ISSN
2229-547X VIDEHA
'विदेह' ११२ म अंक १५ अगस्त २०१२ (वर्ष ५ मास ५६
अंक ११२)
ऐ अंकमे
अछि:-
३.७. १.कपिलेश्वर राउतमातृभाषा २.जगदानन्द झा 'मनु' -हम एहन किएक छी?/ कोना मदर डे हैप्पी ? ३.राजेश कुमार झा (कन्हैया)- देश भक्ति
३.८.१.जगदीश चन्द्र ठाकुर ‘अनिल’- की भेटल आ की
हेरा गेल (आत्म गीत)-
(आगाँ)२. नारायण झा- एखनहुँ जकड़ल छी/ एकता
विदेह
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गौरी-शंकरक पालवंश कालक मूर्त्ति, एहिमे
मिथिलाक्षरमे (१२०० वर्ष पूर्वक) अभिलेख अंकित अछि। मिथिलाक भारत आ नेपालक माटिमे
पसरल एहि तरहक अन्यान्य प्राचीन आ नव स्थापत्य, चित्र,
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"मैथिल
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ऐ
बेर मूल पुरस्कार(२०१२) [साहित्य अकादेमी, दिल्ली]क लेल अहाँक नजरिमे
कोन मूल मैथिली पोथी उपयुक्त अछि ?
Thank you
for voting!
श्री राजदेव मण्डलक “अम्बरा” (कविता-संग्रह) 12.82%
श्री बेचन ठाकुरक “बेटीक अपमान आ छीनरदेवी”(दूटा नाटक) 9.69%
श्रीमती आशा मिश्रक “उचाट” (उपन्यास) 6.55%
श्रीमती पन्ना झाक “अनुभूति” (कथा संग्रह) 4.56%
श्री उदय नारायण सिंह “नचिकेता”क “नो
एण्ट्री:मा प्रविश (नाटक) 5.41%
श्री सुभाष चन्द्र यादवक “बनैत बिगड़ैत” (कथा-संग्रह) 5.13%
श्रीमती वीणा कर्ण- भावनाक अस्थिपंजर
(कविता संग्रह) 5.41%
श्रीमती शेफालिका वर्माक “किस्त-किस्त जीवन (आत्मकथा) 8.83%
श्रीमती विभा रानीक “भाग रौ आ बलचन्दा” (दूटा नाटक) 6.84%
श्री महाप्रकाश-संग समय के (कविता
संग्रह) 5.41%
श्री तारानन्द वियोगी- प्रलय रहस्य
(कविता-संग्रह) 5.13%
श्री महेन्द्र मलंगियाक “छुतहा घैल” (नाटक) 9.4%
श्रीमती नीता झाक “देश-काल” (कथा-संग्रह) 5.7%
श्री सियाराम झा "सरस"क
थोड़े आगि थोड़े पानि (गजल संग्रह) 7.12%
Other: 1.99%
ऐ बेर युवा पुरस्कार(२०१२)[साहित्य अकादेमी, दिल्ली]क
लेल अहाँक नजरिमे कोन कोन लेखक उपयुक्त छथि ?
Thank you
for voting!
श्रीमती ज्योति सुनीत चौधरीक “अर्चिस” (कविता संग्रह) 28.21%
श्री विनीत उत्पलक “हम पुछैत छी” (कविता संग्रह) 7.69%
श्रीमती कामिनीक “समयसँ सम्वाद करैत”, (कविता संग्रह) 6.41%
श्री प्रवीण काश्यपक “विषदन्ती वरमाल कालक रति” (कविता संग्रह) 4.49%
श्री आशीष अनचिन्हारक "अनचिन्हार
आखर"(गजल संग्रह) 18.59%
श्री अरुणाभ सौरभक “एतबे टा नहि” (कविता संग्रह) 6.41%
श्री दिलीप कुमार झा
"लूटन"क जगले रहबै (कविता संग्रह) 7.69%
श्री आदि यायावरक “भोथर पेंसिलसँ लिखल” (कथा संग्रह) 6.41%
श्री उमेश मण्डलक “निश्तुकी” (कविता संग्रह) 12.18%
Other: 1.92%
ऐ बेर अनुवाद पुरस्कार (२०१३) [साहित्य अकादेमी,
दिल्ली]क लेल अहाँक नजरिमे के उपयुक्त छथि?
Thank you
for voting!
