भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

(c)२०००-२०२३. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor: Gajendra Thakur

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Sunday, January 07, 2024

जगदीश प्रसाद मण्डल

 जगदीश प्रसाद मण्डल

गामक जिनगी २००९

जीवन-संघर्ष २००९

जिनगीक जीत २००९

मौलाइल गाछक फूल २००९

मिथिलाक बेटी २००९

उत्थान-पतन २००९

जीवन-मरण २००९

तरेगण २०१०

अर्द्धांगिनी २०१३

बजन्ता-बुझन्ता २०१३

बड़की बहिन २०१३

भकमोड़ २०१३

कम्प्रोमाइज २०१३

गीतांजलि २०१३

इन्द्रधनुषी अकास २०१३

झमेलिया बिआह २०१३

नै धाड़ैए २०१३

पंचवटी २०१३

राति-दिन २०१३

रत्नाकर डकैत २०१३

शम्भुदास २०१३

सरिता २०१३

सतभैंया पोखैर २०१३

सुखाएल पोखरिक जाइठ २०१३

स्वयंवर २०१३

तीन जेठ एगारहम माघ २०१३

उलबा चाउर २०१३

अप्पन-बीरान २०१४

बाल गोपाल २०१४

गढ़ैनगर हाथ २०१४

गामक शकल-सूरत २०१४

लजबिजी २०१४

पतझाड़ २०१४

रटनी खढ़ २०१४

समरथाइक भूत २०१४

अपन मन अपन धन २०१५

गुड़ा-खुद्दीक रोटी २०१५

खसैत गाछ २०१५

मधुमाछी २०१५

पसेनाक धरम २०१५

फलहार २०१५

ठूठ गाछ २०१५

उकड़ू समय २०१५

डभियाएल गाम २०१६

एगच्छा आमक गाछ २०१६

गाछपर सँ खसला २०१६

गुलेती दास २०१६

मुड़ियाएल घर २०१६

शुभचिन्तक २०१६

बेटीक पैरुख २०१७

बीरांगना २०१७

बीरांगना (एकांकी) २०१७

इज्जत गमा इज्जत बँचेंलौं २०१७

कल्याणी २०१७

क्रान्तियोग २०१७

पैंतीस साल पछुआ गेलौं २०१७

समझौता २०१७

सतमाए २०१७

स्मृति शेष २०१७

तामक तमघैल २०१७

त्रिकालदर्शी २०१७

आमक गाछी २०१८

अप्पन गाम २०१८

देखल दिन २०१८

दिवालीक दीप २०१८

दोहरी हाक २०१८

गपक पियाहुल लोक २०१८

लहसन २०१८

पंगु २०१८

सतबेध २०१८

सुभिमानी जिनगी २०१८

भौक २०१९

चौरस खेतक चौरस उपज २०१९

चितवनक शिकार २०१९

चुनौती २०१९

गामक आशा टुटि गेल २०१९

खिलतोड़ जिनगी २०१९

रहसा चौरी २०१९

समयसँ पहिने चेत किसान २०१९

अकास गंगा २०२०

अन्तिम परीक्षा २०२०

गामक सूरत बदैल गेल २०२०

हारल चेहरा जीतल रूप २०२०

कामधेनु २०२०

कर्ताक रंग कर्मक संग २०२०

कृषियोग २०२०

मन मथन २०२०

रहै जोकर परिवार २०२०

सुचिता २०२०

अंतिम क्षण २०२१

घरक खर्च २०२१

जीवनक कर्म जीवनक मर्म २०२१

कुण्ठा २०२१

मोड़पर २०२१

नीक ठकान ठकेलौं २०२१

पयस्विनी २०२१

संकल्प २०२१

आएल आशा चलि गेल २०२२

अप्पन साती २०२२

भरि मन काज २०२२

नियति आ पुरुषार्थ २०२३

पंचदेव सीरीज

पंचदेव-१  पंचदेव-२  पंचदेव-३  पंचदेव-४  पंचदेव-५  पंचदेव-६  पंचदेव-७  पंचदेव-८  पंचदेव-९  पंचदेव-१०  पंचदेव-२०  पंचदेव-३०  पंचदेव-४०  पंचदेव-५०  पंचदेव-६०  पंचदेव-७०  पंचदेव-८०  पंचदेव-९०  पंचदेव-१००

दुध-पानि फराक-फराक (कथा एवं पाण्डुलिपि जगदीश प्रसाद मण्डल)(छाया एवं सम्पादन- उमेश मण्डल)

