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इ समस्या खाली मधुवे के नै बल्कि सब युवती के अछि ! जे ससुराल क कहियो मन स नै अपने पावैत छैथ ! लिहाजा ससुराल के सब सदस्य हुनका ख़राब नज़र आबैत छैन ! ओ छोट - छोट बात सब क अपन दिल मए अई तरह वैसे लैत छथिन की ससुराल हुनका जैल के समान महशुस होई छैन ! नतीजा इ की नैहर पहुचते सब के बुराई करब सुरु करैत छैथ ! ऐठाम हम कहे चाहब की यदि हम सब युवती सहनशीलता स काज ली त हमरा सब क ससुराल नैहरो स निक लागत ! यदि हम सब दुनु परिवार के बिच सेतु बने के प्रयाश करी त दुनु परिवार के संबंध म जीवन भर मिठास कायम राहत ! नैहर म माँ - बाबूजी क बेटी के हर शिकायत क गंभीरता स नै लेबाक चाही ! हुनका चाही की अपन बेटी क ससुराल जय स पहिने निक जेका सम्झाबैथ की शादी के बाद हुनकर सास - ससुर हुनकर माँ - बाबूजी छथिन ! आर ननद - देवर , भाई - बहिन ! हुनका बड़ा के सम्मान करबाक चाही ! बेटी क मानसिक रूप स अई तरह तैयार करबाक चाही की ओ ससुराल क अपन घर सम्झेथ !
सास - ससुर के फर्ज छैन की ओ बहू क बेटी सम्झेथ किये की कुनू लड़की के लेल ससुराल हुनकर नया घर होई छैन जते ओ नया सिरा स जीवन सुरु करैत छली !
आई - कैल नौकरी करे वाली युवती क अपन कमाई के अभिमान होई छैन ! हुनका अपन पद आर वेतन के अहंकार नै करबाक चाही अई स पति आर देवर - ननद स संबंध म तनाव के स्थिति बैन सकेत अछि ! बात फेर अलग होई के या तलाक तक पहुच सके य ! नैहर म युवती बहुत किछ करैत छली, ससुराल म हुनका अपन बहुत इच्छा मारे परैं छैन ! हुनका चाही की ओ सब के पसंद - नापसंद के ख्याल रखैत !
हर इन्शान एक समान नै होई छैथ ! हर एक के निक - अद्लाह आदत होई छैन ! ऐकरा झगरा के मुद्दा नै बनेबाक चाही ! अई सब के पीछा आहा के एक मात्र लक्ष्य होबाक चाही की धीरे - धीरे अपने क ससुराल के माहोल के अनुसार खुद क ढालना चाही, आर घर के प्यारी बहु बने के प्रयाश करबाक चाही ! एक दिन ओ समय एबे करत जहिया ससुराल वला आहा के बात क ध्यान स सुनता आर आहा के विचार - विमर्स क महत्व देता ! ससुराल आर नैहर के बिच के नाजुक डोर क सम्हैर क राखब अहि के हाथ म अछि.
mamta jee,
ReplyDeletegapp ta ahan solah aanaa sach kahlaun muda ee gapp sab bujhait tahan nai. likhat rahu.
mamta jee,
ReplyDeletebad neek vishay par ahan likhlaun ya....lekin ai kail ke vicharsheel samaj ke ladka aa ladki dunu ee baat samjha tab na....
bad neek dhara shuru kelaun ya...likhait rahu
निके कहलऊ
ReplyDeletebaDDa nik blog achhi ee
ReplyDeleteee blog samanya aa gambhir dunu tarahak pathakak lel achhi, maithilik bahut paigh seva ahan lokani kay rahal chhi, takar jatek charchaa hoy se kam achhi.
ReplyDeletedr palan jha