श्री नरेश कुमार विकल
"ययाति" (मराठी उपन्यास श्री विष्णु सखाराम खाण्डेकर) 33.33%
श्री महेन्द्र नारायण राम
"कार्मेलीन" (कोंकणी उपन्यास श्री दामोदर मावजो) 12.75%
श्री देवेन्द्र झा
"अनुभव"(बांग्ला उपन्यास श्री दिव्येन्दु पालित) 12.75%
श्रीमती मेनका मल्लिक "देश आ
अन्य कविता सभ" (नेपालीक अनुवाद मूल- रेमिका थापा) 14.71%
श्री कृष्ण कुमार कश्यप आ श्रीमती
शशिबाला- मैथिली गीतगोविन्द ( जयदेव संस्कृत) 14.71%
श्री रामनारायण सिंह
"मलाहिन" (श्री तकषी शिवशंकर पिल्लैक मलयाली उपन्यास) 10.78%
Other: 0.98%
फेलो पुरस्कार-समग्र योगदान २०१२-१३ : समानान्तर साहित्य
अकादेमी,
दिल्ली
Thank you
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श्री राजनन्दन लाल दास 54.12%
श्री डॉ. अमरेन्द्र 23.53%
श्री चन्द्रभानु सिंह 20%
Other: 2.35%
1.संपादकीय
१
ओइ समए िनर्मलीसँ समस्तीपुर
एकटा गाड़ी चलैत रहै। बड़ी लाइनक कतौ पता नै। मुदा कम्युनिस्ट पार्टीक लड़ाइक
एकटा मुद्दा ईहो रहै। कखनो उग्र तँ कखनो धीमी गतिसँ चलिते रहए। ओना पूबोसँ आ पच्छिमोसँ
अबैबला गाड़ीक मेल सकरियेमे रहै मुदा से नै भेलै। ककरघटीमे मेल भेने पछबरिया
गाड़ी पछुआ गेलनि। जइ कारणे सभाक आयोजन किछु बिलमि कऽ भेल। सकरी स्टेशनसँ
थोड़बे हटि कऽ दछिनबारि भाग सभाक आयोजन भेल। गाड़ीसँ उतरि झंडा फहरबैत आ नारा
लगबैत जूलूस बनि सभा स्थल पहुँचला। तइ संग झंझारपुरक इर्द-िगर्दक सेहो बहुत
गोटे संग भऽ गेल रहथिन्ह। आयोजक रहथिन्ह चीनी मिलक श्रमिक-संगी। ओइ समए छबे
मास मिल चलै। सालमे छह मास काज भेने छह मास बैसारीक समस्या रहबे करै। तइ संग किसानकेँ
नहिये कुशियारक कटनी होइ आ नहिये समैपर दाम भेटै। सेहो सभ समस्या रहबे करै।
कुशियारक एके किस्मक खेती होइ जे अगहनमे तैयार भऽ जाइ। मुदा नमहर इलाकामे खेती
भेने, समैपर
कटनी नै भऽ पबै। मिले कम। जतबे ओ पेड़ि सकत ततबे ने लेत। तहूमे चलाकी ओकर ई रहै
जे शुरूमे तैयार भेने शुरूहेसँ नीक उत्पादन (चीनीक मात्रा) हुअए लगै आ जते पछुआइत
तते रस गाढ़ भेने चीनीक मात्रा बढ़ि जाइ।
पच्छिमसँ गाड़ी अबिते
दरभंगा-जालेक विधायक खादिम हुसेन संगे भोगेन्द्र जी हाथमे चमड़ाक बैग लटकौने आगू-आगू आ दस
पनरह गोटे पाछू-पाछू स्टेशनसँ सभा स्थल पहुँचला। हाफ शर्ट धोती पहिरने। पएरमे
चमड़ाक जूता। मंचपर सँ नारा हुअए लागल। आधासँ बेसी मंच भरल। जे वक्ता बजैत रहथि ओ अपन
विचार सम्पन्न केलनि। चीनी मिलक ट्रेड-युनियनक जे नेता रहथि ओ विस्तारसँ
अपन समस्या रखलनि। जगदीश प्रसाद मण्डल सभ आगूसँ निच्चामे बैसल रहथि। भोगेन्द्रजी
दिससँ बजैसँ पहिने आने सभा जकाँ प्रश्नक आग्रह भेल। किछु प्रश्न एबो कएल।
