भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

(c)२०००-२०२३. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor: Gajendra Thakur

रचनाकार अपन मौलिक आ अप्रकाशित रचना (जकर मौलिकताक संपूर्ण उत्तरदायित्व लेखक गणक मध्य छन्हि) editorial.staff.videha@gmail.com केँ मेल अटैचमेण्टक रूपमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉर्मेटमे पठा सकै छथि। एतऽ प्रकाशित रचना सभक कॉपीराइट लेखक/संग्रहकर्त्ता लोकनिक लगमे रहतन्हि। सम्पादक 'विदेह' प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका ऐ ई-पत्रिकामे ई-प्रकाशित/ प्रथम प्रकाशित रचनाक प्रिंट-वेब आर्काइवक/ आर्काइवक अनुवादक आ मूल आ अनूदित आर्काइवक ई-प्रकाशन/ प्रिंट-प्रकाशनक अधिकार रखैत छथि। (The Editor, Videha holds the right for print-web archive/ right to translate those archives and/ or e-publish/ print-publish the original/ translated archive).

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(c) २००-२०२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि।  भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.htmlhttp://www.geocities.com/ggajendra  आदि लिंकपर  आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html  (किछु दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html  लिंकपर, स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha  258 capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/  भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर  मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह" पड़लै।इंटरनेटपर मैथिलीक प्रथम उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,जे http://www.videha.co.in/  पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA

Friday, October 21, 2022

गजेन्द्र ठाकुर- मैथिलीक भिखारी ठाकुरक नामसँ प्रसिद्ध मैथिलीक पहिल जनकवि रामदेव प्रसाद मण्‍डल ‘झारूदार’क गीत आ झारू - “हमरा बि‍नु जगत सुन्ना छै”

 𑒑𑒖𑒹𑒢𑓂𑒠𑓂𑒩 𑒚𑒰𑒏𑒳𑒩- 𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲𑒏 𑒦𑒱𑒐𑒰𑒩𑒲 𑒚𑒰𑒏𑒳𑒩𑒏 𑒢𑒰𑒧𑒮𑒿 𑒣𑓂𑒩𑒮𑒱𑒠𑓂𑒡 𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲𑒏 𑒣𑒯𑒱𑒪 𑒖𑒢𑒏𑒫𑒱 𑒩𑒰𑒧𑒠𑒹𑒫 𑒣𑓂𑒩𑒮𑒰𑒠 𑒧𑒝𑓂𑒛𑒪 ‘𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩’𑒏 𑒑𑒲𑒞 𑒂 𑒗𑒰𑒩𑒴 - “𑒯𑒧𑒩𑒰 𑒥𑒱𑒢𑒳 𑒖𑒑𑒞 𑒮𑒳𑒢𑓂𑒢𑒰 𑒕𑒻”


𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲𑒏 𑒦𑒱𑒐𑒰𑒩𑒲 𑒚𑒰𑒏𑒳𑒩 “𑒩𑒰𑒧𑒠𑒹𑒫 𑒣𑓂𑒩𑒮𑒰𑒠 𑒧𑒝𑓂𑒛𑒪 "𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩" ” 𑒠𑒃 𑒕𑒟𑒱 𑒧𑒰𑒙𑒱 𑒂 𑒏𑒯𑒻 𑒕𑒟𑒱 “𑒯𑒧𑒩𑒰 𑒥𑒱𑒢𑒳 𑒖𑒑𑒞 𑒮𑒳𑒢𑓂𑒢𑒰 𑒕𑒻”।
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒮𑒰𑒯𑒱𑒞𑓂𑒨 𑒫𑒰 𑒏𑒼𑒢𑒼 𑒦𑒰𑒭𑒰𑒏 𑒮𑒰𑒯𑒱𑒞𑓂𑒨𑒧𑒹 𑒗𑒰𑒩𑒴 𑒢𑒰𑒧𑒏 𑒏𑒰𑒫𑓂𑒨 𑒫𑒱𑒡𑒰 𑒮𑒳𑒢𑒢𑒹 𑒩𑒯𑒱𑒌? 𑒩𑒰𑒧𑒠𑒹𑒫 𑒣𑓂𑒩𑒮𑒰𑒠 𑒧𑒝𑓂𑒛𑒪 “𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩” 𑒖𑒲𑒏 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒏𑒹𑒿 𑒕𑒼𑒛𑓃𑒱 𑒏𑓄? 𑒢𑒻 𑒢𑒹!
𑒏𑒰𑒩𑒝 𑒩𑒰𑒧𑒠𑒹𑒫 𑒣𑓂𑒩𑒮𑒰𑒠 𑒧𑒝𑓂𑒛𑒱𑒪 “𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩” 𑒧𑒯𑒲𑒮𑒏 𑒣𑒲𑒚, 𑒐𑒹𑒞𑒏 𑒂𑒛𑓃𑒱-𑒡𑒴𑒩 𑒂 𑒩𑒮𑓂𑒞𑒰 𑒔𑒾𑒥𑒙𑒱𑒨𑒰𑒣𑒩 𑒮𑓂𑒫𑒞𑓁 𑒮𑓂𑒤𑒴𑒩𑓂𑒞 𑒖𑒹 𑒢𑒫 𑒫𑒱𑒡𑒰𑒏 𑒂𑒫𑒱𑒭𑓂𑒏𑒰𑒩 𑒏𑒹𑒢𑒹 𑒕𑒟𑒱 𑒮𑒹 𑒮𑒧𑒰𑒖𑒏 𑒠𑒳𑒩𑓂𑒑𑒳𑒝𑒏𑒹𑒿 𑒐𑒩𑒛𑓃𑒰𑒮𑒿 𑒐𑒩𑒛𑓃𑒥𑒰 𑒪𑒹𑒪 𑒕𑒻। 𑒤𑒳𑒪𑒗𑒰𑒛𑓃𑒴𑒮𑒿 𑒐𑒩𑒱𑒯𑒰𑒢 𑒢𑒻 𑒥𑒯𑒰𑒩𑒪 𑒯𑒋𑒞, 𑒂 𑒐𑒩𑒛𑓃𑒰 𑒮𑒿 𑒍𑒮𑒰𑒩𑒰 𑒢𑒻 𑒥𑒯𑒰𑒩𑒱 𑒮𑒏𑒻 𑒕𑒲। 𑒪𑒰𑒚𑒲𑒧𑒹 𑒩𑒰𑒯𑒛𑓃𑒱𑒏 𑒛𑒰𑒿𑒙𑒏 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒮𑒿 𑒗𑒼𑒪-𑒗𑒰𑒪 𑒮𑒰𑒤 𑒏𑒋𑒪 𑒖𑒰𑒃𑒋। 𑒮𑒹 𑒞𑒩𑒯-𑒞𑒩𑒯𑒏 𑒥𑒰𑒜𑓃𑒢𑒱, 𑒂 𑒐𑒩𑒛𑓃𑒰𑒏 𑒣𑓂𑒩𑒔𑒪𑒢 𑒁𑒕𑒱। 𑒩𑒰𑒧𑒠𑒹𑒫 𑒖𑒲 𑒑𑒲𑒞 𑒮𑒹𑒯𑒼 𑒪𑒱𑒐𑒻 𑒕𑒟𑒱, 𑒂 𑒣𑒢𑒱𑒮𑒼𑒐𑒰 𑒮𑒢 𑒩𑓀𑒑 𑒥𑒱𑒩𑓀𑒑𑒏 𑒗𑒰𑒩𑒴 𑒮𑒹𑒯𑒼। 𑒖𑒹𑒯𑒹𑒢 𑒮𑒧𑒮𑓂𑒨𑒰 𑒞𑒹𑒯𑒢𑒹 𑒗𑒰𑒩𑒴। 𑒂 𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲𑒧𑒹 𑒖𑒐𑒢 𑒑𑒼𑒞𑓂𑒩-𑒧𑒴𑒪𑒏 𑒅𑒣𑒢𑒰𑒧 𑒩𑒐𑒥𑒰𑒏 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒵𑒞𑓂𑒞𑒱 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒢𑒫 𑒂 𑒣𑒳𑒩𑒰𑒢 𑒪𑒹𑒐𑒏𑒧𑒹 𑒠𑒹𑒐𑒪 𑒖𑒰 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 𑒞𑒐𑒢 𑒄 “𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩” 𑒅𑒣𑒢𑒰𑒧 𑒏𑒲 𑒮𑒦 𑒔𑒲𑒖 𑒥𑒱𑒢𑒳 𑒏𑒯𑒢𑒹 𑒏𑒯𑒱 𑒖𑒰𑒃𑒋?
𑒂 𑒏𑒫𑒱𑒏 𑒂𑒞𑓂𑒧𑒫𑒱𑒬𑓂𑒫𑒰𑒮, 𑒯𑒧 𑒢𑒻 𑒞𑒿 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒢𑒻।
𑒯𑒧𑒩𑒰𑒮𑒿 𑒣𑒯𑒱𑒪𑒹 𑒏𑒼𑒢𑒼 𑒢𑒻 𑒬𑒰𑒮𑒢।
𑒢𑒻 𑒕𑒻 𑒏𑒼𑒢𑒼 𑒡𑒩𑓂𑒧𑒏 𑒫𑒱𑒡𑒰𑒢॥
𑒯𑒧𑒩𑒰 𑒥𑒱𑒢𑒳 𑒖𑒑𑒞 𑒮𑒳𑒢𑓂𑒢𑒰 𑒕𑒻।
𑒯𑒞𑒻𑒥𑒪𑒰 𑒕𑒻 𑒣𑒬𑒳 𑒮𑒧𑒰𑒢॥
𑒂𑒥 𑒞𑒰𑒏𑒱 𑒪𑒱𑒁 𑒌 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒧𑒹 𑒥𑒾𑒠𑓂𑒡 𑒠𑒩𑓂𑒬𑒢𑒏 𑒬𑒴𑒢𑓂𑒨𑒫𑒰𑒠 𑒂 𑒬𑓀𑒏𑒩𑒏 𑒁𑒠𑓂𑒫𑒻𑒞 𑒠𑒩𑓂𑒬𑒢!
𑒯𑒳𑒢𑒏𑒰 𑒣𑒻𑒮𑒰𑒏 𑒩𑒼𑒑 𑒢𑒻 𑒔𑒰𑒯𑒲 𑒞𑒿 𑒁𑓀𑒡𑓂𑒫𑒱𑒬𑓂𑒫𑒰𑒮𑒏 𑒩𑒼𑒑 𑒮𑒹𑒯𑒼 𑒢𑒻।
𑒮𑒦 𑒥𑒢𑒪 𑒕𑒻 𑒣𑒻𑒮𑒰 𑒩𑒼𑒑𑒲,
𑒁𑒢𑓂𑒡𑒢𑒫𑒱𑒬𑓂𑒫𑒰𑒮, 𑒏𑒳𑒩𑒲𑒞𑒏 𑒖𑒼𑒑𑒲
𑒧𑒳𑒠𑒰 𑒌 𑒪𑒹𑒪 𑒩𑒰𑒧𑒏 𑒞𑒲𑒩 𑒏𑒧𑒰𑒢 𑒔𑒰𑒯𑒲 𑒏𑒲? 𑒏𑒰𑒩𑒝 𑒞𑒃 𑒪𑒹𑒪 𑒞𑒿 𑒩𑒰𑒧𑒏 𑒁𑒫𑒞𑒰𑒩𑒏 𑒣𑓂𑒩𑒞𑒲𑒏𑓂𑒭𑒰 𑒏𑒩𑒋 𑒣𑒛𑓃𑒞। 𑒢𑒻, 𑒮𑓂𑒫𑒨𑓀𑒣𑒩 𑒏𑒩𑒴 𑒫𑒱𑒬𑓂𑒫𑒰𑒮, 𑒏𑒰𑒩𑒝 𑒖𑒿 𑒮𑒧𑒮𑓂𑒨𑒰 𑒁𑒯𑒰𑒿 𑒕𑒲 𑒞𑒿 𑒮𑒧𑒰𑒡𑒰𑒢 𑒮𑒹𑒯𑒼 𑒁𑒯𑒲𑓀।
𑒁𑒯𑒰𑒿 𑒥𑒱𑒢𑒰 𑒏𑒹 𑒄 𑒠𑒳𑒐 𑒯𑒩𑒞𑒻
𑒁𑒯𑒲𑓀𑒮𑒿 𑒄 𑒮𑒦 𑒠𑒰𑒢𑒫 𑒧𑒩𑒞𑒻
𑒏𑒪𑒧𑒏𑒹𑒿 𑒋𑒏 𑒥𑒹𑒩 𑒤𑒹𑒩 𑒥𑒢𑒰𑒥𑒴
𑒩𑒰𑒧𑒏 𑒞𑒲𑒩 𑒏𑒧𑒰𑒢 𑒨𑒾।

