आ उपस्थित लोक मांगि-मागि कऽ ओ पोथी लेलनि आ फोनपर दूर दिल्ली आ आन-आन ठामसँ ऐ पोथीक ऑर्डर लोकार्पण दिने सँ आबय लागल।
सगर राति दीप जरय पहिल सँ १११ धरिक कथा यात्रा
१. मुजफ्फरपुर, २१.०१.१९९०, प्रभास कुमार चौधरी; २. डेओढ़, २९.०४.१९९०, जीवकान्त; ३. दरभंगा, ०७.०७.१९९०, डॉ. भीमनाथ झा, प्रदीप मैथिली पुत्र, विजयकान्त ठाकुर; ४. पटना, ३.११.१९९०, गोविन्द झा, दमनकान्त झा; ५. बेगुसराय, १३.०१.१९९१, प्रदीप बिहारी; ६. कटिहार, २२.०४.१९९१, अशोक; ७. नवानी, २१.०७.१९९१, मोहन भारद्वाज; ८. सकरी, २२.१०.१९९१, प्रो. सुरेश्वर झा, डॉ. राम बाबू; ९. नेहरा, ११.१०.१९९२, ए.सी. दीपक; १०. विराटनगर, १४.०४.१९९२, जीतेन्द्र जीत; ११. वाराणसी, १८.०७.१९९२, प्रभास कुमार चौधरी; १२. पटना, १९.१०.१९९२, राजमोहन झा; १३. सुपौल- १, १८.१०.१९९३, केदार कानन; १४. बोकारो, २४.०४.१९९३, बुद्धिनाथ झा; १५. पैटघाट, १०.०७.१९९३, डॉ. रमानन्द झा ‘रमण’ ; १६. जनकपुर, ०९.१०.१९९४, रमेश रंजन; १७. इसहपुर, ०६.०२.१९९४, डॉ. अरविन्द कुमार ‘अक्कू’; १८. सरहद, २३.०४.१९९४, अमिय कुमार झा; १९. झंझारपुर, ०९.०७.१९९४, श्यामानन्द चौधरी; २०. घोघरडीहा, २२.१०.१९९४, डॉ. नारायणजी; २१. बहेरा, २१.०१.१९९५, कमलेश झा; २२. सुपौल (दरभंगा) , ०८.०४.१९९५, कमलेश झा; २३. काठमांडू, २३.०९.१९९५, धीरेन्द्र प्रेमर्षि; २४. राजविराज, २४.०१.१९९६, रामनारायण देव; २५. कोलकाता (रजत जयंती, २८.१२.१९९६), प्रभास कुमार चौधरी; २६. महिषी, १३.०४.१९९७, डॉ. तारानन्द वियोगी/ रमेश प्रायोजित; २७. तरौनी, २०.०६.१९९७, शोभाकान्त; २८. पटना, १८.०७.१९९७, प्रभास कुमार चौधरी; २९. बेगूसराय, १३.०९.१९९७, प्रदीप बिहारी; ३०. खजौली, ०४.०४.१९९८, प्रदीप बिहारी; ३१. सहरसा, १८.०७.१९९८, रमेश; ३२ पटना, १०.१०.१९९८, श्याम दरिहरे; ३३. बलाइन; नागदह, ०८.०१.१९९९, पदम सम्भव; ३४. भवानीपुर, १०.०४.१९९९, डॉ. जिष्णु दत्त मिश्र; ३५. मधुबनी, २४.०७.१९९९, सियाराम झा ‘सरस’, डॉ. कुलधारी सिंह; ३६. अन्दौली, २०.१०.१९९९, कमलेश झा; ३७. जनकपुर, २५.०३.२०००, रमेश रंजन; ३८. काठमांडू, २५.०६.२०००, धीरेन्द्र प्रेमर्षि; ३९. धनबाद, २१.१०.२०००, श्याम दरिहरे एवं रामचन्द्र लालदास; ४०. बिटठो, २१.०१.२००१, डॉ. अक्कू, प्रो.विद्यानन्द झा; ४१. हटनी (घोघरडीहा), १९.०५.२००१, प्रो. योगानन्द झा/अजित कु.आजाद; ४२. बोकारो, २५.०८.२००१, गिरिजानन्द झा ‘अर्धनारीश्वर’, मिथिला सा. परिषद्; ४३. पटना, किरणजयंती, ०१.