जगदीश प्रसाद मण्डल जीक ६५ टा पोथीक नव संस्करण विदेहक २३३ (Videha_01_09_2017) सँ २५० (Videha_15_05_2018 ) धरिक अंकमे धारावाहिक प्रकाशन नीचाँक लिंकपर पढ़ू:-

 

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पंगु (उपन्यास)- साहित्य अकादेमी मूल पुरस्कार २०२१ सँ सम्मानित पोथी

पंगु (हिन्दी अनुवाद रामेश्वर प्रसाद मण्डल)

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पूर्वपीठिका : इंटरनेटपर मैथिलीक प्रारम्भ हम कएने रही 2000 ई. मे अपन भेल एक्सीडेंट केर बाद, याहू जियोसिटीजपर 2000-2001 मे ढेर रास साइट मैथिलीमे बनेलहुँ, मुदा ओ सभ फ्री साइट छल से किछु दिनमे अपने डिलीट भऽ जाइत छल। ५ जुलाई २००४ केँ बनाओल “भालसरिक गाछ” जे http://gajendrathakur.blogspot.com/ पर एखनो उपलब्ध अछि, मैथिलीक इंटरनेटपर प्रथम उपस्थितिक रूपमे अखनो विद्यमान अछि। फेर आएल “विदेह” प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका http://www.videha.co.in/पर। “विदेह” देश-विदेशक मैथिलीभाषीक बीच विभिन्न कारणसँ लोकप्रिय भेल। “विदेह” मैथिलक लेल मैथिली साहित्यक नवीन आन्दोलनक प्रारम्भ कएने अछि। प्रिंट फॉर्ममे, ऑडियो-विजुअल आ सूचनाक सभटा नवीनतम तकनीक द्वारा साहित्यक आदान-प्रदानक लेखकसँ पाठक धरि करबामे हमरा सभ जुटल छी। नीक साहित्यकेँ सेहो सभ फॉरमपर प्रचार चाही, लोकसँ आ माटिसँ स्नेह चाही। “विदेह” एहि कुप्रचारकेँ तोड़ि देलक, जे मैथिलीमे लेखक आ पाठक एके छथि। कथा, महाकाव्य,नाटक, एकाङ्की आ उपन्यासक संग, कला-चित्रकला, संगीत, पाबनि-तिहार, मिथिलाक-तीर्थ,मिथिला-रत्न, मिथिलाक-खोज आ सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक समस्यापर सारगर्भित मनन। “विदेह” मे संस्कृत आ इंग्लिश कॉलम सेहो देल गेल, कारण ई ई-पत्रिका मैथिलक लेल अछि, मैथिली शिक्षाक प्रारम्भ कएल गेल संस्कृत शिक्षाक संग। रचना लेखन आ शोध-प्रबंधक संग पञ्जी आ मैथिली-इंग्लिश कोषक डेटाबेस देखिते-देखिते ठाढ़ भए गेल। इंटरनेट पर ई-प्रकाशित करबाक उद्देश्य छल एकटा एहन फॉरम केर स्थापना जाहिमे लेखक आ पाठकक बीच एकटा एहन माध्यम होए जे कतहुसँ चौबीसो घंटा आ सातो दिन उपलब्ध होअए। जाहिमे प्रकाशनक नियमितता होअए आ जाहिसँ वितरण केर समस्या आ भौगोलिक दूरीक अंत भऽ जाय। फेर सूचना-प्रौद्योगिकीक क्षेत्रमे क्रांतिक फलस्वरूप एकटा नव पाठक आ लेखक वर्गक हेतु, पुरान पाठक आ लेखकक संग, फॉरम प्रदान कएनाइ सेहो एकर उद्देश्य छ्ल। एहि हेतु दू टा काज भेल। नव अंकक संग पुरान अंक सेहो देल जा रहल अछि। विदेहक सभटा पुरान अंक pdf स्वरूपमे देवनागरी, मिथिलाक्षर आ ब्रेल, तीनू लिपिमे, डाउनलोड लेल उपलब्ध अछि आ जतए इंटरनेटक स्पीड कम छैक वा इंटरनेट महग छैक ओतहु ग्राहक बड्ड कम समयमे ‘विदेह’ केर पुरान अंकक फाइल डाउनलोड कए अपन कंप्युटरमे सुरक्षित राखि सकैत छथि आ अपना सुविधानुसारे एकरा पढ़ि सकैत छथि।
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