𑒂𑒣𑒮𑒲 𑒋𑒏𑒞𑒰𑒏 𑒧𑒯𑒞𑓂𑒫 𑒏𑒫𑒱 𑒢𑒲𑒏 𑒖𑒹𑒏𑒰𑒿 𑒥𑒳𑒗𑒻 𑒕𑒟𑒱, 𑒧𑒳𑒠𑒰 𑒋𑒏𑒞𑒰 𑒏𑒼𑒢𑒰 𑒂𑒍𑒞, 𑒞𑒏𑒩 𑒮𑒧𑒰𑒡𑒰𑒢 𑒠𑒹𑒐𑒴:
𑒋𑒏𑒞𑒰 𑒥𑒢𑒻𑒪𑒹 𑒮𑒯𑒋 𑒣𑒛𑓃𑒻 𑒕𑒻
𑒒𑒙𑒼 𑒪𑒑𑒰 𑒏𑓄 𑒥𑒯𑒋 𑒣𑒛𑓃𑒻 𑒕𑒻
𑒁𑒣𑒢 𑒑𑒪𑒞𑒣𑒩 𑒪𑒯𑒋 𑒣𑒛𑓃𑒻 𑒕𑒻।
𑒢𑒰𑒩𑒲𑒏 𑒮𑓂𑒟𑒱𑒞𑒱, 𑒮𑒹 𑒍 𑒢𑒰𑒩𑒲 𑒑𑒰𑒧𑒏 𑒯𑒼𑒟𑒱 𑒫𑒰 𑒍 𑒢𑒹𑒞𑒰 𑒢𑒹 𑒏𑒱𑒋 𑒥𑒢𑒱 𑒑𑒹𑒪 𑒯𑒼𑒟𑒱, 𑒁𑒐𑒢𑒼 𑒙𑒲𑒮 𑒅𑒚𑒥𑒻𑒞 𑒁𑒕𑒱, 𑒂 𑒏𑒫𑒱 𑒖𑒿 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩 𑒯𑒼𑒟𑒱 𑒞𑒿 𑒍𑒃 𑒙𑒲𑒮𑒏 𑒫𑒩𑓂𑒝 𑒋𑒢𑒰 𑒯𑒼𑒃𑒞 𑒁𑒕𑒱:
𑒢𑒰𑒩𑒲 𑒮𑒲𑒞𑒰 𑒩𑒰𑒡𑒰 𑒁𑓀𑒬,
𑒣𑒳𑒩𑒴𑒭 𑒥𑒢𑒪 𑒕𑒻 𑒩𑒰𑒫𑒝 𑒏𑓀𑒬।
𑒤𑒹𑒩 𑒏𑒼𑒢𑒰 𑒏𑓄 𑒔𑒪𑒞𑒻,
𑒄 𑒒𑒩 𑒠𑒳𑒢𑒱𑒨𑒰𑒿𑒠𑒰𑒩𑒲 𑒨𑒾।