१२.२००१, अशोक, चेतना समिति, पटना; ४४. राँची, १३.०४.२००२, कुमार मनीष अरविन्द; ४५. भागलपुर, २४.०८.२००२, धीरेन्द्र मोहन झा; ४६. पटना, (विद्यापति भवन पटना), १६.११.२००२, अजित कुमार आजाद; ४७. कोलकाता, २२.०१.२००३, कर्णगोष्ठी, कोलकाता; ४८. खुटौना, ०७.०६.२००३, डॉ. महेन्द्र नारायण राम; ४९. बेनीपुर, २०.०९.२००३, कमलेश झा; ५०. दरभंगा, २१.०२.२००४, डॉ. अशोक कुमार मेहता; ५१. जमशेदपुर, १०.०७.२००४, डॉ. रवीन्द्र कुमार चौधरी; ५२. राँची, ०२.१०.२००४, विवेकानन्द ठाकुर ; ५३. देवघर, ०८.०१.२००५, श्याम दरिहरे एवं अविनाश; ५४. बेगूसराय, ०९.०४.२००५, प्रदीप बिहारी; ५५. पूर्णियाँ, २०.०६.२००५, रमेश; ५६. पटना, ०३.११.२००५, अजीत कुमार आजाद; ५७. जनकपुर (नेपाल) , १२.०८.२००६, रमेश रंजन; ५८. जयनगर, ०२.१२.२००६, नारायण यादव; ५९. बेगूसराय, १०.०२.२००७, प्रदीप बिहारी; ६०. सहरसा, २१.०७.२००७, किसलय कृष्ण; ६१. सुपौल-२, ०१.१२.२००७, अरविन्द ठाकुर; ६२. जमशेदपुर, ०३.०५.२००८, डॉ. रवीन्द्र कुमार चौधरी; ६३. राँची, १९.०७.२००८, कुमार मनीष अरविन्द; ६४. रहुआ संग्राम (मधुबनी), ०८.११.२००८, डॉ. अशोक अविचल; ६५. पटना, कथा गंगा-३, २१.०२.२००९, अजित कुमार आजाद/ चेतना समिति; ६६. मधुबनी, ३०.०५.२००९, दिलीप कुमार झा; ६७. समस्तीपुर, ०५.०९.२००९, रमाकान्त रय ‘रमा’; ६८. सुपौल- ३, ०५.१२.२००९, अरविन्द ठाकुर; ६९. जनकपुर, ०३.०४.२०१०, राजाराम सिंह ‘राठौर’; ७०. कबिलपुर (दरभंगा) , १२.०६.२०१०, डॉ. योगानन्द झा; ७१. बेरमा (झंझारपुर), ०२.१०.२०१०, जगदीश प्रसाद मण्डल, स्थानीय साहित्य प्रेमी; ७२. सुपौल, ०४.१२.२०१०, अरविन्द ठाकुर; ७३. महिषी, कथा राजकमल, ०५.०३.२०११, विजय महापात्र; ७४. हजारीबाग, १०.०९.२०११, श्याम दरिहरे; ७५. पटना, हीरक जयन्ती, १०.१२.२०११, अशोक एवं कमलमोहन ‘चुन्नु’; ७६.चेन्नै, १४.०७.२०१२, विभा रानी; ७७. दरभंगा, किरण जयन्ती, ०१.१२.२०१२, अरविन्द ठाकुर
७८. घनश्यामपुर, ०९.०३.२०१३, कमलेश झा; ७९. औरहा (लौकही), १५.५.२०१३, उमेश पासवान; ८०. निर्मली (सुपौल), ३०.११.२०१३, उमेश मण्डल, स्थानीय साहित्य प्रेमी; ८१. देवघर, (बिजली कोठी, बम्पासटॉन, देवघर), २२.०३.२०१४, ओम प्रकाश झा; ८२. मेंहथ, (झंझारपुर), कथा बौध सिद्ध मेहथपा, ३१.०५.२०१४, गजेन्द्र ठाकुर; ८३. सखुआ-भपटियाही, ३०.०८.२०१४, नन्द विलास राय/फागुलाल साहु/सूरज नारायण राय ‘सुमन’; ८४. बेरमा (मधुबनी), २०.१२.