भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल अखनो ५ जुलाई २००४ क पोस्ट'भालसरिक गाछ'- केर रूपमे इंटरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितिक रूपमे विद्यमान अछि जे विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,आ http://www.videha.co.in/ पर ई प्रकाशित होइत अछि।
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
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Monday, April 13, 2009
कुमार सौरभक टटका आलेख : प्रायश्चितक क्षण
प्रायश्चितक क्षण
1952 सॅ एखन धरि मिथिलाक कोनो समस्या,कोनो आकांक्षा प्रखर रूपें चुनावी मुद्दा बनि नहि उभरि सकल अछि । अशिक्षा, निजी स्वार्थ, जातिगत द्वेष आदि एकर प्रमुख कारण मानल जा सकैछ । एखन धरि मुख्यतः दलगत पूर्वाग्रह, जाति-पाति, व्यक्तिगत सम्बन्ध आ लाभ, दबंगइक दबाव, स्त्री उम्मीदवार केर देहक आकर्षण आदिक प्रभाव वा विकल्पक अभाव मे मतदान कयल जाइत रहल छैक । बिकासक मामला मे अहि क्षेत्रक उपेक्षाक लेल अहि तरहक प्रवृत्ति सबसं बेसी जिम्मेदार अछि । अहू से बेसी दुर्भाग्यपूर्ण थिक अहि क्षेत्र मे, विकासक काज आ आकांक्षा पूर करबाक प्रयास करय वाला व्यक्ति आ दल केर घनघोर उपेक्षा । चिर प्रतीक्षाक उपरांत मैथिलीक अष्टम् अनुसूची मे प्रवेश आ कोसीक पूब आ पच्छिम मे बंटल मिथिला के जोड़बाक महत्वाकांक्षी योजना- कोसी रेल सेतुक निर्माण लेल स्वीकृति देबय वाला गठबंधन सरकारक अहिठामक चुनाव मे चित बजार खसब, एकर उदाहरण थिक । अहि तरहक अनुभव सॅ नेता सबहक अकर्मण्य चरित्र बहुत बेसी प्रोत्साहित होइत छैक । कोनो क्षेत्रक प्रति ई धारणा जे अहिठाम काज करब नहि करब कोनो मुद्दा नहि थिक ओहि क्षेत्र लेल कतेक घातक भ सकैछ, सहजे अनुमान लगायल जा सकैत अछि । यैह कारण थिक जे मैथिल जनमानसक एकटा मान्य नेता बिहारक मुख्यमंत्री बनलाक बाद उचित अधिकारिणी मैथिली के कात क’, उर्दू के द्वितीय राज भाषा घोषित करबाक अक्षम्य कृत्य क’ पबैत छैथि । समाजवादी आंदोलनक पृष्ठभूमि मे उपजल जातिगत राजनीतिक धुरंधर एकटा गप्पी नेता मैथिली के बी.पी.एस.सी. सॅ बाहर करबाक दुस्साहस करैत छैथि । वैह नेता क्षेत्रक एकटा जाति विशेष के मोन भरि गरियाबैत छैथि आ निर्लज्जताक हद देखू जे बदलैत राजनीतिक परिदृश्य मे ओहि जाति के समाजक सबसॅ सज्जन जाति कहि आशीर्वाद मांगैत छैथि आ गप्पक राजनीति कतेक प्रभावी भ सकैत से देखा दैत छैथि ।
जूझि रहल अछि मिथिला
1.बाढि सॅ तबाही आ विस्थापनक समस्या.
2.कोसी क्षेत्र मे पीबाक पानिक समस्या (आइरनक अधिकता- स्वास्थ्य लेल सबसॅ पैघ संकट).
3 गरीबी आ भूखमरी.
4.खेतिहरक बदतर स्थिति.
5.अराजक सरकारी शिक्षा व्यवस्था आ विश्वविद्यालयी शिक्षाक कंडम हालत.
6.व्यापक बेकारी आ बेगारीक समस्या.
7.माछ-मखान उद्यमक अधोगति. कोनो तरहक लघु आ कुटीर उद्यम के प्रोत्साहनक घोर खगता.
8.बेमार स्वास्थ्य सेवा.
9.लचर पुलिसिया तंत्र..
10.जर्जर परिवहन व्यवस्था.
11.बिजली संकट.
12.दबंगई आ रंगदारी वसूली.
13.जड़ि तक पसरल भ्रष्टाचार.
14.मैथिली के समुचित इज्जति नहि भेटब.
15.किछु अहिन्दी भाषी राज्य मे एम्हुरका लोक सबहक संग अशोभनीय आ अमानुषिक व्यवहार.