𑒧𑒳𑒠𑒰 𑒞𑒏𑒩 𑒅𑒣𑒰𑒨, 𑒏𑒲 𑒣𑒳𑒩𑒳𑒭 𑒥𑒠𑒪𑒞 𑒢𑒰𑒩𑒲𑒏 𑒠𑒬𑒰? 𑒢𑒻, 𑒄 𑒂𑒞𑓂𑒧𑒫𑒱𑒬𑓂𑒫𑒰𑒮 𑒮𑓂𑒫𑒨𑓀 𑒢𑒰𑒩𑒲𑒧𑒹 𑒕𑒢𑓂𑒯𑒱, 𑒍 𑒬𑒱𑒏𑓂𑒭𑒰𑒏 𑒛𑒼𑒩 𑒣𑒏𑒛𑓃𑒞𑒲 𑒂…
𑒂𑒥 𑒢𑒻 𑒢𑒰𑒩𑒲 𑒩𑒯𑒥 𑒁𑒢𑒰𑒩𑒲,
𑒥𑒢𑒥𑒻 𑒮𑒐𑓂𑒞 𑒏𑒚𑒼𑒩 𑒨𑒾।
𑒞𑒿 𑒏𑒲 𑒫𑒋𑒯 𑒢𑒰𑒩𑒲 𑒫𑒰 𑒖𑒰𑒞𑒱-𑒣𑒰𑒞𑒱 𑒂𑒠𑒱𑒏 𑒮𑒧𑒮𑓂𑒨𑒰 𑒙𑒰 𑒣𑒩 𑒡𑓂𑒨𑒰𑒢 𑒕𑒢𑓂𑒯𑒱 𑒏𑒫𑒱𑒏? 𑒢𑒻, 𑒍 𑒣𑓂𑒩𑒠𑒴𑒭𑒝 𑒮𑒢 𑒫𑒱𑒖𑓂𑒘𑒰𑒢𑒏 𑒠𑒹𑒢𑒣𑒩 𑒮𑒹𑒯𑒼 𑒔𑒱𑒢𑓂𑒞𑒱𑒞 𑒕𑒟𑒱:
𑒫𑒱𑒖𑓂𑒘𑒰𑒢𑒏 𑒄 𑒠𑒹𑒢 𑒣𑓂𑒩𑒠𑒴𑒭𑒝
𑒥𑒢𑒱 𑒒𑒩 𑒒𑒳𑒮𑒪 𑒔𑒳𑒯𑒰𑒩 𑒨𑒾।
𑒥𑒰𑒒 𑒥𑒢𑒱 𑒄 𑒧𑒳𑒿𑒯 𑒥𑒾𑒢𑒹 𑒁𑒕𑒱
𑒠𑒳𑒱𑒢𑒨𑒰𑒿 𑒥𑒢𑒪 𑒮𑒱𑒏𑒰𑒩 𑒨𑒾

