विदेह सूचना संपर्क अन्वेषण
१
"विदेह द्वारा एक बेरमे कोनो एकटा जीवित संस्था,
पत्रिका बा संस्था-पोथी-पत्रिकासँ जुड़ल स्वयंसेवीक समग्र मूल्याकंन
शृंखला"
निअम:
१) संस्था कैटेगरी- संस्थाक काज माला आदि पहिरेनाइ, पत्रिका-स्मारिका आदि छपेनाइ,
जे मात्र रेकॉर्ड बनेबाले हुअय, नै हुअय।
संस्था द्वारा जातिवादी कट्टरता नै बढ़ाओल जेबाक शर्त रहत, संस्था
पॉकेट संस्था नै हेबाक चाही आ जीवित हेबाक चाही।
२) संस्था-पोथी-पत्रिकासँ जुड़ल स्वयंसेवी कैटेगरी-
लेखक-प्रकाशकसँ इतर आन जे लोक पोथी-पत्रिका केर बिक्री कऽ अपन जीवय-यापनक संग
मैथिलीक प्रचारमे सहायक छथि, संगमे संस्था (रंगमंच संस्था सहित) सभसँ सम्बन्धित स्वयंसेवी, तिनको मूल्यांकन विदेह विशेषांक निकालि कऽ करत।
३) पत्रिका कैटेगरी- मैथिलीक कोनो पत्रिकाक ऊपर विदेह
विशेषांक प्रकाशित करत। मुदा ऐलेल ओइ पत्रिकाक सभ अंक विदेहपर डाउनलोड लेल ओइ
पत्रिकाक संपादक बा कॉपीराइट धारक देता, से शर्त अछि।
चयन प्रक्रियाक निअम "विदेहक जीवित लेखक-सम्पादक, आन्दोलनी, सार्वजनिक जीवन जीनिहार, कला-संगीत-रंगमंचकर्मी आ
रंगमंच-निर्देशक पर विशेषांक शृंखला"क चयन प्रक्रियाक निअम सन रहत।
२
"विदेहक जीवित लेखक-सम्पादक, आन्दोलनी,
सार्वजनिक जीवन जीनिहार, कला-संगीत-रंगमंचकर्मी
आ रंगमंच-निर्देशक पर विशेषांक शृंखला"
"विदेहक जीवित लेखक-सम्पादक, आन्दोलनी,
सार्वजनिक जीवन जीनिहार, कला-संगीत-रंगमंचकर्मी
आ रंगमंच-निर्देशक पर विशेषांक शृंखला" क चयन प्रक्रियाक विधि निम्न प्रकारसँ
अछि।
निअम:
१) लगभग पाँच-छह मास पहिनेसँ विदेह अपन पाठककेँ सुझाव देबा
लेल लेल सूचना दैत अछि।
२) आएल सुझावमेसँ विदेह मात्र जीवित लोकक चयन करैत अछि।
३) ऐ सभ लोकक लेखन/ काज एवं आचरणक साम्यता देखल जाइत अछि।
जिनकर लेखन/ काज ओ आचरणमे बेसी साम्यता (कम फाँक) भेटैए तेहन छह टा नाम चयनित होइत
अछि।
४) छह नाम एलापर ई तुलना कएल जाइत छै जे ई छहो गोटेकेँ
लेखन/ काजक एवजमे समाजसँ की भेटलनि।
५) जिनका सभसँ कम भेटल बुझाइत अछि तइ तीन लोककेँ अगिला चरण
लेल राखि लेल जाइत अछि।
६) ऐ तीन चयनित जीवित लोकक रचना, काज आ उद्देश्य आदिक बीचमे
परस्पर तुलना कएल जाइत अछि।
७) अंतिम रूपसँ विदेह द्वारा एकटा नाम चुनि सालक अंतमे
घोषणा कएल जाइत अछि आ नियत समयपर ई विशेषांक निकालबाक प्रयास कएल जाइत अछि।
३
विदेहक "नित नवल सिरीज"
निअम:
१) विदेह द्वारा जे विशेषांक प्रकाशित होइ छै तकर संगे
विदेह ओहन संस्था, पत्रिका, लेखक, कलाकार,
स्वयंसेवी बा सार्वजनिक जीवन जीनिहारपर अपन धेआन सेहो केंद्रित करत
जिनकापर विदेहक विशेषांक कोनो कारणवश नै प्रकाशित भऽ सकल।
२) हम एकटा कोनो संस्था, पत्रिका, लेखक, कलाकार, स्वयंसेवी बा सार्वजनिक जीवन जीनिहारपर
समग्र आलोचना करब जकर भाषा मैथिली अथवा अंग्रेजी रहत। ऐ पोथीक पहिल रूप ई-बुक केर