16.नेपाल सीमा सॅ सटल क्षेत्र मे अंधाधुंध तस्करीक माध्यमे घटिया आ अहितकर भोज्य पदार्थ आ समान सॅ अंटल बजार.
17.बंगलादेशी घुसपैठिया सबहक पूर्वोत्तर सीमान्त मिथिला मे
गुपचुप ढ़ंगे पसरैत पैर.
18.पर्यटन क्षेत्रक रूप मे विकसित हेबाक संभावनाक अछैतो
सरकारी उदासीनता.
19. हिटलरी प्रशासनिक व्यवस्था.
20. बिकास काजक काउछ चैलि.
अहि सबहक अतिरिक्त आनो कतेक समस्या प्रत्यक्ष वा परोक्ष रूपें मुंह बाबि ठाढ़ अछि जे हमर वैयक्तिक सीमाक कारणें इंगित नहि भ सकल अछि । अहि तरहक गंभीर समस्या सबहक निदान लेल हमरा सब कहिया राजनीतिक दृष्टि सॅ संगठित होयब ????????
मित्र, कमजोरी हमरे सबहक आत्मा मे पैसल अछि । जतय जैतुक (दहेज) सन निकृष्ट व्यापारक खुलल मंडी (Open Market) होइ, ओहि ठामक लोकक नैतिक चरित्रक केहेन आकलन कयल जा सकैत अछि ???? मौस, दारू, आ सौ-सौ केर एक दूइ टा नोट पर बिकि जाइ वाला हमसब बदलावक अपेक्षो कोन मुंहे करी ????
ब्लाग धरि पहुंच राखय वाला अपना सब एहेन तथाकथित बुधियार सबहक लेल यैह प्रायश्चित भ सकैत अछि जे अपन गामक आ प्रभावक लोक सबके हाथ जोड़ि जोहारि करी - “ भैया, कका, ददा बहुत भ गेले !!!! कम सॅ कम अहू बेर अपन चुनावी दायित्व बुझियौ !!!!!!!!!!!!!! ”
नीक होयत जे हम सब अहि बेर (लोकसभा चुनाव-2009 मे) सब तरहक पूर्वाग्रह सॅ उपर उठि , उम्मीदवारक व्यक्तिगत छवि आ विकास लेल प्रतिबद्धताक आधार पर मतदान करी आ बेसी सॅ बेसी संख्या मे मतदान लेल निकली ।
12 comments:
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"भालसरिक गाछ" Post edited multiple times to incorporate all Yahoo Geocities "भालसरिक गाछ" materials from 2000 onwards as...
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जेठक दुपहरि बारहो कलासँ उगिलि उगिलि भीषण ज्वाला आकाश चढ़ल दिनकर त्रिभुवन डाहथि जरि जरि पछबा प्रचण्ड बिरड़ो उदण्ड सन सन सन सन...
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नव युबक संघ के बहुत निक सुझाब बतेलो आब नबयुबक लोकिन नहीं करता त हुनकर आबय बाला भविष्य में की हाल होयत हम सब नही जैन पबैत छि ,
ReplyDeleteएहीक लेल जागरूकता आवश्यक अछि, आ युवा वर्ग जओं चाहथि तs असंभव नहि छैक.
ReplyDeleteAhank sujhav nik ya muda ee gapp khali bloge dhari nahi simtal rahe - ahank ee chinta vajib.
ReplyDeletenik lagal. muda sabta ke jair chai
ReplyDelete-mili k chalwa ke pravirti. jahi me ham sab pacha chi. ja dhari ek swar , ek bichar nahi bantai ta dhari sab bekar.
bhai josh aani del, sabh gap samichin
ReplyDeletebahut nijk, samyik lekh, mon jura gel. deepu ji, ee lekh padhi eko gota par asari paratanhi te ee lekh saphal achhi
ReplyDeletetheeke kahlahu je ashtam soochi me sthan diyelak se chit bhay khasal, vikas aadharit voting karai jayu
ReplyDeletebahut nik, utsahi yuvak-yuvti ke aaga aabay partanhi
ReplyDeleteBAHUT NIK AALEKH, PARINAM SEHO NIK HOYAT, APNA ME CONFIDENCE KE JE KAMI MAITHIL ANUBHAV KARAIT RAHATHI SE AAB KAM BHEL JA RAHAL ACHHI
ReplyDeletebahut nik samasya vishleshan,
ReplyDeletekaryakram implementation me lagal lok dhyan dethu
बहुत नीक प्रस्तुति
ReplyDeleteloksabha chunav biti gel sambhavtaya hamra sab jad bhe gel chhee .
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