विदेह पुरान अंक
Videha Archive of Old Issues विदेह पुरान अंकक आर्काइव (पूर्णतः अव्यवसायिक उद्देश्य आ मात्र एकेडमिक प्रयोग लेल) विदेह ई-पत्रिकाक सभटा पुरान अंक पी.डी.एफ. डाउनलोड लेल क्रमानुसार नीचाँक लिंकपर उपलब्ध अछि। All the old issues of Videha e journal are available for pdf download at the respective links below.
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तिरहुता, नेवाड़ी आ कैथी फॉण्ट डाउनलोड Google's Noto Fonts project/ GitHub
https://fonts.google.com/ (Google Open Fonts download)
Tirhuta Offline Keyboard download
https://malarproject.gitlab.io/tirhuta (Tirhuta Keyboard Online)
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१
गजेन्द्र ठाकुर (सम्पादन)
विदेह-सदेह १-२५ www.videha.co.in | |
देवनागरी | मिथिलाक्षर |
विदेह-सदेह २६-३६ www.videha.co.in | |
विदेह:सदेह २६ (डॉ शम्भु कुमार सिंह आ डॉ अरुण कुमार सिंह अंक १-३५० सँ) | |
विदेह:सदेह २७ (गजेन्द्र ठाकुर आ रवि भूषण पाठकक आन भाषासँ अनूदित गद्य आ पद्य- अंक १-३५० सँ) | |
विदेह:सदेह २९ (रवि भूषण पाठक आ डॉ. कैलाश कुमार मिश्र- अंक १-३५० सँ) | |
विदेह:सदेह ३१ (डॉ. कामिनी कामायनी आ कुमार मनोज कश्यप- अंक १-३५० सँ) | |
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यू.पी.एस.सी. आ आन प्रतियोगिता परीक्षा लेल देखू:
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२
विदेहक सभटा पुरान अंक (अंक १ सँ ३५४ आ आगाँ)
विदेहक अंक १-१४९ (देवनागरी, मिथिलाक्षर आ ब्रेलमे)
देवनागरी | मिथिलाक्षर | ब्रेल |
विदेहक अंक १५०-३४४
विदेहक सभ अंक सम्बन्धी किछु आवश्यक पोथी/ जानकारी
Learn Mithilakshar- Gajendra Thakur (2009)
Learn IPA through Mithilakshar- Gajendra Thakur (2009)
Learn Braille through Mithilakshar- Gajendra Thakur (2009)
Learn Kaithi- Gajendra Thakur (2009)
कैथी लिपि (मैथिली साहित्य संस्थान डाउनलोड लिंक)
Learn Newari- Gajendra Thakur (2009)
Learn Calligraphic Newari (Ranjana)- Gajendra Thakur (2009)
Learn Urdu Script- Gajendra Thakur (2009)
Learn Tibetan Script- Gajendra Thakur (2009)
Learn Japanese Script for Haiku- Gajendra Thakur (2009)
Learn Brahmi- Gajendra Thakur (2009)
Learn Kharoshthi- Gajendra Thakur (2009)
स्थायी स्तम्भ जेना मिथिला-रत्न, मिथिलाक खोज, विदेह पेटार आ सूचना-संपर्क-अन्वेषण सभ अंकमे समान अछि, ताहि हेतु ई सभ स्तम्भ सभ अंकमे नै देल जाइत अछि, ई सभ स्तम्भ देखबा लेल क्लिक करू नीचाँ देल विदेहक ३४६ म आ ३४७ म अंक, ऐ दुनू अंकमे सम्मिलित रूपेँ ई सभ स्तम्भ देल गेल अछि।
विदेहक ३४५म आ आगाँक अंक
देवनागरी | मिथिलाक्षर | आइ.पी.ए. | मैथिली ब्रेल |
VIDEHA_349 | VIDEHA_349_Tirhuta | VIDEHA_349_IPA | VIDEHA_349_Braille |
देवनागरी | मिथिलाक्षर | आइ.पी.ए. | मैथिली ब्रेल | कैथी |
नागरी | तिरहुता | आइपीए | ब्रेल | कैथी | रंजना | नेवाड़ी | खरोष्ठी | ब्राह्मी |
Ran | Newa | Kharo |
नागरी | तिरहुता | कैथी | रंजना | प्रचलित | ब्राह्मी | IPA | ब्रेल | खरोष्ठी | उर्दू | तिब्बती | तिब्बती-उमे |
