भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल अखनो ५ जुलाई २००४ क पोस्ट'भालसरिक गाछ'- केर रूपमे इंटरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितिक रूपमे विद्यमान अछि जे विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,आ http://www.videha.co.in/ पर ई प्रकाशित होइत अछि।
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
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Friday, December 05, 2008
दू गोट कविता- ब्रज मोहन झा "सोनी” बनौटा - नेपाल
— ब्रज मोहन झा ”सोनी”
हम पत्रकार छि,
कुडा के ढेर पऽ पडल,
बिन तारऽक सितार छि ।
हम कथाकार आ
गित गजलकार छि
आगुमे डा. होइतो अर्थऽक बिमार छि
बन्द आ हडतालमे
अर्जुनऽक ढाल घटोतकच बनल
नेताके हथियार छि ।
हम गामघरऽक अकला
घरऽक फुटल तसला
मसोमातऽक भतार हम
नाटकऽक अचार छि ।
कियक त हम यूवा
पैघ बेरोजगार छि ।
कियक त हम यूवा
पैघ बेरोजगार छि ।
2.उदासी
— ब्रज मोहन झा ”सोनी”
डेग डेग पऽ गाम सहरमे
सगरो नोर भोकासी अछी,
नोर बहा लोक सुती रहल
तँय हमरो छायल उदासी अछी ।
ओइ दिन ओकरा घर चोर गेलै,
कयलौ हल्ला होशीयारी लेल,
डरे चोरबऽक हनलक गब्दी ,
तँय हमरो छायल उदासी अछी ।
चोरबो पिटलक दोसरो डटलक
कानुनमे हमरा फँासी अछी ।
घुस खाऽ जज छोडी देलक,
तँय हमरो छायल उदासी अछी ।
चुप रहने संरक्षण भेटत
बाजब बडका बदनामी अछी ।
ई बात हमर गुरुजन कहलक,
तँय हमरो छायल उदासी अछी ।
आइ फेर देखलीयै सेन्ह पडैत,
”सोनी” सोनाके गाछी अछी ।
ई देखी सब केव भेल प्रशन्न,
तँय हमरो छायल उदासी अछी ।
तँय हमरो छायल उदासी अछी ।
ब्रज मोहन झा ”सोनी”
,बनौटा – ५ (महोत्तरी)
9 comments:
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ReplyDeleteहम पत्रकार छि,हम कथाकार आ
ReplyDeleteahaank ham kavita hriday me tis delak teडेग डेग पऽ गाम सहरमे
सगरो नोर भोकासी अछी,
नोर बहा लोक सुती रहल
तँय हमरो छायल उदासी अछी ।
udasi kavita jhankrit kay delak.
badd nik
ee blog te din par din chandrama jeka badhal ja rahal achi, kichu aan blog me chandramak ghatanti dekhal ja rahal achi, muda etay mithila aar maithil blog me poornima sada rahat se vishvas achhi,
ReplyDeletedunu kavita bad nik lagal
ReplyDeleteee blog nirantar rachnatmak aa navin rachna se poorna bujhi me abait achhi, matik sugandhik sang
ReplyDeleteutkriskt rachna sabhak bhadar achi ee site, parishramak parinam sarvada nik hoit achi, rang roop me seho utkrishta aayal acchi rachane jeka.
ReplyDeletedunu kavita mon ke chhobay me saphal achi.
ReplyDeletebad nik
ReplyDeleteबहुत निक प्रस्तुति अछि अहिना अपन निक निक रचना प्रस्तुत करैत रहब से आशा अछि !
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