
जितेन्द्र झा. १७ फरबरी २००९ । नयाँ दिल्ली
मैथिली भाषाक कतेक डारिपर संस्मरण कृतिके एहिबेरके साहित्य एकेडमी पुरस्कार 2008 देल गेल अछि । भारतक राजधानी नयाँ दिल्ली स्थित साहित्य एकेडमीद्वारा आयोजित एक समारोहमे विभिन्न 23 भारतीय भाषाक कृतिके पुरस्कृत केएल गेल अछि । साहित्य एकेडमी पुरस्कार अन्तर्गत 50 हजार भारतीय नगद आ ताम्रपत्रसं सर्जकके सम्मान कएलक । मैथिली भाषाक संस्मरण कृति कतेक डारिपरके लेखक मन्त्रेश्वर झा के इ सम्मान देल गेलन्हि । एहि पोथीमे झा अपन प्रशासनिक जीवनक अनुभव सहेजने छैथ । झा मैथिली साहित्यिक, सांस्कृतिक अभियानमे सक्रिय छैथ ।
झा मैथिली साहित्य समृद्धिक लेल पाठक संख्या बढएबापर ध्यान देल जएबाक चाही कहलनि । मन्त्रे·ार झा पटनावि·ाविद्यालयसं स्वर्ण पदक आ राजनीतिमे स्नातकोत्तर कएने छैथ । हिनक अन्चिन्हार गाम, बहसल रातिक इजोत, कांटक जंगल आ पलाश, चाही एकटा नोकर जेहन कृति प्रकाशित छन्हि । हिनक जन्म सन् 1944 मे बिहारक मधुवनी जिलामे भेल छन्हि ।
सन 1972 में झाक प्रथम कृति खाधि कविता संग्रह प्रकाशित भेल रहनि । एखनधरि हिनक 25 टा कृति प्रकाशित भ चुकल छन्हि । पुरस्कृत पोथी मैथिलीमे नव आयामक पहिल आत्म कथा मानल गेल अछि ।
mantreshvar jha ji ke badhai aa ehi samyik samachar deba lel jitendra ji ke seho badhai.
ReplyDeletemantreshvar jha jik nav photo video day nik patrakarita, internet ker anukul,
ReplyDeletenirantar ee blo push pasarait rahay se kamna
hamro dis se jha ji ke badhai
ReplyDeletemantreshvar ji ke kanek late se sahi puraskar day nyaya kayal gel achhi.
ReplyDeletejitu ji, news post karba lel dhanyavad.
ReplyDeleteMantreshwar ji ke bahut bahut badhai aa Jitu ji ke news post ke lel dhanyabaad.
ReplyDeleteबहुत नीक प्रस्तुति।
ReplyDelete