नागरी | तिरहुता | कैथी | रंजना | प्रचलित | ब्राह्मी | IPA | ब्रेल | तिब्बती | तिब्बती-उमे |
नागरी | तिरहुता | कैथी | नेवाड़ी | आइ.पी.ए. | ब्रेल |
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३
विदेहक विशेषांक
१) हाइकू विशेषांक
२) गजल विशेषांक
३) विहनि कथा विशेषांक
४) बाल साहित्य विशेषांक
५) नाटक विशेषांक
६) समीक्षा विशेषांक
७) नारी विशेषांक
८) अनुवाद विशेषांक (गद्य-पद्य भारती)
९) बाल गजल विशेषांक
१०) भक्ति गजल विशेषांक
११) गजल आलोचना-समालोचना-समीक्षा विशेषांक
१२) काशीकांत मिश्र मधुप विशेषांक
Videha_01_01_2015
१३) अरविन्द ठाकुर विशेषांक
Videha_01_11_2015
१४) जगदीश चन्द्र ठाकुर अनिल विशेषांक
Videha_01_12_2015
१५) विदेह सम्मान विशेषांक
विदेह सम्मान: सम्मान-सूची (समानान्तर साहित्य अकादेमी, समानान्तर ललित कला अकादेमी आ समानान्तर संगीत-नाटक अकादेमी सम्मान/ पुरस्कार नामसँ विख्यात)
साक्षात्कार/ समारोह
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१६) मैथिली सी.डी./ अल्बम गीत संगीत विशेषांक
Videha_01_01_2017
१७) मैथिली वेब पत्रकारिता विशेषांक
VIDEHA 313
१८) मैथिली बीहनि कथा विशेषांक-२
VIDEHA 317
१९) रामलोचन ठाकुर विशेषांक
VIDEHA 319
२०) रामलोचन ठाकुर श्रद्धांजलि विशेषांक
VIDEHA 320
२१) राजनन्दन लाल दास विशेषांक
VIDEHA 333
२२) रवीन्द्र नाथ ठाकुर विशेषांक
२३) केदार नाथ चौधरी विशेषांक
२४)
प्रेमलता मिश्र 'प्रेम' विशेषांक
२५)
शरदिन्दु चौधरी विशेषांक
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४
लेखकक आमंत्रित रचना आ ओइपर आमंत्रित समीक्षकक समीक्षा सीरीज
१.कामिनीक पांच टा कविता आ ओइपर मधुकान्त झाक टिप्पणी
२.जगदानन्द झा "मनु"क "माटिक बासन"पर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
३.मुन्नी कामतक एकांकी "जिन्दगीक मोल" आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
४.कपिलेश्वर राउतक ५ टा कथा आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
५.उमेश मण्डलक ५ टा कथा आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
६.राम विलास साहुक ५ टा कथा आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
७.नित नवल सुभाष चन्द्र यादव- सुभाष चन्द्र यादवक समस्त साहित्य आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
नित नवल सुभाष चन्द्र यादव (मिथिलाक्षर)
८.राजदेव मण्डलक साहित्यपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
Rajdeo Mandal- Maithili Writer
९.आचार्य रामदेव मण्डलक ५ टा कथा आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
१०.नन्द विलास रायक चारिटा कथा आ एकटा एकांकी आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
११.जगदीश प्रसाद मण्डलक साहित्यपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
१२.दुर्गानन्द मण्डलक पाँचटा कथा आ ओइपर गजेन्द्र ठाकुरक टिप्पणी
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५
"पाठक हमर पोथी किए पढ़थि"- लेखक द्वारा अप्पन पोथी/ रचनाक समीक्षा सीरीज
१. आशीष अनचिन्हार ०१ अगस्त २०२१
२. गजेन्द्र ठाकुर ०१ सितम्बर २०२२
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६
एडिटर्स चोइस सीरीज
एडिटर्स चोइस सीरीज-१
