अशोक दत्त
जनकपुर, नेपाल
दू टप्पी
पतुरियासन मुस्की मगरसन नोर नेने
भोरसं सांझधरि फ़ुसिएटा परसैए
गिरगिट त दुनियांमे ब्यर्थे बदनाम अछि
गिरगिटसं बेशी मनुक्ख रंग बदलैए
लुत्ती
करेजपर चोट लगै छै त लुत्ती जनमै छै
केओ जं घात करै छै त लुत्ती जनमै छै
फ़ाटल चाहे जत्ते हो देहके वस्त्र मुदा
चीर पर हाथ बढै छै त लुत्ती जन्मै छै
रहओ केहनो अपन मडैया बडा नीक लगैछ
बास उपट' लगै छै त लुत्ती जनमै छै
ल कर्मक रङकुच्ची बनबैया अपन फ़ोटो
ओ फ़ोटो डहै छै त' लुत्ती जनमै छै
सोनित या पानि धरती होइछै समान सभके
भेदके रङ चढ़ैछै त लुत्ती जनमै छै
बुझि छाउर सर्द चाहे जत्ते खेल करए
बात जं हकके अबैछै त लुत्ती जनम छै
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