भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

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Monday, February 16, 2009

अनिलचन्द्र ठाकुर १३ सितम्बर 1954- 2 नवम्बर 2007


स्व. अनिलचन्द्र ठाकुर जीक जन्म 13 सितम्बर 1954 ई.केँ कटिहार जिलाक समेली गाममे भेलन्हि। 1982 ई.मे हिन्दी साहित्यमे स्नातकोत्तर केलाक बाद नवम्बर '93 सँ नवम्बर '94 धरि "सुबह" हस्तलिखित पत्रिकाक सम्पादन-प्रकाशन कएलन्हि आ कोशी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमे अधिकारी रहथि। मैथिली, अंगिका, हिन्दी आ अंग्रेजीमे समानरूपेँ लेखन।
मृत्युक पूर्व ब्रेन ट्यूमरसँ बीमार चलि रहल छलाह।
प्रकाशित कृति:
आब मानि जाउ(मैथिली उपन्यास)- पहिने भारती-मंडन पत्रिकामे प्रकाशित भेल, फेर मैलोरंग द्वारा पुस्तकाकार प्रकाशित भेल।
कच( अंगिकाक पहिल खण्ड काव्य,1975)
एक और राम (हिन्दी नाटक,1981)
एक घर सड़क पर (हिन्दी उपन्यास, 1982)
द पपेट्स (अंग्रेजी उपन्यास, 1990)
अनत कहाँ सुख पावै (हिन्दी कहानी संग्रह,2007)

आब मानि जाउ(मैथिली उपन्यास)- एहि उपन्यासमे एक एहन युवतीक संघर्ष-गाथा अंकित अछि जे अपन लगनसँ जीवन बदलैत अछि। असंख्य गामक ई कथा, कुलीनताक अधःपतनक कथा, संस्कारविहीनताक उद्घाटन आ भविष्यक पीढ़ीकेँ बचएबाक चेतौनी छी ई कथा।
click on the link : अनिलचन्द्र ठाकुर

8 comments:

  1. anilchandra thakur ji ke hamar sradhanjali.

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  2. hunak akal mrityu maithili lel ekta sadma achhi

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  3. matra 54-55 barakh me hinkar mrityu ekta kutharaghat ker saman achhi, muda hinkar je maithili upnyas achhi se ham mailorang se kini kay padhne chhi, adbhut chitran achhi buchiyak okar mayak aa buchiyak dushta pitak.

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  4. jakhan aan blog sabh aatm prashansa me lagal achhi anil chandra jik ke del sradhanjali pher se maithil aar mithila blog ker aan blog se itar sreshthata siddha karait achhi,
    hunka par lekha prabhavi,
    hamra dis se shradhanjali

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  5. apoorva chandram ji, anil chandra thakur jik mrityu ekta aagat achhi maithili sahityak lel, ahan te hunkar putra chhi se hunkar kam vayas me mrityu se parivara ke bhel bhavnatmak kshati ham sabh anubhav kay sakait chhi,
    blog me ahank svagat achhi.

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  6. HAMRA MAITHILI NIK SA NAI AABAIE YA
    E HAMAR DURBHAGYA CHI

    HAM AAHAAN SABH K HRIDAY SA DHANYABAD KARAI CHI

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  7. बहुत नीक प्रस्तुति।

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