विदेहमे बलात्कारपर मैथिलीमे पहिल कविता प्रकाशित भेल छल। ई दिसम्बर २०१२ क दिल्लीक निर्भया बलात्कार काण्डक बादक समय छल। ओना ई अनूदित रचना छल, तेलुगुमे पसुपुलेटी गीताक कविताक हिन्दी अनुवाद केने छलीह आर. शांता सुन्दरी आ हिन्दीसँ मैथिली अनुवाद केने छलाह विनीत उत्पल। हमर जानकारीमे ऐसँ बेशी सिहराबैबला कविता ऐ विषयपर कोनो भाषामे नै रचल गेल अछि। कताक सालक बादो ई समस्या ओहने अछि। ई कविता सभकेँ पढ़बाक चाही, खास कऽ सभ बेटीक बापकेँ, सभ बहिनक भाएकेँ आ सभ पत्नीक पतिकेँ। आ विचारबाक चाही जे हम सभ अपना बच्चा सभ लेल केहन समाज बनेने छी।
एडिटर्स चोइस सीरीज-१ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-२
विदेहमे ब्रेस्ट कैसरक समस्यापर विदेह मे मीना झा केर एकटा लघु कथा प्रकाशित भेल। ई मैथिलीक पहिल कथा छल जे ब्रेस्ट कैसर पर लिखल गेल। हिन्दीमे सेहो ताधरि ऐ विषयपर कथा नै लिखल गेल छल, कारण ऐ कथाक ई-प्रकाशित भेलाक १-२ सालक बाद हिन्दीमे दू गोटेमे घोंघाउज भऽ रहल छल कि पहिल हम आकि हम, मुदा दुनूक तिथि मैथिलीक कथाक परवर्ती छल। बादमे ई विदेह लघु कथामे सेहो संकलित भेल।
एडिटर्स चोइस सीरीज-२ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-३
विदेहमे जगदीश चन्द्र ठाकुर अनिलक किछु बाल कविता प्रकाशित भेल। बादमे हुनकर ३ टा बाल कविता विदेह शिशु उत्सवमे संकलित भेल जइमे २ टा कविता बेबी चाइल्डपर छल। पढ़ू ई तीनू कविता, बादक दुनू बेबी चाइल्डपर लिखल कविता पढ़बे टा करू से आग्रह।
एडिटर्स चोइस सीरीज-३ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-४
विदेहमे जगदानन्द झा "मनु"क एकटा दीर्घ बाल कथा कहि लिअ बा उपन्यास प्रकाशित भेल, नाम छल चोनहा। बादमे ई रचना विदेह शिशु उत्सवमे संकलित भेल, ई रचना बाल मनोविज्ञानपर आधारित मैथिलीक पहिल रचना छी, मैथिली बाल साहित्य कोना लिखी तकर ट्रेनिंग कोर्समे ऐ उपन्यासकेँ राखल जेबाक चाही। कोना मॊडर्न उपन्यास आगाँ बढ़ै छै, स्टेप बाइ स्टेप आ सेहो बाल उपन्यास। पढ़बे टा करू से आग्रह।
एडिटर्स चोइस सीरीज-४ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-५
एडिटर्स चोइस ५ मे मैथिलीक "उसने कहा था" माने कुमार पवनक दीर्घकथा "पइठ" (साभार अंतिका) । हिन्दीक पाठक, जे "उसने कहा था" पढ़ने हेता, केँ बुझल छन्हि जे कोना अहि कथाकेँ रचि चन्द्रधर शर्मा "गुलेरी" अमर भऽ गेलाह। हम चर्चा कऽ रहल छी, कुमार पवनक "पइठ" दीर्घकथाक। एकरा पढ़लाक बाद अहाँकेँ एकटा विचित्र, सुखद आ मोन हौल करैबला अनुभव भेटत, जे सेक्सपीरिअन ट्रेजेडी सँ मिलितो लागत आ फराको। मुदा ऐ रचनाकेँ पढ़लाक बाद तामस, घृणा सभपर नियंत्रणकेँ आ सामाजिक/ पारिवारिक दायित्वकेँ सेहो अहाँ आर गंभीरतासँ लेबै, से धरि पक्का अछि। मुदा एकर एकटा शर्त अछि जे एकरा समै निकालि कऽ एक्के उखड़ाहामे पढ़ि जाइ।
एडिटर्स चोइस सीरीज-५ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-६
