अहॉं विदेहक छी संतान
राखु याज्ञवल्क्यक मान
नहि बिसरू मंडन, ंअयाची
वाचस्पति, विद्यापति केर नाम
गौरब-गाथा सॅ पूर्ण धरा पर
नहि करू एकरा संग गद्दारी
नहि सोभौया रंगदारी
हमर ज्ञान संस्कृतिक चर्चा
हाई छल जग में सदिखन
छल षिक्षाक केन्द्र बनल
पसरल नहि षिक्षाक किरण जखन
आई ठाड़ छी निम्न पॉंतिमें
नहि करू षिक्षाक व्यपारी
नहि सोभौया रंगदारी
कियो बनल स्वर्णक पक्षघर
किया बनल अवर्णक नेता
आपस में सब ‘ाडयंत्र रचिके
एक-दोसराक संग लड़ेता
अहॉं सॅ मिथिला तंग भ गेल
छोरू आब जातिक ठीकेदारी
नहि सोभौया रंगदारी
बाढिंक मारल रौदीक झमारल
जनता के आब कतेक ठकब
गाम-घर सब छोरी परायल
अहॉ आब ककरा लुटब
भलमानुश किछु डटल गाम में
नहि फुकु घर में चिंगारी
नहि सोभौया रंगदारी
आबो जागु आबो चेतु
कहिया धरि अहॉं सुतल रहब
देखु दुनियॉ चांद पर चली गेल
अहॉं आबों कहिया उठब
अहीं सनक भायक खातिर
कनैत छथि वैदेही बेचारी
नहि सोभौया रंगदारी
2.हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
एक बेर नहि सत्त-सत्त बेर
करैत छी अहाँ के नित्य प्रणाम
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
दू अक्षर सँ बनल ई नेता
देशक बनल अछि भाग्यविधाता
आई-काल्हि ओहा अछि नेता
जकरा लग अछि गुंडाक ठेका
जाल-फरेब फुसि में माहिर
घोटाला में सतत प्रधान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
खादी कुरता नीलक छीटका
मुंह में चबेता हरदम पान
मौजा ऊपर नागरा जूता
उज्जर गमछा सोभय कान्ह
जखन देखू चोर-उच्चका
भरल रहै छैन सतत दलान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
केने छैथ ई भीष्म प्रतिज्ञा
झूठ छोडि नहिं बाजब सत्य
हाथी दांतक प्रयोग कय के
मुंह पर बजता सबटा पद्य
कल-बल-छल के वल पर सदिखन
जीत लैत छैथ अप्पन मतदान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
गाम विकाशक परम विरोधक
होबय नहि देता एकोटा काज
बान्ह-धूर स्कूल पाई सँ
बनबैत छैथ ओ अप्पन ताज
स्त्री शिक्षाक जँ बात करू तँ
मुईन लैत छैथ अप्पन कान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
नहि सोभैया रंगदारी
ReplyDeleteअहॉं विदेहक छी संतान
राखु याज्ञवल्क्यक मान
नहि बिसरू मंडन, ंअयाची
वाचस्पति, विद्यापति केर नाम
गौरब-गाथा सॅ पूर्ण धरा पर
नहि करू एकरा संग गद्दारी
नहि सोभौया रंगदारी
हमर ज्ञान संस्कृतिक चर्चा
हाई छल जग में सदिखन
छल षिक्षाक केन्द्र बनल
पसरल नहि षिक्षाक किरण जखन
आई ठाड़ छी निम्न पॉंतिमें
नहि करू षिक्षाक व्यपारी
नहि सोभौया रंगदारी
कियो बनल स्वर्णक पक्षघर
किया बनल अवर्णक नेता
आपस में सब ‘ाडयंत्र रचिके
एक-दोसराक संग लड़ेता
अहॉं सॅ मिथिला तंग भ गेल
छोरू आब जातिक ठीकेदारी
नहि सोभौया रंगदारी
बाढिंक मारल रौदीक झमारल
जनता के आब कतेक ठकब
गाम-घर सब छोरी परायल
अहॉ आब ककरा लुटब
भलमानुश किछु डटल गाम में
नहि फुकु घर में चिंगारी
नहि सोभौया रंगदारी
आबो जागु आबो चेतु
कहिया धरि अहॉं सुतल रहब
देखु दुनियॉ चांद पर चली गेल
अहॉं आबों कहिया उठब
अहीं सनक भायक खातिर
कनैत छथि वैदेही बेचारी