२०१४, शिवकुमार मिश्र, स्थानीय साहित्य प्रेमी; ८५. भागलपुर, (श्याम कुंज, द्वारिकापुरी भागलपुर), ०४.०४.२०१५, ओम प्रकाश झा ; ८६. लकसेना (मधुबनी), २०.०६.२०१५, राजदेव मण्डल ‘रमण’, सत्यदेव ‘सुमन’ ; ८७. निर्मली (सुपौल), १९.०९.२०१५, उमेश मण्डल, स्थानीय साहित्य प्रेमी ; ८८. मध्य विद्यालय- डखराम (बेनीपुर), ३०.०१.२०१६, कमलेश झा, अमर नाथ झा ; ८९. लौकही, २६.०३.२०१६, उमेश पासवान एवं प्रेम कुमार साहु; ९०. लक्ष्मीनियाँ (मधुबनी), १८.०६.२०१६, राम विलास साहु, स्थानीय साहित्य प्रेमी; ९१. गोधनपुर (मधुबनी) २४.९.२०१६, दुर्गानन्द मण्डल; ९२. नवानी (मधुबनी), ३१.१२.२०१६, अजय कुमार दास ‘पिन्टु’; ९३. रतनसारा (घोघरडीहा), २५.०३.२०१७, राजदेव मण्डल, स्थानीय साहित्यानुरागी ; ९४. लौफा (मधेपुर), २४.०६.२०१७, डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी, स्थानीय प्रेमी ; ९५. जलसैन डुमरा (मधुबनी), ०९.९.२०१७, नारायण यादव; ९६. धबौली (लोकही), १६.१२.२०१७, राधाकान्त मण्डल ; ९७. बेरमा (लखनौर), २४.३.२०१८, कपिलेश्वर राउत, बेरमा ग्रामवासी ; ९८. सिमरा (झंझारपुर), १६.६.२०१८, डॉ. शिव कुमार प्रसाद ; ९९. मुरहद्दी, (बड़की टोल), २२.९.२०१८, प्रो. प्रीतम निषाद , १००. निर्मली (तेरापंथ भवन), २२.१२. २०१८, उमेश मण्डल, नवरत्न वेंगानी, मनीष जालान ; १०१. झिटकी (मधुबनी), ३०.३.२०१९, भारत भूषण झा ; १०२. मझौरा, (मधुबनी), २९.०६.२०१९, जय प्रकाश मण्डल, आलोक कुमार; १०३. रामपुर (मधुबनी), २८.९.२०१९, उमेश नारायण कर्ण ‘कल्प कवि’ ; १०४. वलम नगर-महदेवा (लौकही), १४.१२.२०१९,प्रेम कुमार साहु,उमेश पासवान; १०५.दरभंगा (सीतायन सभागार), १३.०२.२०२१, कमलेश झा ; १०६. हटनी (घोघरडीहा, मधुबनी), २५.०९.२०२१, लालदेव कामत; १०७. बेलहा (फुलपरास), २५.१२.२०२१, जीवकान्तक स्मृतिमे, उमेश मण्डल, ई. शैलेन्द्र मण्डल; १०८. मधुरा (मधुबनी), २६.०३.२०२२, डॉ. श्रीशंकर झा; १०९. ननौर (मधुबनी), २५.०६.२०२२, प्रदीप पुष्प; ११०. सोनवर्षा (लौकही), २४.०९.२०२२, अच्छेलाल शास्त्री, स्थानीय साहित्य प्रेमी; १११. रहुआ संग्राम (मधुबनी) ३१.१२.२०२२। ११२म ’सगर राति दीप जरय’क आयोजन श्री रामचन्द्र रायक संयोजकत्वमे हुनक पैतृक गाम- सहुरिया (अन्धराठाढ़ी) मे 'मार्च' २०२३ मासक अन्तिम शनि दिन हएत।
