भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल अखनो ५ जुलाई २००४ क पोस्ट'भालसरिक गाछ'- केर रूपमे इंटरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितिक रूपमे विद्यमान अछि जे विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,आ http://www.videha.co.in/ पर ई प्रकाशित होइत अछि।
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
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(c) २०००-२०२२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि। भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.html, http://www.geocities.com/ggajendra आदि लिंकपर आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html (किछु दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html लिंकपर, स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha 258 capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/ भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह" पड़लै।इंटरनेटपर मैथिलीक प्रथम उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,जे http://www.videha.co.in/ पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA
Thursday, March 19, 2009
कृतघ्न मनुख बेमार आलोचना.
नाम गिनेबा लेल जं भिडि जाइ त' असमाप्य श्रृंखला शुरू भ' जायत.
मुदा कृतघ्नता में हमर सबहक जोर नहि. भाषा संस्कृतिक नाम पर भरि जीवनक होम क' देनिहार कें हम सब बेर-बेर मोन तक पारब उचित नहि बुझैत छी. जीबैत काल धरि किछु गोष्ठीक अध्यक्षता आ छोट छिन सम्मानक अलावे हुनका सबहक हिस्सा किछु नहि अबैत छैन्हि. अहि दुर्भाग्य पूर्ण प्रसंग सं अपना सबहक सौन्दर्यबोध आ संस्कृतिबोधक इयत्ता संदेहक वस्तु
बनि गेल अछि. अतीतक तीत अनुभव नवतुरिया सबकें सहज नहि होमय द' रहल छैक. अहि सन्दर्भ में युवा रचनाकार अखिल आनंदक ई गप उल्लेख करबा योग्य अछि – “ मैथिली सं पाइक आस तं नहिये रहैत छैक कम सं कम सही मूल्यांकन त' होए’’. गुणगान आ निंदाक बीच फंसि दम तोइर रहल मैथिली आलोचनाक सधल इलाज़ बहुत जरूरी छैक
9 comments:
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"भालसरिक गाछ" Post edited multiple times to incorporate all Yahoo Geocities "भालसरिक गाछ" materials from 2000 onwards as...
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जेठक दुपहरि बारहो कलासँ उगिलि उगिलि भीषण ज्वाला आकाश चढ़ल दिनकर त्रिभुवन डाहथि जरि जरि पछबा प्रचण्ड बिरड़ो उदण्ड सन सन सन सन...
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खंजनि चलली बगढड़ाक चालि, अपनो चालि बिसरली अपन वस्तुलक परित्याकग क’ आनक अनुकरण कयलापर अपनो व्यिवहार बिसरि गेलापर व्यंपग्यय। खइनी अछि दुइ मो...
bahut khoob, badhiya prashn utthelaun hain, nischit roop sa ee aatmmanthan ke samay aichh. kam shabd mein kafee keechh kahi delaun apne.
ReplyDeleteमदन जी आलोचना नहि आलोचक बेमार आ बेइमान होइत छैक। छोट लेख एहि विषय लेल उपयुक्त नहि।
ReplyDeletenik discussion ker prarambh, muda sahi kahlanhi anchinhar ji, lekh bad sankshipt.
ReplyDeleteमदनजी नमस्कार,
ReplyDeleteबहुत सटीक आ सार्थक प्रश्न उठेबाक लेल अहॉं के धन्यवाद । बहुत कम शब्द में अपन मंतव्य सफल रूप सँ प्रकट क क "गागर मे सागर" वाला कहावत के चरितार्थ केलहुँ अछि । अहॉंक छोट लेख बहुत किछु कहि गेल अछि । इएह कारण छैक जे वैद्यनाथ मिश्र यात्रीजी, नागार्जुन बनि मैथिली सँ परहेज क क हिन्दी के शरण में गेलाह, मात्र पैसाक लेल नहि....आत्मसम्मानक लेल ।
nik discussion ker aarambh
ReplyDeleteMandan ji, ham ashish ji ker ahi mantavya sa sahmat nahi chhi. vastutah aalochano bemar hoit chhaik je aalochakak laparvahik parinam hoit chhaik !
ReplyDeleteahank ahi vichar sa asahmati jataiba se nik vyapak star par manthank aavashyakata chhaik. shabdak jal me mool mudda ken matiyebak prayas nahi kail jaybak chahi.
एहि डिसकशनक परिणामस्वरूप मिथिला आर मैथिली ब्लॉग द्वारा नव लेखकक रचनाक समीक्षा शुरू कएल जा रहल अछि। एहि क्रममे पहिल समीक्षात्मक आलेख विनीत उत्पलक पहिल कविता संग्रह "हम पुछैत छी" पर डॉ. गंगेश गुंजन जीक समीक्षा जे विदेह ई-पत्रिका मे ई-प्रकाशित भेल अछि, तकरा प्रस्तुत कएल जा रहल अछि। पाठक-लेखकगणसँ एहि प्रकारक समीक्षा पठेबाक अनुरोध सेहो कएल जाइत अछि। एहि डिसकशनमे भाग लेनिहार सभ लेखक-पाठककेँ धन्यवाद।
ReplyDeletemaithili mandan ker ahi chhot alekh ker etek prabhavi bhenai uplabdhi thik.maithili aar mithilak dwara ekra gambhirta sa lenai neek sanket achhi.
ReplyDeleteबहुत नीक प्रस्तुति
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