𑒂 𑒣𑓂𑒩𑒠𑒴𑒭𑒝 𑒏𑒼𑒢𑒰 𑒏𑒧 𑒯𑒋𑒞, 𑒮𑒹𑒯𑒼 𑒍 𑒢𑒫 𑒐𑒰𑒜𑓃𑒲𑒏𑒹𑒿 𑒩𑒰𑒯 𑒠𑒹𑒐𑒥𑒻 𑒕𑒟𑒱:
𑒃𑓀𑒖𑒢 𑒯𑒼 𑒣𑒴𑒩𑒰 𑒏𑓀𑒛𑒲𑒮𑒢
𑒡𑒳𑒂𑒿 𑒢𑒻 𑒕𑒼𑒛𑓃𑒻 𑒥𑒹𑒏𑒰𑒩 𑒨𑒾।
𑒏𑒩𑒴 𑒐𑒱𑒨𑒰𑒪 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒁𑒑𑒱𑒪𑒰 𑒣𑒱𑒜𑓃𑒲
𑒏𑒼𑒢𑒰 𑒩𑒔𑒞 𑒮𑓀𑒮𑒰𑒩 𑒨𑒾।
𑒂 𑒌 𑒣𑒩 𑒯𑒳𑒢𑒏𑒩 𑒋𑒏𑒙𑒰 𑒗𑒰𑒩𑒴 𑒮𑒹𑒯𑒼 𑒕𑒢𑓂𑒯𑒱, 𑒍 𑒫𑒢𑒹 𑒙𑒰 𑒢𑒻 𑒫𑒢𑒫𑒰𑒮𑒲𑒏 𑒮𑒹𑒯𑒼 𑒮𑓀𑒩𑒏𑓂𑒭𑒝 𑒔𑒰𑒯𑒻 𑒕𑒟𑒱:
𑒫𑒢 𑒗𑒲𑒪 𑒢𑒠𑒲 𑒂 𑒫𑒢𑒫𑒰𑒮𑒲
𑒣𑒯𑒰𑒩 𑒣𑒚𑒰𑒩 𑒮𑓀𑒑 𑒩𑒹𑒑𑒱𑒮𑓂𑒞𑒰𑒢।
𑒏𑒩𑒴 𑒮𑒳𑒩𑒏𑓂𑒭𑒰 𑒣𑒩𑓂𑒨𑒰𑒫𑒩𑒝 𑒏𑒹𑒩
𑒌 𑒮𑒿 𑒠𑒹𑒬 𑒥𑒢𑒞 𑒡𑒢𑒫𑒰𑒢॥

