भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

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Saturday, April 11, 2009

नताशा 02 (चित्र-श्रृंखला पढ़बाक लेल नीचाँक चित्रकेँ क्लिक करू आ आनन्द उठाऊ।)

14 comments:

  1. bad nik, ehina regularity bane rahu, nahi te puran sahityakar/ lokani te samyak kono bandhan bujhite nahi chhalah/ chhathi, ona exception takhno chhal akhno achhi

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  2. chamatkari kala se chamatkrit kay rahal chhi ahan

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  3. ehi ber te pacchilo ber se beshi nik

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  4. Anonymous12:25 AM

    kamal kelahu sathi

    mahesh jha

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  5. natasha te shaitan achhi

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  6. ehina kala se chatkrit karait rahoo

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  7. bhai ji ahank cartoon ke ham prashanshak bhay gelahu,

    ekar mahatva ehi me achhi je ham sabh apana ke inferiority complex se bahar nikali sakait chhi,

    ee bhasha aa kalak unnatik sangam ta se hoyat

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  8. natasha maithili comics me kirtiman sthapit karat se aasha achhi.

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  9. Anonymous8:51 PM

    kamal achhi bhai,
    katek phurai ye

    ahan aa kumar saurav dunu gote ke badhai

    shyam sundar

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  10. Rama Jha10:13 PM

    dhanyavad Bhai Ji, aab te sabh shani hamar bachcha natasha dekhba lel computer 2-3 ber kholba lait achhi.

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