अढ़ाइ-तीन घंटाक पछाति
सभा विसर्जन भेल। सभामे भाग लेनिहार चारू कातक लोक चलि गेलाह, मुदा गाड़ीबला सभ
स्टेशनपर आबि गेला। दुनू गाड़ी (निरमली आ जयनगरवाली) मे एक-डेढ़ घंटा देरी
रहै। स्टेशनेपर भोगेन्द्रजीसँ पहिल भेँट आ सोझा-सोझी परिचए भेलन्हि।
पहिले-पहिल भोगेन्द्रजी
पार्लियामेंटक सदस्य भेल रहथि। जहिना १९४२ई.मे अंग्रेजक खिलाफ देशक जन-जनमे
राजनीतिक नव चेतना जागल रहै तहिना १९६७ ई.क चुनावक पछाति सेहो भेल। बिहारोमे
ओहन-ओहन राजनीतिक पार्टी बहुमतमे आएल जे अखन धरि (१९६७) विधान सभामे नै पहुँचल
छल। जे पार्टी (काँग्रेस) अखन धरि बिहारोमे सत्ता-सीन रहल ओ नीक हारिक मुँह
देखलक। ओना बिहारे मात्रमे नै आनो-आनो राज्यमे भेल। काँग्रेसो एक ग्रुप टूटि कऽ
जनक्रांति दल कऽ कऽ पार्टीमे उतरल छल। काँग्रेस विरोधी दलक स्पष्ट बहुमत भेल
छल। मुख्य पार्टीक रूपमे सोशलिस्ट पार्टी आ कमो-बेशी आनो-आनो पार्टी जीतल। िसर्फ
विधान सभामे एहेन परिवर्त्तन भेल से बात नै, गाम-गामक जन-गणमे अपन हार-जीत सेहो महसूस
भेल। बेवहारिक दौड़मे जे किछु मुदा भाषणक क्रम (सिद्धान्तिक) मे तँ जनताक सभ
समस्या सामने ऐबे कएल। कारण जे सभ पार्टीक अपन-अपन विचार तँ लोकक बीच पहिनेसँ
आबि रहल छल। ३४ टा सीट माने ३४ टा विधायक विधान सभामे आ पान-सातटा
पार्लियामेंटोमे पहुँचलाह। आजादीक पछाति पहिल बेर आम जन सत्ता (शासन) दिस तकलक।
ओना अखन धरि सरकारक अर्थ आम जन-गण कोटाक शासनक मटिया तेल आ जे मुख्य विन्दु
कोटाक वस्तु बनल छल। डीलरक काजक लेखा-जोखा भरि शासन चलै छल। आन-आन समस्या तँ
भाषणेक क्रममे छल। किछु-ने-किछु बाढ़ि-रौदी चलिते छल ओकरे बचबैक उपाए सरकारक
कहब रहै छलै। नवका तूर (आजादीक करीब आ पछातिक) सेहो जुआन भेल। जइसँ आनो-आनो काज
(सरकारक) सोझामे आएल। अखुनका मधुबनी जिला जे ओइ दिनमे अनुमंडल छल। एगारहटा
एम.एल.ए. आ दूटा एम.पी.मे बँटाएल छल। छह-छहटा एम.एल.ए. पर एम.पी. तँ दरभंगाक जाले
क्षेत्र सेहो मधुबनियेमे।
ओना अखुनका मधुबनी जिलाक
पछिमी भागमे जमीनक लड़ाई सेहो नीक जकाँ चलि रहल छल, मुदा मुख्य छल
पछिमी कोसी नहर। मिथिलांचलमे कोसी, कमला, बागमतीक जे उपद्रव साले-साल चलि रहल छै आ क्षति पहुँचबै छै, भरिसक ततेटा बजटो ने कते सरकारकेँ होइ छै। खैर जे होउ! उनैस सए साठिक दशकक सवाल, समस्या आ लड़ाई
कम्युनिस्ट पार्टीक मुख्य लड़ाई रहल जेकर दशा, मनुष्यक
एक जिनगीक (६५-६६ बर्ख) उपरान्तो कि अछि, सबहक सोझेमे अछि। जौं
योजना हिसाबसँ काज होइत तँ आजुक मिथिला ई मिथिला नै, ओ मिथिला बनि गेल रहैत जइ मिथिलामे ऋृषि-मुनि इच्छानुसार बर्खा
बरिसबैत छलाह। एते पनिबिजलीक उत्पादन होइत जे घर-घरमे पहुँचल रहैत। जइसँ जापान