𑒠𑒯𑒹𑒖 𑒂 𑒏𑒰𑒙𑒩 𑒣𑓂𑒩𑒟𑒰𑒣𑒩 𑒩𑒰𑒧𑒠𑒹𑒫 𑒖𑒲 𑒪𑒱𑒐𑒻 𑒕𑒟𑒱:
𑒂𑒃 𑒯𑒩 𑒒𑒩𑒧𑒹 𑒮𑒲𑒞𑒰 𑒩𑒼𑒌 𑒕𑒻
𑒩𑒰𑒃𑒞-𑒩𑒰𑒃𑒞 𑒦𑒩𑒱 𑒢𑒻 𑒖𑒢𑒏 𑒮𑒳𑒞𑒻 𑒕𑒻
𑒏𑒞𑒋 𑒮𑒿 𑒋𑒞𑒻 𑒠𑒯𑒹𑒖𑒏 𑒣𑒻𑒮𑒰
𑒯𑒹𑒞𑒻 𑒏𑒹𑒢𑒰 𑒏𑒢𑓂𑒨𑒰𑒠𑒰𑒢 𑒨𑒾

𑒧𑒱𑒟𑒱𑒪𑒰𑒣𑒩 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩𑒏𑒹𑒿 𑒑𑒩𑓂𑒫 𑒕𑒢𑓂𑒯𑒱, 𑒏𑒼𑒢 𑒧𑒱𑒟𑒱𑒪𑒰𑒣𑒩:
𑒖𑒑𑒞𑒩𑒢𑒲 𑒖𑒞𑒋 𑒑𑓀𑒑𑒰 𑒡𑒰𑒩𑒰, 𑒖𑓂𑒨𑒼𑒞𑒱 𑒪𑒱𑓀𑒑 𑒏𑒹𑒩 𑒖𑒞𑒋 𑒅𑒖𑓂𑒨𑒰𑒩𑒰।
𑒯𑒖𑒩𑒞 𑒞𑒳𑒪𑒮𑒲 𑒫𑒰𑒪𑓂𑒧𑒱𑒏𑒏 𑒑𑒳𑒿𑒖𑒱 𑒩𑒯𑒪 𑒅𑒣𑒠𑒹𑒬।