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पूर्वपीठिका : इंटरनेटपर मैथिलीक प्रारम्भ हम कएने रही 2000 ई. मे अपन भेल एक्सीडेंट केर बाद, याहू जियोसिटीजपर 2000-2001 मे ढेर रास साइट मैथिलीमे बनेलहुँ, मुदा ओ सभ फ्री साइट छल से किछु दिनमे अपने डिलीट भऽ जाइत छल। ५ जुलाई २००४ केँ बनाओल “भालसरिक गाछ” जे http://gajendrathakur.blogspot.com/ पर एखनो उपलब्ध अछि, मैथिलीक इंटरनेटपर प्रथम उपस्थितिक रूपमे अखनो विद्यमान अछि। फेर आएल “विदेह” प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका http://www.videha.co.in/पर। “विदेह” देश-विदेशक मैथिलीभाषीक बीच विभिन्न कारणसँ लोकप्रिय भेल। “विदेह” मैथिलक लेल मैथिली साहित्यक नवीन आन्दोलनक प्रारम्भ कएने अछि। प्रिंट फॉर्ममे, ऑडियो-विजुअल आ सूचनाक सभटा नवीनतम तकनीक द्वारा साहित्यक आदान-प्रदानक लेखकसँ पाठक धरि करबामे हमरा सभ जुटल छी। नीक साहित्यकेँ सेहो सभ फॉरमपर प्रचार चाही, लोकसँ आ माटिसँ स्नेह चाही। “विदेह” एहि कुप्रचारकेँ तोड़ि देलक, जे मैथिलीमे लेखक आ पाठक एके छथि। कथा, महाकाव्य,नाटक, एकाङ्की आ उपन्यासक संग, कला-चित्रकला, संगीत, पाबनि-तिहार, मिथिलाक-तीर्थ,मिथिला-रत्न, मिथिलाक-खोज आ सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक समस्यापर सारगर्भित मनन। “विदेह” मे संस्कृत आ इंग्लिश कॉलम सेहो देल गेल, कारण ई ई-पत्रिका मैथिलक लेल अछि, मैथिली शिक्षाक प्रारम्भ कएल गेल संस्कृत शिक्षाक संग। रचना लेखन आ शोध-प्रबंधक संग पञ्जी आ मैथिली-इंग्लिश कोषक डेटाबेस देखिते-देखिते ठाढ़ भए गेल। इंटरनेट पर ई-प्रकाशित करबाक उद्देश्य छल एकटा एहन फॉरम केर स्थापना जाहिमे लेखक आ पाठकक बीच एकटा एहन माध्यम होए जे कतहुसँ चौबीसो घंटा आ सातो दिन उपलब्ध होअए। जाहिमे प्रकाशनक नियमितता होअए आ जाहिसँ वितरण केर समस्या आ भौगोलिक दूरीक अंत भऽ जाय। फेर सूचना-प्रौद्योगिकीक क्षेत्रमे क्रांतिक फलस्वरूप एकटा नव पाठक आ लेखक वर्गक हेतु, पुरान पाठक आ लेखकक संग, फॉरम प्रदान कएनाइ सेहो एकर उद्देश्य छ्ल। एहि हेतु दू टा काज भेल। नव अंकक संग पुरान अंक सेहो देल जा रहल अछि। विदेहक सभटा पुरान अंक pdf स्वरूपमे देवनागरी, मिथिलाक्षर आ ब्रेल, तीनू लिपिमे, डाउनलोड लेल उपलब्ध अछि आ जतए इंटरनेटक स्पीड कम छैक वा इंटरनेट महग छैक ओतहु ग्राहक बड्ड कम समयमे ‘विदेह’ केर पुरान अंकक फाइल डाउनलोड कए अपन कंप्युटरमे सुरक्षित राखि सकैत छथि आ अपना सुविधानुसारे एकरा पढ़ि सकैत छथि।
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