जकाँ लघु-उद्योगक संग-संग भारियो उद्योग लागि गेल रहैत। मुदा आइ कि देखै छी।
चुनाव होइत रहल, एमेले-एमपी बदलैत रहलाह। मुदा समस्या आइ ओहन विकराल रूप
लऽ लेलक अछि जे आर्थिक तंगीक चलैत दिन-दहार लूट-पाट भऽ रहल अछि। जँ जापान,
जर्मनी आ पड़ोसी देश चीनक जमीनक प्रति एकड़ उपजाक तुलना अपन मिथिलांचलक
भूमिसँ करब तँ आश्चये नै बिसवासो नै हएत। कि मिथिलामे िसर्फ साढ़े तीन हाथक
मनुखेटा अछि जेकरा मात्र पेटेटा छै आकि ओकरा दूटा हाथो-पएर छै आ मातृभूमियो छै।
मिथिलांचलक ओ भूमि आ जलवायु अछि जे दुनियाँमे कतौ नै अछि। ने एते सुन्दर
मुलाइम माटि अछि आ ने एहेन नीक पानि अछि आ ने एते रंगक मौसम अछि। मुदा आइ कि
देखै छी? ने अखन धरि नेपाल सरकारसँ नीक जकाँ समझौता भेल
अछि आ ने कोसीक पछिमी-पूर्बी नहरिक समुचित विकास। एक तँ योजनाक काज पछुआएल
तइपर काजक एहेन पेंच-पाँच अछि जे एक नहर बनब कठिन अछि,
दोसर बनलापर ओ समुचित काज कठिन अछि। पानि ऊपरसँ निच्चाँ असानीसँ अबैत अछि।
मुदा निच्चासँ ऊपर असानीसँ जाएत? नै जाएत। जँ गहींरमे
नहर खुनि देल जाए तँ ओकर पानि ऊपर केना जेतइ। हँ मशीनक माध्यमसँ जा सकैए,
मुदा घरमे फुसि-फासि, सोम दिन बिआह।
जइठाम त्रेता युगक तीन िवत्ता हर, आ सतयुगक बसहा बड़दसँ
एखनो खेती होइए तइठाम केना मानल जाएत।
स्टेशनपर प्लेटफार्म आबि
सभ गोलिया कऽ बैसला। पल्था मारि भोगेन्द्रजी सभकेँ सेहो तहिना बैसए कहलखिन।
गाड़ी पकड़ैले सबहक मन छनगल। पल्था मािर बैसैक अर्थ निश्चिन्ती। पहिने ओ
सभकेँ नाओं-ठेकान पुछलखिन। नाओं-ठेकान पुछला उत्तर कहलखिन, कम्युनिस्ट अपन
पार्टी छी, अपन पार्टीक ई अर्थ नै जे कोनो जाति-मजहबक
होइ, मनुख-मात्रक पार्टी छी। हमरा सभकेँ ओहन समाज बनाएबाक
अछि जइमे ने कियो भूखल रहत आ ने नांगट। सबहक बाल-बच्चा पढ़तै, सभकेँ रोग-व्याधिक इलाज हेतइ तखन ने सभ आगू मुँहेँ बढ़ैक कोशिश
करता। अपना ऐठाम जे ऋृषि-मुनि भेलाह, ओ की केलनि? हुनका नै अपन सुखक चिन्ता छलनि। किअए ओ सभ अपन जिनगी गला लेलनि।
ओ सभ बहुत केलनि। जँ से नै केलनि तँ एक कट्ठा जमीनमे जीवन बसर करैत केना छला।
मुदा अपन धरोहरिकेँ जँ ताला लगा रखबै तँ के बूझत? लखनजी
(डॉ. लक्ष्मण झा) मिथिलांचलक लेल जे जिनगी समर्पित केलनि से कि केलनि। के
बूझत?
तीन दिनक व्यस्त
कार्यक्रममे हुनकर पाँचठामक प्रोग्राम रहनि, ओइ समाप्तिक तारीख बिता तेसर दिनक
प्रोग्राम ओ जगदीश प्रसाद मण्डलजी केँ दऽ देलनि।
जगदीश प्रसाद मण्डल-
एकटा बायोग्राफी...गजेन्द्र ठाकुर द्वारा (अनुवर्तते...)
गजेन्द्र ठाकुर
ggajendra@videha.com
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