जगदीश प्रसाद मण्डलक लघुकथा "बिसाँढ़": १९४२-४३ क अकालमे बंगालमे १५ लाख लोक मुइला, मुदा अमर्त्य सेन लिखैत छथि जे हुनकर कोनो सर-सम्बन्धी ऐ अकालमे नै मरलन्हि। मिथिलोमे अकाल आएल १९६७ ई. मे आ इन्दिरा गाँधी जखन ऐ क्षेत्र अएली तँ हुनका देखाओल गेल जे कोना मुसहर जातिक लोक बिसाँढ़ खा कऽ ऐ अकालकेँ जीति लेलन्हि। मैथिलीमे लेखनक एकभगाह स्थिति विदेहक आगमनसँ पहिने छल। मैथिलीक लेखक लोकनि सेहो अमर्त्य सेन जेकाँ ओहि महाविभीषिकासँ प्रभावित नै छला आ तेँ बिसाँढ़पर कथा नै लिखि सकला। जगदीश प्रसाद मण्डल ऐपर कथा लिखलन्हि जे प्रकाशित भेल चेतना समितिक पत्रिकामे, मुदा कार्यकारी सम्पादक द्वारा वर्तनी परिवर्तनक कारण ओ मैथिलीमे नै वरण् अवहट्ठमे लिखल बुझा पड़ल, आ ओतेक प्रभावी नै भऽ सकल कारण विषय रहै खाँटी आ वर्तनी कृत्रिम। से एकर पुनः ई-प्रकाशन अपन असली रूपमे भेल विदेहमे आ ई संकलित भेल "गामक जिनगी" लघुकथा संग्रहमे। ऐ पोथीपर जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ टैगोर लिटरेचर अवार्ड भेटलनि। जगदीश प्रसाद मण्डलक लेखनी मैथिली कथाधाराकेँ एकभगाह हेबासँ बचा लेलक, आ मैथिलीक समानान्तर इतिहासमे मैथिली साहित्यकेँ दू कालखण्डमे बाँटि कऽ पढ़ए जाए लागल- जगदीश प्रसाद मण्डलसँ पूर्व आ जगदीश प्रसाद मण्डल आगमनक बाद। तँ प्रस्तुत अछि लघुकथा बिसाँढ़- अपन सुच्चा स्वरूपमे।
एडिटर्स चोइस सीरीज-६ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-७
मैथिलीक पहिल आ एकमात्र दलित आत्मकथा: सन्दीप कुमार साफी। सन्दीप कुमार साफीक दलित आत्मकथा जे अहाँकेँ अपन लघु आकाराक अछैत हिलोड़ि देत आ अहाँक ई स्थिति कऽ देत जे समानान्तर मैथिली साहित्य कतबो पढ़ू अहाँकेँ अछौं नै हएत। ई आत्मकथा विदेहमे ई-प्रकाशित भेलाक बाद लेखकक पोथी "बैशाखमे दलानपर"मे संकलित भेल आ ई मैथिलीक अखन धरिक एकमात्र दलित आत्मकथा थिक। तँ प्रस्तुत अछि मैथिलीक पहिल दलित आत्मकथा: सन्दीप कुमार साफीक कलमसँ।
एडिटर्स चोइस सीरीज-७ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-८
नेना भुटकाकेँ रातिमे सुनेबा लेल किछु लोककथा (विदेह पेटारसँ)।
एडिटर्स चोइस सीरीज-८ (डाउनलोड लिंक)
एडिटर्स चोइस सीरीज-९
मैथिली गजलपर परिचर्चा (विदेह पेटारसँ)।
एडिटर्स चोइस सीरीज-९ (डाउनलोड लिंक)
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विदेह सम्मान: सम्मान-सूची (समानान्तर साहित्य अकादेमी, समानान्तर ललित कला अकादेमी आ समानान्तर संगीत-नाटक अकादेमी सम्मान/ पुरस्कार नामसँ विख्यात)
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मैथिलीक वर्तनी
१
मैथिलीक वर्तनी- विदेह मैथिली मानक भाषा आ मैथिली भाषा सम्पादन पाठ्यक्रम
२
मैथिलीक वर्तनीमे पर्याप्त विविधता अछि। मुदा प्रश्नपत्र देखला उत्तर एकर वर्तनी इग्नू BMAF001 सँ प्रेरित बुझाइत अछि, से एकर एकरा एक उखड़ाहामे उनटा-पुनटा दियौ, ततबे धरि पर्याप्त अछि। यू.पी.एस.सी. क मैथिली (कम्पलसरी) पेपर लेल सेहो ई पर्याप्त अछि, से जे विद्यार्थी मैथिली (कम्पलसरी) पेपर लेने छथि से एकर एकटा आर फास्ट-रीडिंग दोसर-उखड़ाहामे करथि|
IGNOU इग्नू BMAF-001
अपन मंतव्य editorial.staff.videha@gmail.com पर पठाउ।
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"विदेह" प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका http://www.videha.co.in/:-
सम्पादक/ लेखककेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, जेना:-
1. रचना/ प्रस्तुतिमे की तथ्यगत कमी अछि:- (स्पष्ट करैत लिखू)|
