साँच जिनगी मे बीतल जे गाबैत छी।
वेदना अछि हृदय मे सुनावैत छी।।
साँच जिनगी----------
कहू माता के आँचर मे सुख जे भेटल।
चढ़ैत कोरा जेना सब हमर दुख मेटल।
आय ममता उपेक्षित कियै राति दिन।
सोचि कोठी मे मुँह कय नुकाबैत छी।।
साँच जिनगी----------
खूब बचपन मे खेललहुँ बहिन भाय संग।
प्रेम सँ भीज जाय छल हरएक अंग अंग।
कोना संबंध शोणित के टूटल एखन?
एक दोसर के शोणित बहाबैत छी।।
साँच जिनगी----------
कटत जिनगी सुमन के बगीचे के बीच।
बात घर घर के छी इ सोचब ध्यान सँ।
स्वयं दर्पण स्वयं केँ देखाबैत छी।।
साँच जिनगी----------
साँच जिनगी मे बीतल जे गाबैत छी।
ReplyDeleteवेदना अछि हृदय मे सुनावैत छी।।
साँच जिनगी----------कहू माता के आँचर मे सुख जे भेटल।
चढ़ैत कोरा जेना सब हमर दुख मेटल।
आय ममता उपेक्षित कियै राति दिन।
सोचि कोठी मे मुँह कय नुकाबैत छी।।
nehal kay delho bhai
bad nik kavita shyamal ji
ReplyDeletesundar ati sundar
ReplyDeleteसाँच जिनगी मे बीतल जे गाबैत छी।
ReplyDeleteवेदना अछि हृदय मे सुनावैत छी।।
साँच जिनगी----------कहू माता के आँचर मे सुख जे भेटल।
चढ़ैत कोरा जेना सब हमर दुख मेटल।
आय ममता उपेक्षित कियै राति दिन।
सोचि कोठी मे मुँह कय नुकाबैत छी।।
साँच जिनगी----------खूब बचपन मे खेललहुँ बहिन भाय संग।
प्रेम सँ भीज जाय छल हरएक अंग अंग।
कोना संबंध शोणित के टूटल एखन?
एक दोसर के शोणित बहाबैत छी।।
साँच जिनगी----------दूर अप्पन कियै अछि पड़ोसी लगीच।
कटत जिनगी सुमन के बगीचे के बीच।
बात घर घर के छी इ सोचब ध्यान सँ।
स्वयं दर्पण स्वयं केँ देखाबैत छी।।
साँच जिनगी----------
ek-ek shabd mohit kelak
साँच जिनगी मे बीतल जे गाबैत छी।
ReplyDeleteवेदना अछि हृदय मे सुनावैत छी।।
bah bhai ji
साँच जिनगी----------
ReplyDeleteखूब बचपन मे खेललहुँ बहिन भाय संग।
प्रेम सँ भीज जाय छल हरएक अंग अंग।
कोना संबंध शोणित के टूटल एखन?
एक दोसर के शोणित बहाबैत छी।।
साँच जिनगी----------
bahut nik