चाहूँगा मैं तुझे शाम सवेरे, फिर भी कभी अब नाम तो तेरे आवाज़ मैं न दूंगा !!
आहा के साथ किछ एहेंन भेल या की आहा अपन दोस्त क दिन - रैत याद करेत छलो मुदा कुनू मन मुटाव के कारन हुनका स बात नै करे चाहे छी ! आहा क अपन गहरी दोस्ती जरुर याद आबेत हेत , ओ मस्ती भरल शरारत, एक साथ बीतल ओ पल ॥ लेकिन जखन दोस्ती टूटे के याद आबेत हेत त फेर स मन कड़वाहट स भैर जैत हेत ! श्रीमान एहेंन के हेता जिनका अपन दोस्त स झगड़ा नै भेल हेतेंन ! दोस्ती त एहेंन चीज छिये की झगरा के बाद दोस्त स दूर रहेत एक पल चैन कहा होई छई ! मुदा इ हकीकत आइछ की जतेक दोस्ती गहरा होई य ओतेक मुश्किल बढे य ! झगरा के बाद दोस्त स कोना सुलह करबाक चाही जै स की दोस्तक" रिश्ता के मधुरता क बरक़रार राखी आर ओकरा फेर स जीवित करे के लेल आबू किछ बात करी किये की बड़ी मुश्किल स दोस्त मीलैत अछि !
दोस्ती म अहम क भूले दियो.......
अगर अपने अहम क हमेशा तवोज्जा देबेय त कुनू भी रिश्ता कायम राखब मुश्किल हेत ! दोस्ती म अपने क हमेशा पहला कदम बढ़बे के लेल तैयार रहबाक चाही ! यदि अपने स कुनू गलती हुए त ओकर स्थिति समझे के प्रयाश करबाक चाही आर अपन गलती महशुस करबाक चाही ! ऐहेन नै होबाक चाही की छोट - मोट बात पर टूटल दोस्ती के वजह स जिंदगी के कुनू मोड़ पर अपने एक खास दोस्त के कमी हमेशा महसूस करी ! यदि गलती हुनको स होइन त इ नै भुलू की ओहो अहि जाका एक इंसान छैथ ! इ बात यदि आहा जैन जाय त आहा के लेल सॉरी कहब सुलह के पहला कदम बधैब बहुत आसान भो जायत !
एकांत म खुद स किछ सवाल ......
एकांत म याद करी की झगरा के कारन की आइछ ? गलती किंकर छैन ? गलती यदि आहा स भेल आइछ त की आहा वाकई म गलती मनैत माफी मांगे चाहे छी ! आर यदि गलती अपने के दोस्त स भेल छलेन् त की अपने हुनकर गलती क भूले क हुनका माफ के सकैत छी ? अई तरहक सवाल पर बिचार के क सुलह के तरफ कदम बधाइल जे सके य !
बताबियोंन की दोस्ती आहा के लेल मायने राखै य .....
जखन आहा झगड़ा के बाद सुलह करै के लेल अपन दोस्त स मिलेय ल जाय छी त हुनका जताबियोंन की हुनकर दोस्ती आहा के लेल कतेक मायने रखे य आर आहा क हुनकर कतेक परवाह आइछ !
अपन गलती हुनका लग मानियोंन.....
अगर आहा अपन गलती मानेय लय तैयार छी त जखन आहा क दोस्त स मिले के मोका मिला त हुनका कहियोंन की अपने हुनका स माफी मांगे ल चाहे छी ! आर हुनका समझाबे के प्रयाश करू की अपने स ओ गलती कुन परिस्थिति म भेल छले !
दोस्ती चाहे छी ........
आहा दोस्त स कहियोंन की आहा हुनकर दोस्ती छोड़ब नै चाहे छी ! अई तरहक गलती दुबारा आहा स नै हेत ! तखन देखु आहा के दोस्ती कतेक परवान चढ़े य !
एक बेर फेर बहुत नीक प्रस्तुति।
ReplyDeleteঠাকুব
सुन्दर..अति सुन्दर...
ReplyDeleteee blog samanya aa gambhir dunu tarahak pathakak lel achhi, maithilik bahut paigh seva ahan lokani kay rahal chhi, takar jatek charchaa hoy se kam achhi.
ReplyDeletedr palan jha