भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
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लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली
पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor:
Gajendra Thakur
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शीघ्र ( सात दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत। एहि ई
पत्रिकाकेँ मासक ०१ आ १५ तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।
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लिंकपर आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क
पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html (किछु
दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html लिंकपर,
स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha 258
capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/ भालसरिक
गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर
रूपमे इन्टरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम
उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल
इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह"
पड़लै।इंटरनेटपर मैथिलीक प्रथम उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली
पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,जे http://www.videha.co.in/ पर
ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक
प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि।
विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA
kargil ker yodha sabh ke mon pari ahan apan charitrik dridhta dekhelahu, tahi lel dhanyavad,
ReplyDeletekavita bad nik lagal
JAY HIND , JAY BHART
ReplyDeleteKARGIL YAD DIYAVAI KE LEL BAHUT-BAHUT DHANYWAD MADNA JI
jay hind jay jay bharat
ReplyDeleteham taiyar hain -2 ho
ReplyDeletejay hind jay bharat
Mithila hamar bahut bahut bahut mahan aichh. lekin aajkal mithila ke mahan beta je chhathin se mithila ke bhuel gelkhin. phir bhi ham sab mithilabasi milkar apan mithila ke aur mahan banayab.
ReplyDeleteahan sabke bahut dhanywaad ki mithila ke bare mein sochai chhi.
Keshav Kumar Jha
Basaitha
Madhubani