मच्छर चलिसा
दाेहा
अति आबस्यक जानी के हाेके अति लचार
बरणाे मच्छर सक्ल गुणाे दुख दायक ब्यबहार ।
बिना मसहरि दिन हॅू सुन्हूॅ सकल नर्रनार
मक्ष्छर चलिसा लिखक पढ़उ साेइच बिचैर ।।
चाैपाइर्
जय मच्छर भगवान उजागर ।
जय अर्नगिणित हे राेग के सागर ।।
नदियाॅ पाेखैर गंगा सागर ।
सबठाम रहते छी अही उजा गर ।।
नीम हकिम के अही रखबारे ।
डाक्टर के भेलाे अतिश्य प्यारे ।।
मलेरिया के छी अहा दाता ।
छी खटमल के प्यारे भा्रता ।।
जरी बुट्टी से काज नऽ बनल ।
अंग्रेजी दबाइर् जलदी फीट करल ।।
आउल आउट गुडनाइर्ट अपनेलाे ।
फेर अपन अहा जान बचेलाे ।।
दिन दुखि सब धुप में जरैत छैथ ।
राइर्ताे में बेचैन रहैत छैथ ।।
संझ – भाेर अहा राग सुनाबी ।
गॅु र् गॅु कऽ के नाम कमाबी ।।
राजा छैथ या रंक फकिरा ।
सब के केलाे अपनेही मत धिरा ।।
रूप कुरूप न अहा मानलाे ।
छाेटका बऱका नै अहा जनलाे ।।
नर छैथ या स्वगाेर्कऽ नारी ।
सब के समक्ष बनलाे अहा भारी।।
भिन्न भिन्न जे राेग सुनेला ।
डाकटर कुमार फेर शर्मेला ।।
सब दफ्तर में आदर पेलाेे ।
बिना इजाजत के अहा घुस गेलाे ।।
चाट परल जिन्गी से गेलाे ।
कनिते खिजते परिवार गमेलाे ।।
जर्यजर्यजय हे मक्ष्छर भगवाना ।
माफ करू सबटा जुर्माना ।।
छी अहा नाथ साथ हम चेरा ।
जल्दी उजारारू अहा अपनेही डेरा ।।
दाेहा
निश बंाशर शंकर करण मालिन महा अति कुर
अपन दल बल सहित अहा बसाे कहि जा दुर
मदन कुमार ठाकुर
पट्टिटाेल ह्यभैरर्बस्थान हृ
झंझारपुर ़ मधुबनी
बिहार – 847404
माेर् 09312460150
nik, hasabay me saphal achhi, tatek ne machhar sabh bha gel chhai, katbo powerful mat use karu kame rahai chhai.
ReplyDeleteमदन जी ठीके लिखालो आई के समय में मच्छर रे के जमाना छाई हर जगह मच्छर रे मच्छर रे ----
ReplyDeletebahut sundar rachna
हर जगह मच्छर रे मच्छर रे ----
ReplyDeleteetek barai nahi kru machhr bhai ke o bahut kamjar jib chait ego chat lagait chhai ki jay siyaram bhajayt
bahut shundar madan ji ---
kamal kelahu madanji
ReplyDeleteAhan ke chalisa hamra bahut nika lagal , Khas ka mithila chlisa bahut nik lagal , Aa mchhr chalisa padhe hasait - hasait pet fuligela
ReplyDeleteAsha achhi Aur kunnu chilsa likha
Apneka pathak gana
( hrendar kumar jha )
हर जगह मच्छर रे मच्छर रे ----
ReplyDeletebahut shundar lalgal madan ji bhai ---
बहुत नीक प्रस्तुति
ReplyDeleteअति आबस्यक जानी के हाेके अति लचार
ReplyDeleteबरणाे मच्छर सक्ल गुणाे दुख दायक ब्यबहार ।
बिना मसहरि दिन हॅू सुन्हूॅ सकल नर्रनार
मक्ष्छर चलिसा लिखक पढ़उ साेइच बिचैर ।।
निश बंाशर शंकर करण मालिन महा अति कुर
अपन दल बल सहित अहा बसाे कहि जा दुर
चाट परल जिन्गी से गेलाे ।
कनिते खिजते परिवार गमेलाे ।।
bastav me Aai ke samay me machhre ke jamana Achhi madan ji
बहुत - बहुत धन्यवाद पाठक गन के जे ओ अपन किमती व्क्त हमर रचना में देलैन , हम अपनेक सबक के अभारी छी ----
ReplyDeleteजय मैथिल जय मिथिला