ढहैत भावनाक देबाल
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
आकांक्षाक बखारी अछि भरल
प्रतीक बनि ठाढ़
घरमे राखल हिमाल-लकड़ीक मन्द्इर आकि
ओसारापर राखल तुलसीक गाछ
प्रतीक सहृदयताक मात्र ।
मोन पाड़ैत अछि इनार-पोखरिक महार,
स्विमिंगपूलक नील देबाल, बनबैत पानिकेँ नील रंगक ।
मोनक रंगक अदृश्य देबाल
ढहैत
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
बहैत।
ढहैत भावनाक देबाल
ReplyDeleteखाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
बालकोनीमे राखल गमलामे तुलसीक गाछ
प्रतीक मात्र सहृदयताक
आकांक्षाक बखाड़ी अछि भरल
घरमे राखल हिमाल-लकड़ीक छोट मन्दिर
प्रतीक बनि ठाढ़।
मोन पाड़ैत अछि इनार-पोखरिक महार,
स्विमिंगपूलक नील देबाल
बनबैत पानिकेँ नील रंगक
मोनक रंगक अदृश्य देबाल
ढहैत
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
बहैत।
bah
mind blowing, excellent
ReplyDeleteber ber padhbak mon hoiye
ReplyDeletekavitak ant bad nik
ReplyDeletebad nik kavita
ReplyDeleteबहुत नीक प्रस्तुति।
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