𑒧𑒳𑒠𑒰 𑒥𑒱𑒯𑒰𑒩 𑒁𑒢𑓂𑒞𑒩𑓂𑒑𑒞 𑒖𑒹 𑒧𑒱𑒟𑒱𑒪𑒰 𑒕𑒻 𑒞𑒏𑒩 𑒠𑒬𑒰𑒣𑒩 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩 𑒔𑒱𑒢𑓂𑒞𑒱𑒞 𑒕𑒟𑒱 𑒂 𑒥𑒱𑒯𑒰𑒩𑒏 𑒧𑒳𑒐𑓂𑒨𑒧𑓀𑒞𑓂𑒩𑒲 𑒢𑒲𑒞𑒱𑒬 𑒏𑒳𑒧𑒰𑒩, 𑒖𑒹 𑒫𑒱𑒏𑒰𑒮 𑒣𑒳𑒞 𑒏𑒯𑒪 𑒖𑒰𑒃 𑒕𑒟𑒱 𑒯𑒳𑒢𑒏𑒰 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒠𑒹𑒐𑒥𑓄 𑒔𑒰𑒯𑒻 𑒕𑒟𑒱:
𑒏𑒹𑒧𑒩𑒰𑒮𑒿 𑒞𑒮𑓂𑒫𑒲𑒩 𑒥𑒢𑒹𑒥𑒻
𑒧𑒱𑒟𑒱𑒪𑒰 𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪 𑒣𑒩𑒱𑒫𑒰𑒩 𑒏𑒹𑒩।
𑒞𑒏𑒩𑒰 𑒠𑒹𑒐𑒹𑒥𑒻 𑒣𑒙𑒢𑒰 𑒖𑒰 𑒏𑓄
𑒫𑒱𑒏𑒰𑒮 𑒣𑒳𑒞 𑒢𑒲𑒱𑒞𑒬 𑒏𑒳𑒧𑒰𑒩𑒏𑒹𑒿।
𑒤𑒼𑒙𑒼 𑒥𑒢𑒹𑒥𑒻 𑒐𑒹𑒞 𑒁𑒮𑒱𑓀𑒔𑒱𑒞
𑒮𑒱𑓀𑒔𑒰𑒃 𑒣𑒰𑒢𑒱 𑒫𑒱𑒖𑒪𑒲𑒮𑒿 𑒫𑓀𑒔𑒱𑒞।

𑒧𑒰𑒢𑒫𑒞𑒰 𑒏𑒏𑒩𑒰𑒧𑒹 𑒯𑒹𑒞𑒻, 𑒧𑒰𑒢𑒫𑒹 𑒧𑒹 𑒢𑒹। 𑒂 𑒞𑒏𑒩𑒹 𑒢𑒹 𑒦𑒹𑒙𑒞𑒻 𑒠𑒳𑒢𑒱𑒨𑒰𑒿𑒏 𑒞𑒰𑒖 𑒂 𑒮𑒋𑒯 𑒢𑒹 𑒖𑒲𑒞𑒻 𑒥𑒢𑒱 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩!

𑒞𑒰𑒖 𑒧𑒱𑒪𑒻 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒖𑒑𑒞𑒏
𑒂 𑒥𑒢𑒱 𑒖𑒲𑒥𑒋 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩
𑒧𑒰𑒢𑒫𑒧𑒹 𑒧𑒰𑒢𑒫𑒞𑒰 𑒯𑒼𑒃 𑒞𑒿
𑒥𑒠𑒪𑒻 𑒢𑒻 𑒍𑒏𑒩 𑒁𑒫𑒞𑒰𑒩

𑒞𑒿 𑒗𑒰𑒩𑒴 𑒂 𑒑𑒲𑒞, 𑒖𑒹 𑒥𑒼𑒢-𑒗𑒰𑒿𑒏𑒳𑒩𑒧𑒹 𑒐𑒹𑒞-𑒣𑒟𑒰𑒩𑒧𑒹 𑒒𑒳𑒧𑒻𑒞-𑒤𑒱𑒩𑒻𑒞 𑒪𑒱𑒐𑒰𑒋𑒪 𑒮𑒹 𑒞𑒿 𑒫𑒱𑒬𑒱𑒭𑓂𑒙 𑒯𑒹𑒥𑒹 𑒏𑒩𑒞𑒻 𑒂 𑒍𑒏𑒩 𑒪𑒱𑒐𑒻𑒥𑒪𑒰𑒏𑒹𑒿 𑒮𑒹 𑒞𑒰𑒖 𑒦𑒹𑒙𑒥𑒹 𑒏𑒩𑒞𑒻। 𑒧𑒱𑒟𑒱𑒪𑒰𑒏 𑒦𑒱𑒐𑒰𑒩𑒲 𑒚𑒰𑒏𑒳𑒩 𑒍𑒃 𑒞𑒰𑒖𑒏𑒹𑒿 𑒣𑒯𑒲𑒩𑒱 𑒗𑒰𑒩𑒴𑒠𑒰𑒩 𑒏𑒯𑒹𑒥𑒹 𑒏𑒩𑒞𑒻।

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