रूपमे ऐत आ प्रयास रहत जे एकर प्रिंट सेहो आबय जे परिस्थितिपर निर्भर करत।
आगाँक घोषणा लेल http://videha.co.in/investigation.htm देखैत रही।
-गजेन्द्र ठाकुर, सम्पादक विदेह,
whatsapp no +919560960721 HTTP://VIDEHA.CO.IN/ ISSN 2229-547X VIDEHA
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पूर्वपीठिका : इंटरनेटपर मैथिलीक प्रारम्भ हम कएने रही 2000 ई. मे अपन भेल एक्सीडेंट केर बाद, याहू जियोसिटीजपर 2000-2001 मे ढेर रास साइट मैथिलीमे बनेलहुँ, मुदा ओ सभ फ्री साइट छल से किछु दिनमे अपने डिलीट भऽ जाइत छल। ५ जुलाई २००४ केँ बनाओल “भालसरिक गाछ” जे http://gajendrathakur.blogspot.com/ पर एखनो उपलब्ध अछि, मैथिलीक इंटरनेटपर प्रथम उपस्थितिक रूपमे अखनो विद्यमान अछि। फेर आएल “विदेह” प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका http://www.videha.co.in/पर। “विदेह” देश-विदेशक मैथिलीभाषीक बीच विभिन्न कारणसँ लोकप्रिय भेल। “विदेह” मैथिलक लेल मैथिली साहित्यक नवीन आन्दोलनक प्रारम्भ कएने अछि। प्रिंट फॉर्ममे, ऑडियो-विजुअल आ सूचनाक सभटा नवीनतम तकनीक द्वारा साहित्यक आदान-प्रदानक लेखकसँ पाठक धरि करबामे हमरा सभ जुटल छी। नीक साहित्यकेँ सेहो सभ फॉरमपर प्रचार चाही, लोकसँ आ माटिसँ स्नेह चाही। “विदेह” एहि कुप्रचारकेँ तोड़ि देलक, जे मैथिलीमे लेखक आ पाठक एके छथि। कथा, महाकाव्य,नाटक, एकाङ्की आ उपन्यासक संग, कला-चित्रकला, संगीत, पाबनि-तिहार, मिथिलाक-तीर्थ,मिथिला-रत्न, मिथिलाक-खोज आ सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक समस्यापर सारगर्भित मनन। “विदेह” मे संस्कृत आ इंग्लिश कॉलम सेहो देल गेल, कारण ई ई-पत्रिका मैथिलक लेल अछि, मैथिली शिक्षाक प्रारम्भ कएल गेल संस्कृत शिक्षाक संग। रचना लेखन आ शोध-प्रबंधक संग पञ्जी आ मैथिली-इंग्लिश कोषक डेटाबेस देखिते-देखिते ठाढ़ भए गेल। इंटरनेट पर ई-प्रकाशित करबाक उद्देश्य छल एकटा एहन फॉरम केर स्थापना जाहिमे लेखक आ पाठकक बीच एकटा एहन माध्यम होए जे कतहुसँ चौबीसो घंटा आ सातो दिन उपलब्ध होअए। जाहिमे प्रकाशनक नियमितता होअए आ जाहिसँ वितरण केर समस्या आ भौगोलिक दूरीक अंत भऽ जाय। फेर सूचना-प्रौद्योगिकीक क्षेत्रमे क्रांतिक फलस्वरूप एकटा नव पाठक आ लेखक वर्गक हेतु, पुरान पाठक आ लेखकक संग, फॉरम प्रदान कएनाइ सेहो एकर उद्देश्य छ्ल। एहि हेतु दू टा काज भेल। नव अंकक संग पुरान अंक सेहो देल जा रहल अछि। विदेहक सभटा पुरान अंक pdf स्वरूपमे देवनागरी, मिथिलाक्षर आ ब्रेल, तीनू लिपिमे, डाउनलोड लेल उपलब्ध अछि आ जतए इंटरनेटक स्पीड कम छैक वा इंटरनेट महग छैक ओतहु ग्राहक बड्ड कम समयमे ‘विदेह’ केर पुरान अंकक फाइल डाउनलोड कए अपन कंप्युटरमे सुरक्षित राखि सकैत छथि आ अपना सुविधानुसारे एकरा पढ़ि सकैत छथि।
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