भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल अखनो ५ जुलाई २००४ क पोस्ट'भालसरिक गाछ'- केर रूपमे इंटरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितिक रूपमे विद्यमान अछि जे विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,आ http://www.videha.co.in/ पर ई प्रकाशित होइत अछि।
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
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पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। Editor:
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Saturday, April 11, 2009
14 comments:
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खंजनि चलली बगढड़ाक चालि, अपनो चालि बिसरली अपन वस्तुलक परित्याकग क’ आनक अनुकरण कयलापर अपनो व्यिवहार बिसरि गेलापर व्यंपग्यय। खइनी अछि दुइ मो...
bad nik bhaiya
ReplyDeletebad nik, ehina regularity bane rahu, nahi te puran sahityakar/ lokani te samyak kono bandhan bujhite nahi chhalah/ chhathi, ona exception takhno chhal akhno achhi
ReplyDeletechamatkari kala se chamatkrit kay rahal chhi ahan
ReplyDeleteehi ber te pacchilo ber se beshi nik
ReplyDeleteehi ber pher uttam prastuti
ReplyDeletekamal kelahu sathi
ReplyDeletemahesh jha
ek ber pher bahut nik
ReplyDeletenatasha te shaitan achhi
ReplyDeletepet phula delahu bhai
ReplyDeleteehina kala se chatkrit karait rahoo
ReplyDeletebhai ji ahank cartoon ke ham prashanshak bhay gelahu,
ReplyDeleteekar mahatva ehi me achhi je ham sabh apana ke inferiority complex se bahar nikali sakait chhi,
ee bhasha aa kalak unnatik sangam ta se hoyat
natasha maithili comics me kirtiman sthapit karat se aasha achhi.
ReplyDeletekamal achhi bhai,
ReplyDeletekatek phurai ye
ahan aa kumar saurav dunu gote ke badhai
shyam sundar
dhanyavad Bhai Ji, aab te sabh shani hamar bachcha natasha dekhba lel computer 2-3 ber kholba lait achhi.
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