नहि सोभौया रंगदारी
दयाकान्त
bah
bhai thike kahlahu
ReplyDeleteआबो जागु आबो चेतु
ReplyDeleteकहिया धरि अहॉं सुतल रहब
देखु दुनियॉ चांद पर चली गेल
अहॉं आबों कहिया उठब
अहीं सनक भायक खातिर
कनैत छथि वैदेही बेचारी
नहि सोभौया रंगदारी
nik lagal
ठीक लिखलहुँ दयाकांत जी।
ReplyDeletebah bhai,
ReplyDeletemuda suntah ke se nahi kahi,
etay te ek dosar kwe kat me hamra sabh chhi
ahank tesar kavita maithil aar mithila me padhlahu,
ReplyDeleteaashu kavi chhi ahan,
aar rachna kahiya dhari pathayab
shikshak vyapar te bhaiye gel achhi,
ReplyDeleterangdari ke rokat,
muda kavik kaj te ahan apna bhari kaybe kelahu
rangdari katahu sobhlai ye bhai.ehina likhait rahu
ReplyDeletemahesh jha
dunu kavita samyik- mohan
ReplyDelete1.नहि सोभैया रंगदारी
अहॉं विदेहक छी संतान
राखु याज्ञवल्क्यक मान
नहि बिसरू मंडन, ंअयाची
वाचस्पति, विद्यापति केर नाम
गौरब-गाथा सॅ पूर्ण धरा पर
नहि करू एकरा संग गद्दारी
नहि सोभौया रंगदारी
हमर ज्ञान संस्कृतिक चर्चा
हाई छल जग में सदिखन
छल षिक्षाक केन्द्र बनल
पसरल नहि षिक्षाक किरण जखन
आई ठाड़ छी निम्न पॉंतिमें
नहि करू षिक्षाक व्यपारी
नहि सोभौया रंगदारी
कियो बनल स्वर्णक पक्षघर
किया बनल अवर्णक नेता
आपस में सब ‘ाडयंत्र रचिके
एक-दोसराक संग लड़ेता
अहॉं सॅ मिथिला तंग भ गेल
छोरू आब जातिक ठीकेदारी
नहि सोभौया रंगदारी
बाढिंक मारल रौदीक झमारल
जनता के आब कतेक ठकब
गाम-घर सब छोरी परायल
अहॉ आब ककरा लुटब
भलमानुश किछु डटल गाम में
नहि फुकु घर में चिंगारी
नहि सोभौया रंगदारी
आबो जागु आबो चेतु
कहिया धरि अहॉं सुतल रहब
देखु दुनियॉ चांद पर चली गेल
अहॉं आबों कहिया उठब
अहीं सनक भायक खातिर
कनैत छथि वैदेही बेचारी
नहि सोभौया रंगदारी
2.हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
एक बेर नहि सत्त-सत्त बेर
करैत छी अहाँ के नित्य प्रणाम
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
दू अक्षर सँ बनल ई नेता
देशक बनल अछि भाग्यविधाता
आई-काल्हि ओहा अछि नेता
जकरा लग अछि गुंडाक ठेका
जाल-फरेब फुसि में माहिर
घोटाला में सतत प्रधान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
खादी कुरता नीलक छीटका
मुंह में चबेता हरदम पान
मौजा ऊपर नागरा जूता
उज्जर गमछा सोभय कान्ह
जखन देखू चोर-उच्चका
भरल रहै छैन सतत दलान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
केने छैथ ई भीष्म प्रतिज्ञा
झूठ छोडि नहिं बाजब सत्य
हाथी दांतक प्रयोग कय के
मुंह पर बजता सबटा पद्य
कल-बल-छल के वल पर सदिखन
जीत लैत छैथ अप्पन मतदान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
गाम विकाशक परम विरोधक
होबय नहि देता एकोटा काज
बान्ह-धूर स्कूल पाई सँ
बनबैत छैथ ओ अप्पन ताज
स्त्री शिक्षाक जँ बात करू तँ
मुईन लैत छैथ अप्पन कान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
बहुत नीक प्रस्तुति
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