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3. रचना/ प्रस्तुतिमे की कोनो भाषागत, तकनीकी वा टंकन सम्बन्धी अस्पष्टता अछि: (निर्दिष्ट करू कतए-कतए आ कोन पाँतीमे वा कोन ठाम)|
4. रचना/ प्रस्तुतिमे की कोनो आर त्रुटि भेटल ।
5. रचना/ प्रस्तुतिपर अहाँक कोनो आर सुझाव ।
6. रचना/ प्रस्तुतिक उज्जवल पक्ष/ विशेषता|
7. रचना प्रस्तुतिक शास्त्रीय समीक्षा।
अपन टीका-टिप्पणीमे रचना आ रचनाकार/ प्रस्तुतकर्ताक नाम अवश्य लिखी, से आग्रह, जाहिसँ हुनका लोकनिकेँ त्वरित संदेश प्रेषण कएल जा सकय। अहाँ अपन सुझाव ई-पत्र द्वारा editorial.staff.videha@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।
"विदेह" मानुषिमिह संस्कृताम् :- मैथिली साहित्य आन्दोलनकेँ आगाँ बढ़ाऊ।- सम्पादक। http://www.videha.co.in/
पूर्वपीठिका : इंटरनेटपर मैथिलीक प्रारम्भ हम कएने रही 2000 ई. मे अपन भेल एक्सीडेंट केर बाद, याहू जियोसिटीजपर 2000-2001 मे ढेर रास साइट मैथिलीमे बनेलहुँ, मुदा ओ सभ फ्री साइट छल से किछु दिनमे अपने डिलीट भऽ जाइत छल। ५ जुलाई २००४ केँ बनाओल “भालसरिक गाछ” जे http://gajendrathakur.blogspot.com/ पर एखनो उपलब्ध अछि, मैथिलीक इंटरनेटपर प्रथम उपस्थितिक रूपमे अखनो विद्यमान अछि। फेर आएल “विदेह” प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका http://www.videha.co.in/पर। “विदेह” देश-विदेशक मैथिलीभाषीक बीच विभिन्न कारणसँ लोकप्रिय भेल। “विदेह” मैथिलक लेल मैथिली साहित्यक नवीन आन्दोलनक प्रारम्भ कएने अछि। प्रिंट फॉर्ममे, ऑडियो-विजुअल आ सूचनाक सभटा नवीनतम तकनीक द्वारा साहित्यक आदान-प्रदानक लेखकसँ पाठक धरि करबामे हमरा सभ जुटल छी। नीक साहित्यकेँ सेहो सभ फॉरमपर प्रचार चाही, लोकसँ आ माटिसँ स्नेह चाही। “विदेह” एहि कुप्रचारकेँ तोड़ि देलक, जे मैथिलीमे लेखक आ पाठक एके छथि। कथा, महाकाव्य,नाटक, एकाङ्की आ उपन्यासक संग, कला-चित्रकला, संगीत, पाबनि-तिहार, मिथिलाक-तीर्थ,मिथिला-रत्न, मिथिलाक-खोज आ सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक समस्यापर सारगर्भित मनन। “विदेह” मे संस्कृत आ इंग्लिश कॉलम सेहो देल गेल, कारण ई ई-पत्रिका मैथिलक लेल अछि, मैथिली शिक्षाक प्रारम्भ कएल गेल संस्कृत शिक्षाक संग। रचना लेखन आ शोध-प्रबंधक संग पञ्जी आ मैथिली-इंग्लिश कोषक डेटाबेस देखिते-देखिते ठाढ़ भए गेल। इंटरनेट पर ई-प्रकाशित करबाक उद्देश्य छल एकटा एहन फॉरम केर स्थापना जाहिमे लेखक आ पाठकक बीच एकटा एहन माध्यम होए जे कतहुसँ चौबीसो घंटा आ सातो दिन उपलब्ध होअए। जाहिमे प्रकाशनक नियमितता होअए आ जाहिसँ वितरण केर समस्या आ भौगोलिक दूरीक अंत भऽ जाय। फेर सूचना-प्रौद्योगिकीक क्षेत्रमे क्रांतिक फलस्वरूप एकटा नव पाठक आ लेखक वर्गक हेतु, पुरान पाठक आ लेखकक संग, फॉरम प्रदान कएनाइ सेहो एकर उद्देश्य छ्ल। एहि हेतु दू टा काज भेल। नव अंकक संग पुरान अंक सेहो देल जा रहल अछि। विदेहक सभटा पुरान अंक pdf स्वरूपमे देवनागरी, मिथिलाक्षर आ ब्रेल, तीनू लिपिमे, डाउनलोड लेल उपलब्ध अछि आ जतए इंटरनेटक स्पीड कम छैक वा इंटरनेट महग छैक ओतहु ग्राहक बड्ड कम समयमे ‘विदेह’ केर पुरान अंकक फाइल डाउनलोड कए अपन कंप्युटरमे सुरक्षित राखि सकैत छथि आ अपना सुविधानुसारे एकरा पढ़ि सकैत छथि।
मुदा ई तँ मात्र प्रारम्भ अछि।
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