जन्म १८ मार्च १९४९ ई.पलिमोहन, मधुबनीमे। वरिष्ठ कवि, रंगकर्मी, सम्पादक, समीक्षक। भाषाई आन्दोलनमे सक्रिय भागीदारी। प्रकाशित कृति- इतिहासहन्ता, माटिपानिक गीत, देशक नाम छल सोन चिड़ैया, अपूर्वा (कविता संग्रह), बेताल कथा (व्यंग्य), मैथिली लोक कथा (लोककथा), प्रतिध्वनि (अनुदित कविता), जा सकै छी, किन्तु किए जाउ(अनुदित कविता), लाख प्रश्न अनुत्तरित (कविता), जादूगर (अनुवाद), स्मृतिक धोखरल रंग (संस्मरणात्मक निबन्ध), आंखि मुनने: आंखि खोलने (निबन्ध)।–सम्पादक
पास करबाक लेल
उत्तर पुस्तिका आपस रखिते
पुछि बैसैत छथि मैम
अर्धवसना बाब्ऽकेशी
वय विलम्वित नवल वेशी
सोनाक वर्ग शिक्षिका-
देखलहुँ, बड़ कमजोर अछि नेना अहाँक
कने नीक जकाँ करिऔक गाइड...
कमजोर त ई नहि अछि मैम
आ जहाँधरि छैक बात करबाक गाइड
से स्कूल त ताही लेल पठाओल जाइत अछि
अंग्रेजीक एक पत्र मे पचासी
आ दोसर मे किएक अबैत छैक पचीस
सोचबाक बात इहो की नहि थिक?
विहुँसैत बजैत छथि मैम
पाश्चात्य शिक्षा-संस्कृतिक सेविका
वैश्वीकरण मेनका-
खाता त देखबे कएल
लिखने अछि मात्र दूटा पेज
तें ने कहल हम
कमजोर ओ नहि अछि
पढ़बैत छिऐक स्वयं हम
लिखबे नहि कएलक
से बात भेल अन्य
परंच एहिठाम नम्बर नहि देल गेलैक
से भेल नहि बोधगम्य...
ओहिना बिहुँसैत पुछैत छियनि हम
देखबैत पुस्तिकाक पंक्ति विशेष
आश्चर्य चकित सन भेल कहै छथि मैम-
गलती लिखने अछि
संयुक्त परिवार सुखी परिवार!
त एहि मे गलती की छैक?
रिक्तस्थान मे ओ लिखि देलक संयुक्त
मैम, संयुक्त परिवार आ
बसुधैव कुटुम्वकम् केर संस्कारमे पालित
हमर पौत्र केना लिखि पाओत
छोट परिवार नीक...
मुदा
पोथी मे सएह छैक
इएह ने कहब अहाँ
आ पास करबाक लेल
उएह सिखए पड़तैक
आर की-की सिखए पड़तैक एकरा
जिनगी मे करबाक लेल पास?
मैम चुपचाप निहारैत रहि जाइत छथि
हमर मुह निर्निमेष
विदा लैत छी हम
कहैत- वेश!!
(२६.१०.२००८)
किछु क्षणिका (हाइकू)
१. भोजक पान
सासुरक सम्मान
पुनिमाक चान
२. हाथीक कान
नटुआक बतान
एक समान
३. दूरक चास
गामक कात बास
कोन विश्वास
४. बाँझीक फूल
महकारीक फल
के कहै भल
५. दादुर-गान
डोकाक अभियान
वेथे गुमान
६. हिजरा-नाच
ओकिल केर साँच
की ६ की पाँच
(२६.१०.२००८)
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